रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 2 मार्च। सीडब्लूसी एवं महिला व बाल विकास की संयुक्त टीम ने यूपी के मथुरा से ढाई साल के बच्चे को रेस्क्यू कर लाई है। बताया जा रहा है कि बच्चे को रखे आरोपियों ने टीम पर हमला करने का प्रयास भी किया था।
रायगढ़ के घरघोड़ा क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग युवती को काम करने के बहाने बहला-फुसलाकर युवक ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और पत्नी की तरह उसे रखने लगा। इधर जब युवती गर्भवती हुई तो उसे यूपी के मथुरा में ले जाकर राकेश शर्मा के पास 30 हजार में बेच दिया था। मथुरा में उसे बंदी बनाकर रखा गया था और उसे प्रताडि़त भी किया जाता रहा। इस बीच युवती ने बच्चे को जन्म दिया तो उसे बच्चे से भी मिलने नहीं दिया जाता था। किसी तरह युवती वहां से भाग कर रायगढ़ वापस आई। यहाँ जनवरी 2020 में उसने अपने बच्चे को लाने व आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पुलिस एवं चाइल्ड लाइन से गुहार लगाई थी। सोमवार को टीम ने मथुरा से रेस्क्यू कर रायगढ़ लाया है।
इधर महिला एवं बाल विकास अधिकारियों का कहना है कि एक महिला की शिकायत मिली थी जिसमें उसने बताया कि मथुरा में उसका बच्चा उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने जबरदस्ती बच्चे को रख लिया है। पूरे मामले की जांच के बाद पता चला कि महिला को दो से तीन बार अन्य पुरुषों को बेचा गया था। इसी दौरान उसकी एक बच्चा भी हो गया मथुरा से बच्चे को लाया गया है। मथुरा में स्थानीय और परिवार वालों के भारी विरोध के बाद बच्चे को सुरक्षित रायगढ़ लाया गया है और महिला को सुपुर्द किया गया है।
महिला के शिकायत के अनुसार आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी। महिला के कथन के अनुसार पूरा मामला मानव तस्करी से संबंधित है इसलिए इसमें पुलिस की भी मदद ली जाएगी और संबंधित लोगों पर कार्यवाही किया जाएगा।