राष्ट्रीय
बरेली (उत्तर प्रदेश), 13 अक्टूबर | बरेली जिले के मीरगंज क्षेत्र में मंगलवार को दुर्गेश प्रसाद नाम के एक एडवोकेट ने संपत्ति विवाद के चलते अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। ललता प्रसाद के दो बेटे और चार बेटी थीं। 72 वर्षीय प्रसाद ने एक घर दुर्गेश और एक उसके छोटे बेटे उमेश को दे रखा था, जबकि वह अपनी पत्नी के साथ तीसरे घर में रहता था।
घर को बांटने को लेकर उनके और दुर्गेश के बीच कुछ विवाद था।
दुर्गेश मंगलवार को अपने पिता से मिलने आया था और पिता पर गोली चला दी। जब उसकी मां गोली की आवाज सुनकर वहां आई तो उसने अपनी मां पर भी गोली चला दी।
दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और दुर्गेश वहां से फरार हो गया।
एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस टीम आरोपी की तलाश कर रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| दो राज्यों में 11 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव नौ नवंबर को होंगे। ये सीट सांसदों के नवंबर में रिटायर होने के बाद खाली होने वाली हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इनमें से 10 राज्यसभा सीट उत्तरप्रदेश और एक सीट उत्तराखंड से खाली होने वाली है।
चुनाव की अधिसूचना 20 अक्टूबर को जारी होगी और नामांकन भरने की आखिरी तिथि 27 अक्टूबर होगी।
मतदान नौ नवंबर को सुबह नौ बजे से शांम चार बजे तक होगा और मतों की गिनती शाम पांच बजे होगी। चुनाव आयोग 11 नवंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया को पूरी कर लेगा।
25 नवंबर को रिटायर होने वाले सदस्य चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, अरुण सिंह, नीरज शेखर, पी एल पुनिया, हरदीप सिंह पुरी, रवि प्रकाश वर्मा, राजाराम, रामगोपाल यादव, वीर सिंह और राज बब्बर हैं।
राज बब्बर उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य हैं और बांकी उत्तरप्रदेश से चुने गए थे।
आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। चुनाव प्रकिया में उपयोग में लाये जाने वाले सभी हॉल के इंट्री गेट के पास थर्मल चेकिंग होगी और सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध होंगे।
आयोग ने गृहमंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए भी कहा है। (आईएएनएस)
राज्यपाल ने उद्धव को लिखा-अचानक सेक्युलर कैसे हो गए? ठाकरे बोले-मुझे नहीं चाहिए आपका सर्टिफिकेट
काईद नाजमी
मुंबई, 13 अक्टूबर| एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने के मुद्दे पर लेटर वार शुरू हो गया।
राज्यपाल ने अपने पत्र में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, "आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या 'सेक्युलर' हो गए हैं?" राज्य के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति देने के मामले में कोश्यारी ने ठाकरे को पत्र लिखा था और पूछा था कि मंदिर कब से खुल रहे हैं। राज्य में सभी मंदिर कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं।
कोश्यारी ने पत्र में लिखा कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से दिखाया था और बाद में 1 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की थी।
कोश्यारी ने कहा, "यह विडंबना है कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी ओर हमारे देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं।"
ठाकरे ने कोश्यारी को इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल ने 'हिंदुत्व' के बारे में जो उल्लेख किया है, वह बिल्कुल सही था।
ठाकरे ने कहा, "हालांकि, मुझे किसी से भी हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे इसे किसी से सीखना है। जो लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ हमारे राज्य और इसकी राजधानी (मुंबई) की तुलना करने वाले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, वे मेरे हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं बैठते।"
ठाकरे ने कहा, "क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि सिर्फ मंदिर खोल देने से कोई हिंदुत्व का मसीहा हो जाता है और उसे बंद करने से वो सेक्युलर हो जाता है?"
ठाकरे ने अपने जवाबी पत्र में कोश्यारी से सीधे पूछा, "आपने उस संविधान की शपथ ली है, जिसका मुख्य सिद्धांत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) है, क्या आप इससे सहमत नहीं हैं?"
