धमतरी
प्रत्येक परिवार को मिला 100 दिन का रोजगार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 7 जनवरी। गांव का समृद्ध विकास एक कुशल शासक के कार्य को दर्शाता है। जब यह कार्य गांव के हित में हो तो निश्चित इसकी चर्चा चहूं ओर होती है। गांव का विकास, योजना से निर्मित परिसंपत्ति का संरक्षण, संवर्धन होने से विकास कार्यों के प्रति लोगों के सोच में परिवर्तन आने लगता है। सकारात्मक सोच का परिणाम शासन की महत्वाकांक्षी योजना को बिना आड़े आये आबाद गति से क्रियान्वित करती है।
ग्राम पंचायत गोजी विकासखंड कुरूद मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी और धमतरी जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ज्यादातर ग्रामीण कृषि पर निर्भर है। कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर, बैलगाड़ी एवं पशुपालकों के मवेशियों के आने-जाने के लिए बड़ी समस्या थी। बरसात कि दिनों में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। विकास कार्यों में आ रही समस्याओं का समाधान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से पूर्ण हुआ। वर्ष 2019-20 में हीरा से गोसाईं खेत तक मिट्टी धरसा सडक़ निर्माण कार्य राशि 6.93 लाख रूपये, वर्ष 2020-21 में बजरंगबली मंदिर से रोहित घर तक धरसा सडक़ निर्माण कार्य राशि 5.94 लाख रूपये, मुख्य मार्ग से शमशान घाट तक धरसा मिट्टी सडक़ निर्माण कार्य राशि 3.29 लाख रूपये, लक्ष्मण घर से राधाकृष्ण मंदिर धरसा मिट्टी सडक़ निर्माण कार्य राशि 4.18 लाख रूपये, विश्वा यादव खेत से बिसे ब्यारा तक धरसा मिट्टी सडक़ निर्माण कार्य राशि 4.61 लाख रूपये के कार्य कराये गये। धरसा सडक़ निर्माण हेतु किसानों की लंबी मांग थी। अब किसानों की सारी समस्याएं दूर हुई और आवागमन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इसी तरह वर्ष 2019-20 में नया तालाब निर्माण कार्य राशि 9.97 लाख, रूपये, शमशान घाट तालाब सह घाट निर्माण कार्य राशि 9.66 लाख, वर्ष 2020-21 में रामसागर तालाब गहरीकरण सह पींिचंग निर्माण कार्य राशि 9.97 लाख रूपये, जुन्ना तालाब गहरीकरण सह पीचिंग निर्माण कार्य राशि 10.00 लाख रूपये, हीरा तालाब गहरीकरण सह पीचिंग निर्माण कार्य राशि 9.98 लाख रूपये जिला कार्यालय से स्वीकृति दी गई।
अब तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से राशि 59.25 लाख रूपये के कार्य कराये जा चुके हैं। जॉबकार्डधारी परिवारों की सक्रिय भागीदारी से पंचायत के कार्योंं को नया आयाम दिया गया। इस तरह 257 जॉबकार्डधारी परिवार के कुल 450 श्रमिकों ने रोजगार नियोजित कर 27729 मानव दिवस अर्जित किया गया। तथा 197 नियोजित श्रमिकों को 100 दिवस का रोजगार दिया गया। कोरोना वायरस (कोविड-19) लॉकडाउन के दौरान तत्काल उनके खाते में मजदूरी का भुगतान कराया गया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि-कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराकर जीविकोपार्जन हेतु आर्थिक समृद्धि का सुरक्षा दिया गया। संकट के समय यह राशि श्रमिकों के परिवार में संजीवनी की तरह काम आये। मनरेगा से श्रमिकों को आर्थिक समृद्धि का बढ़ावा देना योजना का मुख्य लक्ष्य है।
सुश्री कुंती देवांगन कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत कुरूद ने बताया कि-उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार प्रत्येक पंचायतों में कार्य स्वीकृत कराने के निर्देश दिये गये थे। पंचायत की सजगता से ग्रामीण श्रमिकों को मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया। लॉकडाउन में मनरेगा कार्य से इन श्रमिकों को बड़ी राहत मिली।
सरपंच थानेश्वर तारक ने बताया कि-ग्रामीण एवं श्रमिकों के समन्वय से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से विकास कार्यों की सहभागिता सुनिश्चित हुई। आवश्यकतानुसार मूलभूत के कार्य होने से ग्रामीण कृषकों को भी आवागमन के साधन से मुश्किल आसान हुई। पंचायत का सपना साकार हुआ। लोगों में शासन के प्रति विश्वास बढ़ा।