कोरबा

भू-विस्थापितों का आंदोलन समाप्त, 20 हज़ार टन कोयला उत्पादन प्रभावित
08-Jun-2021 9:35 PM
भू-विस्थापितों का आंदोलन समाप्त, 20 हज़ार टन कोयला उत्पादन प्रभावित

एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार दीपका की मध्यस्थता से वन टू वन चर्चा पर बनी सहमति

कोरबा, 8 जून। एसईसीएल की तानाशाही व अनदेखी से नाराज होकर ऊर्जा भू-स्थापित किसान कल्याण समिति ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया था। अब यह विरोध व धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया है।

कलेक्टर रानू साहू के संज्ञान एवं एसडीएम कटघोरा सूर्य किरण तिवारी के आदेशानुसार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट दीपका शशिभूषण सोनी ने भू-विस्थापितों को समझाईश दी। तब जाकर 10 सूत्री मांगों को लेकर एसईसीएल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें संगठन ने अपना विरोध और धरना प्रदर्शन समाप्त किया।

ज्ञात हो कि ऊर्जा भू-स्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर एसईसीएल दीपका प्रबंधन एवं प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। मांग पूरी ना होता देख भू-विस्थापितों ने आज 8 जून को दीपका खदान में बड़ी संख्या में पहुंचकर कोल उत्पादन कार्य को प्रभावित किया। संगठन के प्रदर्शनकारी, जहां से कोयला उत्खनन और ओवरबर्डन का उत्खनन होता है वहां पहुंच कर कार्य को बाधित कर रहें थे। 

शाम 6 बजे दीपका नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी के अगवाई में प्रशासन प्रबंधन और ऊर्जा धानी कल्याण समिति के संयुक्त तत्वाधान में सहमति बनी, जिसमें रेकी और बतारी के चार्टर्ड ऑफ डिमांड को पूरी करने प्रबंधन ने आशान्वित किया। वही, कल शाम 5 बजे निराकरण  करने लिखित में पत्र दिया जाएगा।

दीपका परियोजना के महाप्रबंधक शशांक कुमार देवांगन ने बताया कि भू-विस्थापितों ने सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक दीपका खदान का उत्पादन प्रभावित किया, जिसमें कुल 7 घंटे प्रोडक्शन बंद रहा एनटीपीसी सीपत को सायलो से जाने वाली रेक सप्लाई भी नहीं हो सकी। 20000 टन कोयला और 9000 क्यूबिक मीटर ओवरबर्डन बंद के दौरान प्रभावित रहा

बता दे कि देश की ऊर्जा प्रगति में निरंतर भागीदारी देने वाले दीपका खदान में अगर 1 घंटे कार्य बाधित रहता है, तो लगभग 23 लाख रुपए का नुकसान देश की ऊर्जा क्षति को पहुंचता है। वहीं, राज्य सरकार को 15 लाख रुपये की राजस्व हानि होती है।

इस संबंध में श्यामू खुशाल जायसवाल ने कहा कि समझौते के तहत 1 सप्ताह का समय प्रबंधन को दिया गया है। बिलासपुर मुख्यालय से उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में फिर बातचीत किया जाएगा। सहमति नहीं बनने पर 1 सप्ताह के बाद दीपका खदान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कराया जाएगा।

मामले में नायब तहसीलदार दीपका शशि भूषण सोनी ने कहा कि भू-विस्थापितों की मांगों को लेकर त्रिपक्षीय राय मशवरा कर सहमति बनाई गई, जिसमें कुछ मांगों को लेकर प्रबंधन मौके पर ही एग्री हो गया। वही, लिखित निराकरण के लिए कल शाम को समिति के लोगों को महाप्रबंधक कार्यालय बुलाया गया है।

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