कोश्यारी ने इस पर आश्चर्य जताया कि ठाकरे मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले को बार-बार क्यों स्थगित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 8 जून को दिल्ली और जून के अंत तक पूरे देश में मंदिर और दूसरे पूजा स्थल खोल दिए गए।
ठाकरे ने इसके जवाब में कहा, "आप (कोश्यारी) ने ऐसी चीजों का अनुभव किया होगा, मैं इतना महान नहीं हूं।" उन्होंने कहा कि वह (ठाकरे) महाराष्ट्र के लोगों के लिए अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोश्यारी ने याद दिलाया कि कैसे 1 जून को ठाकरे ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन अब इतिहास की बात हो जाएगी। लेकिन इस घोषणा के चार महीने बाद अभी भी मंदिरों को खोलने पर प्रतिबंध है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहली जिम्मेदारी लोगों की जान बचाना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अचानक से लॉकडाउन लगाना गलत था, उसी तरह अचानक लॉकडाउन हटाना भी गलत है, खासकर ऐसे समय में, जब कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे थे।
राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा कि मंदिरों को खोलने के लिए उन्हें कई अनुरोध मिल चुके हैं। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि वे सभी अनुरोध भाजपा के लोगों के थे।
हालांकि ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को आश्वासन दिया कि राज्य में मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों को खोलने पर जल्द फैसला लिया जाएगा। (आईएएनएस)
वाराणसी, 13 अक्टूबर| उत्तरप्रदेश के जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा के फोन नंबर से उगाही के लिए फोन किया गया। शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस कॉल ने पुलिस को अचंभे में डाल दिया है, क्योंकि मिश्रा आगरा जेल में हैं, जबकि उनके फोन, सिम कार्ड को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जब्त कर लिया था और बाद में भदोही पुलिस को सौंप दिया था।
उगाही के लिए फोन ज्ञानपुर नगर पंचायत के चेयरमैन हीरालाल मौर्या को किया गया था, जिन्होंने भदोही पुलिस के समक्ष सोमवार को शिकायत दर्ज कराई।
भदोही पुलिस अधीक्षक आर.बी. सिंह ने अधिकारियों से मामले की जांच करने और इस बात का पता लगाने के लिए कहा है कि आखिर उस नंबर का प्रयोग उगाही के लिए कैसे गिया गया। साथ ही उन्होंने यह पता लगाने के बाद एफआईआर करने के भी आदेश दिए हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मौर्या ने शिकायत दर्ज कराई की उसे जेल में बंद विधायक के नंबर से शनिवार को फोन आया था। कॉलर ने उनसे 50,000 रुपये की राशि मांगी।"
उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश पुलिस ने 14 अगस्त को मिश्रा से पिस्तौल, मोबाइल फोन और 3 लाख रुपये नकद जब्त किया था। वहीं मिश्रा को भदोही पुलिस को सुपूर्द करते समय भी एमपी पुलिस ने सारी सामग्री सुपूर्द की थी। यह चेक किया जा रहा है कि जब्त फोन में सिम कार्ड था और कैसे इसका प्रयोग किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि कॉलर को खोजने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। मिश्रा को 18 जुलाई को एक कांट्रेक्टर को धमकी देने के मामले में गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मिश्रा को 14 अगस्त को मध्यप्रदेश में गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)
हाथरस, 13 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलगड़ी मामले को सीबीआई ने टेकओवर करते ही छानबीन तेज कर दी है। सीबीआई की टीम क्राइम सीन को रिक्रिएट करके सबूत इकट्ठा करने की कोशिश करेगी। घटना स्थल पीड़िता के घर के करीब 500 मीटर दूर है। इसी खेत में 14 सितंबर को युवती पर हमला किया गया था। यहां घटना स्थल पर लोगों को रोकने के लिए पुलिस तैनात है। सीबीआई की टीम के साथ पीड़िता का भाई भी मौके पर है। टीम छह गाड़ी में पहुंची जिमें 15 अधिकारी हैं। घटना स्थल पर सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं।
