जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 1 जुलाई। पत्थलगांव के नजदीक बने घरजियाबथान बांध के दोनों गेट जर्जर एवं दीवार क्षतिग्रस्त होने से पानी बह रहा है। जिससे किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है।
घरजियाबथान निवासी एवं पूर्व बीडीसी टिकेश्वर एक्का ने बताया कि बांध का गेट खराब होकर 24 घंटे खुला पड़ा हुआ है। जिसके कारण बांध का पानी बहकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं बांध के गेट खराब होने को लेकर गर्मी के दिनों में भी किसानों के लिए पानी का अभाव बना रहता है। किसानों ने इसकी शिकायत लगातार सिंचाई विभाग के अफसरों को दी किंतु सिंचाई विभाग के अफसर के द्वारा केवल आश्वासन देकर किसानों को घुमाया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ ने जब घरजियाबथान के बांध का मौका निरीक्षण किया तो पाया कि घरजियाबथान बांध के गेट पूर्ण रूप से खराब एवं जर्जर हो चुके हैं। गर्मी के दिनों में बांध का पानी सूख जाना अपने आपमें बांध के न होने जैसी बात को सामने लाता है। बांध बनाई ही इसलिए जाती है कि उसपर हमेसा पानी भरा रहा संके और आसपास के किसानों को इसका पूरा फायदा मिल संके।
किसानों का कहना है कि घरजियाबथान बांध इसके ठीक उलट कार्य के लिए जाना जाता है एक तो बांध में पानी नहीं और जो थोड़ा पानी है उसे विभागीय लापरवाही के से बहा दिया जा रहा है। साथ ही गेट के पास लगाई गई जाली जिसमें कचरा भी लबालब भर चुका है। पर विभागीय लापरवाही के कारण उन कचड़े को वहां से हटाया तक नहीं जा रहा है जबकि बरसात के दिनों में पानी भर जाने के बाद फिर उसकी सफाई कर पाना संभव नहीं है।
सिंचाई विभाग के बांध का दूसरा गेट के पास काफी हद तक बांध की दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी है किंतु सिंचाई विभाग के अधिकारी इस डैमेज के बारे में पूछने पर उनके द्वारा सीधा जवाब दिया जाता है कि डैमेज दीवाल से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा किंतु जमीनी हकीकत में डैमेज देखने पर पता चलता है कि डैमेज दीवाल कभी भी बांध के पानी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
पत्थलगांव एसडीओ मिश्रा से जब ‘छत्तीसगढ़’ ने घरजिया बथान बांध के खराब पड़े गेट एवं बांध में पानी नहीं होने के संबंध में जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा बताया गया कि गेट की खराब स्थिति के लिए उनके द्वारा गेट के 75एमएम राड को मंगवाया गया है, जो जल्द ही हमारे पास पहुंच जाएगा। इसके लिए केवल एक ही मैकेनिक है। इस कारण हमें गेट बनाने में काफी दिक्कतें होती हैं। वही क्षतिग्रस्त दीवाल के संबंध में पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि अभी उससे कोई दिक्कत नहीं है। और हमारे पास बजट की काफी कमी है इसके लिए बजट मंगाया गया है उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया पूर्ण की जावेगी।