जशपुर
पत्थलगांव, 22 जून। पत्थलगांव सोसायटी में पर्याप्त मात्रा में खाद बीज का भंडारण नहीं करने के कारण क्षेत्र के किसानों को सोसायटी का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि ग्रामवार खाद देने दिन निर्धारित किया गया है और जब उक्त ग्राम के किसान खाद लेने केन्द्र पहुंचते हंै, तो कभी यूरिया नहीं रहता तो कभी डीएपी नहीं रहता कभी सुपर खाद नहीं रहता, जिस कारण किसानों को बैरंग लौटना पड़ता है और कभी मिलता भी है तो मात्रा इतना कम रहता है कि दो से तीन दिनों में ही समाप्त हो जाता है। आगे कहा कि समिति कर्मचारियों ने अनेक किसानों को रकबा अनुसार मिलने वाली खाद की मात्रा में एक-एक दो-दो बोरी खाद की मात्रा में कटौती कर दी गयी है, जिससे भी किसान चिंतित है। जबकि कोई किसान भाड़े का वाहन या अपना स्वयं का वाहन लेकर आते हैं, जिन्हें दोबारा तिबारा अत्यधिक खर्च का वहन करना पड़ रहा है।
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पत्थलगांव के संचालक मंडल सदस्य व किसान नेता विजय त्रिपाठी ने खाद-बीज के लिये किसानों को हो रही परेशानी को प्रशासन की घोर लापरवाही बताया और कहा कि संबंधित अधिकारी-कर्मचारी ऐसी परिस्थिति में दौरा तो करते नहीं और न ही पर्याप्त मात्रा में खाद का भंडारण कराते हैं, यहां तक की कभी-कभी तो इतनी लापरवाही करते हैं कि खाद पहुंच गया है पर दो-तीन दिनों तक उसका डिस्पेच नम्बर नहीं देते, जिसके कारण कम्प्यूटर एंट्री नहीं लेता और किसानों को वापस जाना पड़ता है, जबकि यह दायित्व जिला विपणन अधिकारी का है कि वे जिले के सभी समितियों की स्थिति से वाकिफ हो समय पर वितरण केंद्रों तक खाद वितरण करना।
श्री त्रिपाठी ने यह भी कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए वे क्षेत्रीय विधायक से भी चर्चा कर वस्तु स्थिति से उन्हें अवगत कराते हुए किसानों की समस्या दूर कराने आग्रह करेंगे।
बताया गया कि प्रमुख भंडारण केन्द्र द्वारा भीगा हुआ यूरिया को भेजा जा रहा है जिसे कल पत्थलगांव सोसाइटी में किसानों को वितरण किया गया। यूरिया की बोरी से पानी निकल रहा था। किसानों का कहना है कि यह एक महीना भी नहीं टिक पायेगा और गल कर पानी बन जाएगा जो किसानों का सीधा सीधा नुकसान है।