सीबीआई ने गांव पहुंचकर सबसे पहले घटनास्थल की फोटोग्राफी करवाई। हर संभव तरीके से घटनास्थल को तस्वीरों में कैद किया गया। सीबीआई के साथ फॉरेंसिक टीम भी मौजूद है। मालूम हो कि पूरा गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
सीबीआई की टीम के पहुंचने से पहले घटनास्थल के आसपास पूरे 1.5 किलोमीटर की परिधि को सील कर दिया गया है। इससे पहले तक यहां सभी लोगों का आना-जाना हो रहा था, लेकिन मंगलवार को किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।
इससे पहले सीबीआई ने हाथरस के मुख्य आरोपी के खिलाफ गैंगरेप, हत्या का प्रयास और हत्या के साथ एससी-एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी। उधर, पीड़िता के पिता की मंगलवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनका अचानक बीपी बढ़ गया है। मृत युवती की मां, और बुआ को हॉस्पिटल लाया गया। ईसीजी कराई जा रही है। इनके घर पहुंची चिकित्सकों की टीम से परिजनों ने कोरोना टेस्ट कराने से मना कर दिया।
रात में ही वह परिवार के साथ लखनऊ से लौटे हैं। सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर गांव पहुंचे। हालात खराब होने पर पीड़िता के पिता को हाथरस ले जाया जा सकता है।
सीबीआई की जांच टीम के गांव पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सीबीआई ने इस केस और घटना से जुड़े सभी अहम कागजात और केस डायरी को भी खंगाला है।
हाथरस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त की गईं डीएसपी सीमा पाहूजा भी अन्य सदस्यों के साथ हाथरस आने की सूचना पर हाथरस पुलिस की टीमें घटनास्थल के साथ ही पीड़िता के घर के आसपास भी मुस्तैद हैं।
हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि सीबीआई टीम ने जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों और केस डायरी समेत केस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मांगे थे। एक सीनियर पुलिसकर्मी ने बताया कि जांच के लिए सीबीआई के 15 अधिकारियों के अगले कुछ हफ्ते हाथरस में रहने की संभावना है।
इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने केस डायरी सीओ से ले ली। इस केस डायरी में जिला अस्पताल की रेफर रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पीड़िता के स्वजन के बयान, पुलिस की मजरूमी चिट्ठी आदि दस्तावेज मौजूद है। टीम अब एक-एक दस्तावेज का अवलोकन करने में जुटी है। केस डायरी का अध्ययन करने के बाद ही सीबीआई अपनी गाडइलाइन से केस की तहकीकात शुरू करेगी।
ज्ञात हो कि 14 सितंबर को हाथरस के बुलगड़ी में हुई घटना के मामले में पुलिस ने युवती के भाई की तहरीर के आधार पर जानलेवा हमला और एससी-एसटी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। घटना के आरोपी संदीप ठाकुर को पुलिस ने 19 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद इस मुकदमे में पीड़िता के बयानों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं बढ़ाई गईं और तीन अन्य आरोपियों के नाम शामिल किए गए। 26 सितंबर तक अन्य तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | दिल्ली पुलिस ने एयर इंडिया के नाम पर एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसके तहत सैकड़ों लोगों से पूरे देश में लाखों रुपये की ठगी की गई। मामले में एक महिला समेत तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। गिरोह प्राय: महामारी के दौरान नौकरी गंवाने वाले लोगों को लालच देता था और राष्ट्रीय विमानन कंपनी में नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहता था।
लोगों का विश्वास जीतने के लिए लेटर जारी किए गए और साक्षात्कार भी लिया गया।
दरअसल एक महिला ने इस बाबत पालम विलेज पुलिस स्टेशन में शिकायत कराई थी कि उनसे 71,000 रुपये की ठगी की गई है। उसने पुलिस को बताया कि वह 2017 से जोमेटो के साथ काम करती थी लेकिन महामारी में उसकी जॉब चली गई। वह नौकरी तलाश रही थी और उसे एयर इंडिया के नाम से नौकरी का ऑफर मिला।
