रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर। वित्त विभाग ने साय सरकार के दूसरे बजट (2025-26 के लिए) के लिए सीमा रेखा तय कर दी है। वित्त सचिव ने सभी विभागों से चालू वर्ष के बजट से मात्र 8त्न वृध्दि करते हुए नए प्रावधान मांगा है। इसके मुताबिक भी विभाग प्रस्ताव भेजते हैं तो अगली बजट 1.59 लाख करोड़ का रिकार्ड बजट होने जा रहा है।
उप सचिव वित्त रामेश्वर शर्मा ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिवों को नए प्रस्तावों को लेकर पत्र भेजा है।इसके मुताबिक अपरीक्षित नवीन व्यय के रूप में प्रस्ताव यथासंभव बजट में शामिल नहीं किए जाएंगे।
इन प्रस्तावों के साथ योजना का योजना का स्वरूप, उद्देश्य का उल्लेख किया जाए। योजनाओं की वित्त पोषण व्यवस्था यथा-भारत सरकार, वित्तीय संस्थाए, विदेशी सहायता, राज्य शासन आदि के संबंध में टीप दी जाए। जिसमें केन्द्र / एजेंसी का अंश व राज्यांश के अनुपात का स्पष्ट उल्लेख हो। केन्द्र प्रवर्तित, केन्द्र क्षेत्रीय, विशेष / अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता योजनाओं का नाम एवं प्रकार केन्द्र शासन के स्वीकृति आदेश के अनुरूप ही उल्लेख किया जाए। विशेष रूप से बाह्य सहायता प्राप्त योजनाओं, जिनमें केन्द्र प्रायोजित, निगम सहायित एवं अन्य विदेशी सहायता प्राप्त योजनाएं सम्मिलित है, में अनुदान व ऋण के रूप में प्राप्त राशि को पृथक-पृथक भी बताना होगा। इससे राज्य पर पडऩे वाले ऋण भार का स्पष्ट आंकलन किया जा सकेगा। केन्द्र प्रवर्तित पीएमजीएसवाई, मनरेगा, पीएम आवास आदि में 2024-25 के आधार पर ही केन्द्राश एवं आनुपातिक राज्यांश का प्रावधान प्रस्तावित किया जाए।
यह भी कहा है कि राज्य शासन द्वारा लगाए गए विभिन्न उपकरों की आय से निर्मित विकास एवं कल्याण निधियों जैसे ग्रामीण विकास निधि, शाला विकास निधि, ऊर्जा विकास निधि, केन्द्रीय सडक़ निधि आदि से अंतरित राशि व्यय के लिए विभिन्न विभागों के बजट में योजनाओं की निधि में अंतरित की जाने वाली राशि भी कृपया स्पष्टत: दर्शायी जाए। कार्यालय व्यय के अंतर्गत अन्य आकस्मिक व्यय में प्रावधान न्यूनतम और उसके उद्देश्य का कृपया स्पष्ट उल्लेख करें अन्यथा वर्ष 2025-2026 के बजट में यह प्रावधान शून्य कर दिया जाएगा।
बजट में राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय का सही वर्गीकरण दर्शाया जाए। वित्त निर्देश 13 मई, 2011 द्वारा नई सेवा / सेवा के नये साधन की वित्तीय सीमा के व्यय के नवीन मदों / सेवाओं की परिभाषा, वित्तीय सीमा को ध्यान में रखते हुए समस्त नवीन व्यय के प्रस्तावों को पूर्ण औचित्य सहित पृथक से नस्ती में वित्त विभाग की सहमति हेतु प्रस्तुत किया जाए।नवीन व्यय के मद को बजट प्रस्ताव में पृथक से भेजा जाए। वर्ष 2024-2025 के पुनरीक्षित अनुमान के आकलन हेतु विगत 12 माह का वास्तविक व्यय आवश्यक है। पिछले दो वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान के आधार पर ही वर्ष 2025-2026 का बजट अधिकतम 08 प्रतिशत वृद्धि करते हुए तैयार किया जाए।राजस्व प्राप्ति तथा पूंजीगत व्यय के प्रावधानों में चालू वर्ष के अनुमान तथा पुनरीक्षित अनुमानों के बीच तथा पुनरीक्षित अनुमान तथा आगामी वर्ष के अनुमान के बीच उल्लेखनीय अंतर को संक्षेप में स्पष्ट करते हुए टीप दी जाए।
वेतन भत्ते
त्यौहार अग्रिम तथा चिकित्सा अग्रिम के अनुमानों के प्रस्ताव निवल (हृद्गह्ल) के आधार पर शामिल किया जाए।वर्ष 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमान में 01-वेतन के अंतर्गत 003 महंगाई भत्ता मद में 001-वेतन अंतर्गत प्रावधानित राशि का 50 प्रतिशत एवं वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमान में 58 प्रतिशत अनुमानित प्रावधान रखा जाए।