रायगढ़
दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं भगवान शिव के दर्शन करने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 12 मार्च। जिले के पुसौर ब्लॉक में एक ऐसा गांव भी है जहां भगवान भोलेनाथ के प्रति लोगों में आस्था देखते ही बनती है। रायगढ़ जिले के साथ-साथ पड़ोसी प्रांत बिहार, झारखण्ड़ व ओडिसा से शताधिक संख्या में श्रद्धालु भक्त कई किलोमीटर की यात्रा कर भगवान गुप्तेश्वर महादेव की नगरी कलमीगुडी पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर इस जगह मेला सा माहौल रहता है। ग्रामवासियों के अनुसार यहां 50 हजार से भी अधिक लोगों की भीड़ उमड़ती है।
रायगढ़ जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित है ग्राम कलमीगुड़ी। गांवा वालों के मुताबिक इस गांव की जनसंख्या लगभग 500 के आसपास है। गांव के तालाब किनारे बने मंदिर में प्राचीन काल का भगवान गुप्तेश्वर महादेव की अद्भूत स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। भगवान गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन के लिए अब यहां जिलेवासियों के साथ-साथ पड़ोती प्रांत बिहार, झारखण्ड व ओडिशा से भी भक्त पहुंचे।
गांव के बुजुर्ग ग्रामीण भगतराम गुप्ता एवं युवा प्रेमानंद गुप्ता, नित्या नंद गुप्ता, सुशील प्रधान ने ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता को बताया कि बुजुर्गों के सुने अनुसार पोरथ धाम से एक गौ माता गुप्तेश्वर महादेव की जगह पर आकर खड़ी होती थी और खड़े होते ही गौ माता की थन से अपने आप दूध निकलने लगता था। साथ ही उस जगह पर आग की तरह जलन महसूस होती थी और यहां कोई खजाना दबे होनें की आशंका से चार लोगों के द्वारा खुदाई की गई, जिन्हें खुदाई के दौरान शिवलिंग, नंदी, भैरव व एक पत्थर का चौखट मिला।
इस घटना के अगले दिन गांव के बाहर उन चारो लोगों की मृत्यु हो गई। इसके बाद ग्रामवासियों में भगवान भोलेनाथ के प्रति आस्था बढ़ गया ग्रामवासियों ने सर्वप्रथम लकड़ी व मिट्टी से मंदिर बनाकर शिवलिंग मंदिर की स्थापना की गई।
गांव वालों ने यह भी बताया कि इस मंदिर में शिवलिंग तिरछा है। पहले शिवलिंग छोटा था, जो धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है। इसके अलावा खुदाई करने के दौरान एक जटा भी मिला था जिसे फ्रेम लगाकर दिवाल में लगाया गया है, वह जटा भी धीरे धीरे बढ़ रहा है। इसके अलावा खुदाई के दौरान नंदी महराज, भैरव एवं मंदिर का चौखट भी निकला था। जिसमें नंदी महराज की मूर्ति भी धीरे-धीरे बढ़ रही है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर अपने परिवार के साथ पूजा करने आने वाले श्रद्धालु कपिल देव प्रसाद ने बताया कि वह झारखण्ड का रहने वाला हैं पुसौर क्षेत्र में विगत पांच वर्षो से किसी निजी संस्था में काम कर रहे हैं हर वर्ष वह यहां पहुंचकर महाशिवरात्रि की पूजा में शामिल होते हैं इस बार वे अपनी पत्नी नीलम साथ यहां पहुंचे है। इसके अलावा बिहार व ओडिसा से यहां शताधिक की संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं।
जहरीले जीव जंतु के जहर से नहीं होती मौत
गांव के बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना था कि कलमीगुड़ी में भगवान भोलेनाथ की कृपा दृष्टि बनी हुई है इस वजह से जहां तक गांव फैला हुआ उस स्थल तक आज तक सांप, बिच्छु या फिर किसी भी जहरीले जीव जंतु के जहर से एक भी मौत नही हुई है। गांवा वालों की माने तो उन पर भगवान गुप्तेश्वर का आशीर्वाद है। जिसके कारण इस गांव की परिधि में रहने वाले लोग सुरक्षित हैं।