बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 28 सितंबर। शहर के मोहल्लों में कई स्थानों पर खुले में ट्रांसफार्मर से हादसे की आशंका है। स्कूल के आसपास सहित शहर में करीब 15 से ज्यादा ट्रांसफार्मर खुले में हैं।
देवरहा तालाब के पास खुले में ट्रांसफार्मर है और उसके आसपास छुट्टी के बाद स्कूल के बच्चों का झुंड खड़ा था। वहीं आसपास के लोगों ने बताया कि तीन दिन पहले ही महात्मा गांधी प्राथमिक स्कूल के एक छात्र ने छुट्टी के बाद ट्रांसफार्मर को छू दिया था, जिसके बाद जोरदार झटके से वह दूर जा गिरा। बच्चे की जान बाल-बाल बच गई।
स्कूल प्रबंधन ने जब घटना के बारे में पूछा गया तो उसने भी इस हादसे की पुष्टि की है। हादसे के बाद स्कूल प्रबंधन सहित पालकों को भी भय से भर दिया है। विभागीय अधिकारियों की इस लापरवाही से आगे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
इस संबंध में कार्यपालन यंत्री वीके राठिया ने कहा कि स्कूल के सामने इस तरह के किसी ट्रांसफार्मर के खुले होने की जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है। तत्काल ट्रांसफार्मर को कवर करने के लिए निर्देशित कर रहे हैं।
विद्युत विभाग की लापरवाही लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रही है तो कई मवेशियों की मौत हो गई है। वहीं शहर के पोस्ट ऑफिस के पीछे वार्ड क्रमांक 6 के एक घर की छत के सामने से गुजरते तार, कई सडक़ों पर झूलते तार के अलावा बिना सुरक्षा इंतजाम के लगाए गए बीच सडक़ पर ट्रांसफार्मर लोगों के लिए जानलेवा बने हुए हैं।
सबसे ज्यादा खतरा भीड़ वाले एरिया में लगे ट्रांसफार्मर से है। बरसात के दिनों में इन स्थानों पर करंट का खतरा काफी बढ़ जाता है। कई स्थानों पर नंगे तार भी देखने को मिले हैं। इस लापरवाही के लिए विभाग के साथ-साथ नगर पालिका भी जिम्मेदार है। हालांकि बिजली व पालिका के अधिकारी अधिकतर ट्रांसफार्मर के चारों ओर फेंसिंग तार लगाने की बात कह रहे हैं, लेकिन वास्तविकता इससे परे हैं। अधिकांश ट्रांसफार्मर पर न तो तार फेंसिंग जाली है और न ही चारदीवारी बनी हुई है।
स्कूल प्रबंधन के मुताबिक 10 साल से ही अधिक समय हो गया है। यहां ट्रांसफार्मर इसी स्थिति में है। विभाग को कई साल से शिकायत कर रहे हैं, पर कभी भी इस संवेदनशील मामले को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।
प्रबंधन का कहना है कि पिछले 1 से 2 साल से शिकायत करने के बाद शिकायत करना भी छोड़ दिया। अब सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है। छुट्टी हो या रिसेस दोनों समय पर भयभीत रहते हैं, क्योंकि बच्चे इन्हीं दोनों समय में ही इसी ट्रांसफार्मर के आगे दौड़ते भागते या खेलते रहते हैं।
गाडिय़ां भी ट्रांसफार्मर के संपर्क में आ जाती है
शहर में करीब 150 छोटे-बड़े विद्युत ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं, इसमें से कितने ट्रांसफार्मर खुले में रखे हैं या टूटे-फूटे फाउंडेशन पर टिके हैं, इसका वास्तविक आंकड़ा विभाग के पास नहीं है। मगर ऐसे खुले ट्रांसफार्मर की संख्या काफी है। जिसमें फेंसिंग तार न लगी होने के कारण आसपास बिजली के तार फैले रहते हैं। मौली गेट के थोड़ा आगे ही चौराहे पर ही ऐसी ऐसा ही खुल ट्रांसफार्मर है, जहां से चार पहिया वाहन चालक अपनी गाडिय़ों को मोडऩे के लिए रिटर्न गियर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में रिटर्न मोड पर गाडिय़ां कभी भी सीधे ट्रांसफार्मर के संपर्क में आ सकती है, बड़ा हादसा हो सकता है। यहां खुले में रखे ट्रांसफार्मर के तार भी फैले हुए हैं।