जिसके बाद उसने अपने रिज्यूम शेयर किया और पहले 1875 रुपये जमा कराए। उसके बाद उसे ऑफर लेटर दिया गया और यूनिफार्म के लिए पैसे मांगे गए। हालांकि उसे शक हो गया।
साउथ वेस्ट दिल्ली के डीसीपी देवेन्द्र आर्या ने कहा, "छानबीन के बाद, साइबर विभाग ने गाजियाबाद के रहने वाले एक शख्स शदाब मलिक को गिरफ्तार किया। इसे पहले भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा इसी तरह के काम के लिए गिरफ्तार किया गया था।"
उन्होंने कहा, "मलिक नोएडा के सेक्टर 12 में एक कॉल सेंटर चलाता है। उसके साथ उसके सहयोगी कुमुद रंजन कमलेश और प्रियंका गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है।"
अधिकारी ने कहा, "अभी तक आरोपियों के 12 फर्जी बैंक खातों की पहचान की गई है। यह गिरोह बीते 5 महीने से साथ काम कर रहा था। इन फर्जी खातों में करीब 60 लाख रुपये की राशि डाली गई थी।" (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 13 अक्टूबर | मध्यप्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव में आम जनता से जुड़े मुद्दों पर कम बल्कि दूसरे मुद्दे भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार का कारण बन रहे हैं। अब तो दोनों दलों में गरीब और उद्योगपति जैसे शब्द चुनावी हमले का हथियार बन रहे हैं।
राज्य में उप-चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आम आदमी से जुड़े मुददों की चर्चा कहीं ज्यादा थी, मगर मतदान की तारीख करीब आने के साथ ही नए-नए मुददे सामने आ रहे हैं। पहले जहां कर्ज माफी बेरोजगारों को रोजगार जैसे मुददे हावी रहे तो बाद में खुददार-गददार, बिकाऊ-बिकाऊ ने जोर पकड़ा, उसके बाद नारियल जैसा विषय तकरार का कारण बना और अब तो गरीब और उद्योगपति पर ही दोनों दल आमने-सामने हैं।
ताजा बयान किसान नेता दिनेश गुर्जर का आया है, जिसमें उन्होंने कमलनाथ को दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया, वहीं शिवराज को भूखा-नंगा परिवार से करार दिया। इसे भाजपा ने गरीबों का अपमान बताते हुए चुनावी मुद्दे का रंग देने की कोशिश तेज कर दी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता के बयान को गरीबों का अपमान बताया है साथ ही उसे कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक भी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का कहना है कि कमलनाथ जब छिंदवाड़ा आए थे, तो खाली थैला लेकर आए थे। गरीबों का खून चूसकर उद्योगपति बन गए। प्रदेश के गरीबों के साथ छल किया, भ्रष्टाचार किया और आज अरबपति बन गए हैं। वे क्या जाने गरीबों का दर्द।
कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि किसान नेता दिनेश गुर्जर ने जो बात कही उसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। उनका कहना है कि कमल नाथ का खेती-किसानी से संबंध नहीं है फिर भी उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया, किसानों का बिजली बिल आधा किया और आम आदमी को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई, वहीं शिवराज खुद को गरीब परिवार का किसान बताते हैं, मगर उनके राज में सबसे बुरा हाल किसानों का हुआ है। उनके शासन काल में सबसे ज्यादा आत्महत्या किसानों ने की है, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिला है। यही तो अंतर है कमल नाथ और शिवराज में।
वहीं राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटैरिया का कहना है कि कांग्रेस नेता गुर्जर का बयान कांग्रेस के लिए सैल्फ गोल जैसा है। प्रदेश में जिन हिस्सों में उप-चुनाव हो रहे है, उनमें से अधिकांश वे इलाके हैं जहां 70 से 80 फीसदी आबादी गरीब, किसान और गांव की है।
कांग्रेस के बयान से भाजपा को बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा इसे गांव, गरीब की अस्मिता से जोड़ेगी। कांग्रेस के नेता का यह बयान चुनाव में वैसा ही असर डालेगा जैसा पिछले चुनाव में आरक्षण को लेकर शिवराज के बयान ने डाला था। शिवराज ने आरक्षण को लेकर कहा था कि कोई माई का लाल नहीं छीन सकता आरक्षण। इसके चलते चुनावी फिजां में भाजपा के खिलाफ एक माहौल बन गया था।(आईएएनएस)
