रायगढ़
4 साल पहले खरसिया के गंज बाजार में हुई थी घटना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 मार्च। करीब 4 साल पहले खरसिया के गंजबाजार में सराफा व्यवसायी की हत्या करते हुए लाखों रूपए के सोने-चांदी के जेवरात व नगद रकम की डकैती डालने के बहुचर्चित मामले में कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में संदेह से परे का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि विगत 15-16 अपै्रल 2017 की दरम्यिानी रात खरसिया के गंजबाजार हनुमान मंदिर के समीप निवासी ज्वेलरी व्यवसायी विजय कुमार अग्रवाल पिता गुलाब चंद अग्रवाल के निवास पर स्थित ज्वेलरी शॉप में आशीष सरोद, प्रवीण उर्फ गोल्डी, अभिजीत, विष्णु नाकुरे, सोनु उर्फ दिगंबर ने डकैती की और इसी दौरान व्यवसायी की हत्या कर दी और इसी व्यवसायी की हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद ये आरोपी खरसिया रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां पहले से उनके चार साथी संजय अग्रवाल, महेन्द्र कुमार, गेंदराम यादव व नरसिंह यादव उनका इंतजार कर रहे थे। घटना के दूसरे दिन सभी आरोपी जांजगीर चांपा जला अंतर्गत जैजैपुर के पर्थरा गांव पहुंचे और महेन्द्र कुमार के निवास में सोने-चांदी के जेवरात व नगद रूपए का बंटवारा करते हुए अलग-अलग फरार हो गए। इस मामले में जब रायगढ़ पुलिस ने सीसीटीवी व मोबाईल लोकेशन टेऊस किया तो आरोपियों के बारे में पता चला जिसके बाद पुलिस ने नागपुर, जांजगीर चापा जिला व रायगढ़ से कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नगद व सोने-चांदी के जेवरात समेत 16.40 लाख का माल बरामद करते हुए सभी के खिलाफ चालान कोर्ट में पेश किया था जहां लंबे समय चली सुनवाई के उपरांत पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आदित्य जोशी ने सभी आरोपियों को हत्या व डकैती के मामले में पर्याप्त सबूत न होनें सीसीटीवी फुटेज क्लीयर न होनें के कारण संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी करने का आदेश दिया है। इस प्रकरण में अभियुक्तगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शराफ के साथ उनके कनिष्ठ अधिवक्ता मतादीन यादव, रीतू सिंह, विवेक मिश्रा, बीबी गोश्वानी व शकुंतला विश्वकर्मा ने पैरवी की।