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संदीप हत्याकांड : 22 दिन बाद अंतिम संस्कार
28-Sep-2024 10:17 PM
संदीप हत्याकांड : 22 दिन बाद अंतिम संस्कार

25 लाख मुआवजा, पत्नी को नौकरी पर आंदोलन समाप्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर/सीतापुर, 28 सितंबर। सीतापुर के राजमिस्त्री संदीप लकड़ा के शव का अंतिम संस्कार 22 दिनों बाद गृहग्राम बेलजोरा में शनिवार को हिन्दू रीति रिवाज से किया गया। संदीप की हत्या के विरोध में 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुक्रवार को समाप्त हुआ। अंतिम संस्कार में विधायक रामकुमार टोप्पो, प्रबोध मिंज सहित सर्व आदिवासी समाज शामिल हुए। बेलजोरा में सुबह से ही फोर्स तैनात रही।

शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ हुई चर्चा के बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया। परिजनों को 25 लाख मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी एवं अन्य घोषणाओं के बाद आंदोलन समाप्त किया गया। शनिवार को अंबिकापुर मच्र्युरी में 22 दिनों से रखे शव को निकालकर पुलिस ने बेलजोरा पहुंच परिजनों को सौंपा।

 बेलजोरा में संदीप लकड़ा का शव पहुंचा। परिजनों ने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए शव की पेटी को खोलने की मांग की। मौके पर तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमण की आशंका को देखते हुए इसकी इजाजत नहीं दी।

श्रद्धांजलि सभा के बाद हिंदू रीति-रिवाज के साथ संदीप लकड़ा का शव दफन किया गया। अंतिम संस्कार के पूर्व पुलिस बल भी गांव में तैनात किया गया था। हालांकि कोई विवाद की स्थिति नहीं बनीं।

अनुसूचित जनजाति आयोग करेगा पूछताछ

मामले में आईजी ने तत्कालीन थाना प्रभारी जॉन प्रदीप लकड़ा, विवेचना अधिकारी रमेश चंद्र राय व प्रधान आरक्षक रूपेश महंत को सस्पेंड किया है। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामला परिजनों की शिकायत पर संज्ञान में लिया है एवं पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।

ज्ञात हो कि सीतापुर थानाक्षेत्र में तीन माह से लापता संदीप लकड़ा का शव मैनपाट में पानी टंकी की नीचे में दफन मिला था। 06 सितंबर को पुलिस ने नल-जल योजना की पानी टंकी को ढहाकर शव बरामद किया था। मामले में पुलिस ने संदीप लकड़ा की हत्या के आरोप में पुलिस ने ठेकेदार प्रत्युश पांडेय, गौरी पांडेय सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हत्याकांड का मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय अब तक फरार है।

संदीप लकड़ा के लापता होने के बाद कई बार शिकायत के बाद भी सीतापुर पुलिस ने अपराध दर्ज नहीं की। शव मिलने के बाद आक्रोशित परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था। हत्या के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी सहित दो करोड़ मुआवजा व पत्नी को नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने अनिश्चित कालीन आंदोलन 12 सितंबर से शुरू किया था।

हत्याकांड में आरोपों से घिरी पुलिस

संदीप हत्याकांड मामले में पुलिस पर सीधे तौर पर विवेचना में लापरवाही, पैसे लेकर आरोपियों को बचाने के आरोप लगे और पूरा मामला बिगड़ गया। दरअसल 7 जून को संदीप को ठेकेदार अभिषेक पांडेय के साथी मारपीट करते हुए गाड़ी में डालकर ले गए और वह नहीं लौटा। 08 जून को ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने संदीप एवं उसके साथी पर छड़ एवं सीमेंट चोरी करने की एफआईआर दर्ज कराई। 16 जून को संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा ने ठेकेदार एवं साथियों पर संदीप लकड़ा की हत्या करने का संदेह जताते हुए शिकायत की गई। उच्चाधिकारियों को शिकायत के बाद भी मामले में गुमशुदगी दर्ज की गई एवं ठेकेदार एवं साथियों से पूछताछ तक नहीं की गई।

21 जुलाई को सर्व आदिवासी समाज ने थाने का घेराव किया तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

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