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 13 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश में एक ऐसा चोरी का मामला सामने आया है, जिसका निर्णय पुलिस या कोर्ट ने नहीं, बल्कि एक भैंस ने किया है। कन्नौज जिले के जलेसर शहर के अली नगर निवासी वीरेंद्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उसके दोस्त धर्मेंद्र ने उसकी भैंस चुरा ली और उसे किसी और को बेच दिया।
हालांकि, धर्मेंद्र ने इस आरोप का खंडन किया और जोर देकर कहा कि भैंस उनकी है।
भैंस को सोमवार को पुलिस स्टेशन लाया गया और उसे खुला छोड़ दिया गया। इसके बाद वीरेंद्र और धर्मेंद्र दोनों को पुलिसकर्मियों ने भैंस को बुलाने के लिए कहा।
कुछ समय बाद भैंस धर्मेंद्र के पास चली गई और उसके मालिकाना हक का मुद्दा सुलझ गया।
वरिष्ठ उप निरीक्षक विजयकांत मिश्रा ने कहा, "हमने भैंस को अपनी पसंद चुनने देने के इस अनूठे विचार को लेकर प्रयास किया। जब वीरेंद्र और धर्मेंद्र ने भैंस को बुलाया, तो उसने उन्हें देखा और धर्मेंद्र के पास चली गई और इस मुद्दे का फैसला हो गया।"
वीरेंद्र ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके दोस्त धर्मेंद्र ने उसकी भैंस चुराई थी, जिसने आगे रसूलाबाद गांव के मुस्लिम नाम के व्यक्ति को बेच दी थी।
मुस्लिम व्यक्ति जब रविवार को पशु मेले में भैंस को बेचने के लिए ले गया, तब वीरेंद्र ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ यह दावा करते हुए हाथापाई करने लगा कि भैंस उसकी है।
मुस्लिम व्यक्ति ने उसके दावे का खंडन किया और कहा कि उन्होंने धर्मेंद्र से यह भैंस खरीदी थी।
पुलिस स्टेशन में धर्मेंद्र ने कहा कि भैंस उनकी है और उन्होंने कुछ दिन पहले पशु को 19,000 रुपये में बेच दिया था। (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लोगों की तकलीफें जानकर उनकी मदद करने वाले सोनू सूद की कहानियां चारों तरफ फैली हुई हैं, और अभी उनके प्रशंसकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि सोनू सूद को भारत रत्न दिया जाए। एक बच्चे ने उनका एक स्कैच बनाकर अपनी फोटो के साथ पोस्ट किया है।
लोग अपनी तकलीफें लिखते जा रहे हैं और सोनू सूद उन दिक्कतों का इलाज करते जा रहे हैं।
एक कलाकार ने पेंसिल की नोक पर सोनू सूद की आकृति बनाई है और तस्वीरें पोस्ट की है।
एक लडक़ी ने लिखा है कि आपकी वजह से मेरी कॉलेज की फीस जमा हो गई, और वह वायदा करती है कि भविष्य में दूसरे छात्रों की मदद करेगी। इस पर सोनू सूद ने लिखा है- जब दूसरों की मदद करने लायक हालत में रहो और करो, तो वही मेरे लिए धन्यवाद होगा।
रामविलास राजवाड़ा नाम के आदमी ने एक बच्चे की तस्वीर पोस्ट की है, और लिखा है कि यह लडक़ा बहुत ही गरीब है, दो महीने पहले इसका पैर टूट गया तो गांव वालों ने कुछ पैसे इक_े करके इसकी पट्टी बंधवाई है। डॉक्टर बोले हैं ऑपरेशन के लिए। नहीं तो अपाहिज हो जाएगा।
सोनू सूद ने इस पर लिखा है- डॉक्टर से बात हो गई है, कल यह बच्चा अस्पताल में भर्ती हो जाएगा, और जल्द ही ठीक हो जाएगा।
एक आदमी ने एक बच्ची की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि उसकी बीमारी की वजह से और आर्थिक दिक्कतों की वजह से वह 12वीं में पढ़ रही अपनी बच्ची की फीस जमा नहीं कर सका है। दो साल की फीस बकाया है, और स्कूल ने दो दिनों में जमा करने कहा है।
सोनू सूद ने दो दिन बाद उसके जवाब में लिखा- बिटिया को बता दो स्कूल अब फीस नहीं मांगेगा।
एक व्यक्ति ने एक गरीब परिवार के बारे में लिखा कि उनके पांच महीने के बेटे को एक बहुत असामान्य दिल की बीमारी है जो कि सर्जरी से ही ठीक हो सकती है। यह बच्चा खतरे में है। कुछ दिनों बाद सोनू सूद ने जवाब लिखा- 27 तारीख को इन्हें सफर करना है, 28 तारीख को सर्जरी तय हो गई है।
एस.के. याकूब ने एक वीडियो पोस्ट किया है कि वह किस तरह चार बरस से बिस्तर पर था, और अब सोनू सूद के करवाए ऑपरेशन से वह चल रहा है। उसने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह चार बरस बाद न सिर्फ पैरों पर है बल्कि सीढ़ी भी चढ़ रहा है।
श्रीनगर, 13 अक्टूबर| जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले के एक धार्मिक स्कूल के तीन शिक्षकों पर पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है। दरअसल इस स्कूल के कुछ छात्र आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाए पाए गए थे। सज्जाद भट इस धार्मिक स्कूल का पूर्व छात्र था, जिसने पिछले साल फरवरी में पुलवामा राजमार्ग पर सुसाइड बॉम्बर के तौर पर सेना के काफिले पर हमला किया था। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
आईजीपी (कश्मीर जोन) विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि स्कूल प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी संगठन से संबद्ध है।
उन्होंने सोमवार को कहा, "हमने इस स्कूल, जिसका नाम सिराज-उलुम इमाम साहिब है, उसके तीन शिक्षकों पर मामला दर्ज किया है। पीएसए के तहत बुक किए गए शिक्षकों में अब्दुल अहद भट, मुहम्मद यूसुफ वानी और रौउफ भट शामिल हैं।"
उन्होंने कहा, "स्कूल हमारी निगरानी में है और इस विद्यालय के लगभग आधा दर्जन शिक्षकों की गतिविधियां निगरानी में हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारी वर्तमान कार्रवाई फिलहाल व्यक्तियों के खिलाफ है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।"
पुलिस का कहना है कि इस स्कूल के 13 छात्र आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद पूरा स्कूल खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गया।
कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग, इन तीन जिलों के छात्र ज्यादातर इस स्कूल में नामांकित हैं।
सख्त पीएसए किसी भी न्यायिक हस्तक्षेप के बिना किसी व्यक्ति को अधिकतम 2 साल तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है।
यह अधिनियम मूल रूप से लकड़ी तस्करों के खिलाफ लाया गया था, लेकिन 1990 के दशक की शुरुआत में उग्रवादी हिंसा के फैलने के बाद, आतंकवादियों और अलगाववादी राजनेताओं पर भी इस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 13 अक्टूबर| बिहार विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दल अन्य दलों से खुद को बेहतर साबित करने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। इसी क्रम में अब चुनाव में भोजुपरी गाने का प्रवेश हो गया है। पिछले दिनों भोजपुरी गाना 'बिहार में का बा' के जवाब में भाजपा ने मंगलवार को 'बिहार में ई बा' लांच किया, जो कुछ ही घंटों में ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा।
भाजपा के अधिकृत सोशल साइटों के जरिए जारी इस गाने में बिहार में 15 सालों में हुए विकास का गुणगान किया गया है। भोजपुरी में तैयार इस वीडियो में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राज में बिहार के बदल रहे स्वरूप को दिखाने की कोशिश की गई है।
भाजपा आईटी सेल के प्रदेश संयोजक मनन कृष्ण ने आईएएनएस से कहा कि करीब ढाई मिनट के इस वीडियो में राजग सरकार द्वारा बिहार में बदलाव की कहानी है।
उन्होंने कहा, चुनाव में विपक्ष ने 'बिहार में का बा' पूछा था, जिसका जवाब दिया गया है। पार्टी के सभी सोशल एकाउंट से इसे एक साथ लांच किया गया है।
मनन कृष्ण आगे बताते हैं कि पार्टी के सभी व्हाट्सऐप ग्रुप और अधिकृत फेसबुक, ट्विटर पर इसे लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी मतदान केंद्र, शक्ति केंद्र और मंडल स्तरीय इकाई के जरिए इस गाने को आम लोगों तक पहुंचाने की योजना है।
पार्टी इस वीडियों के जरिए अपनी सरकार में किए गए कार्यों को घर-घर तक पहुंचाना चाहती है। भाजपा की ओर से जारी इस वीडियो में शुरूआत 'बिहार में का बा' से होती है। इसके बाद एक आवाज आती है 'रुक बताव तानी का बा'। इसके बाद गीत-संगीत के साथ ही शुरू होता है कि बिहार में क्या-क्या काम हुआ है।
इस गाने में गायक 'एनडीए के राज में बदलल अपन ई बिहार हो' से गाने की शुरूआत करता है। इसके बाद बिहार में आईआईटी, स्कूल-कॉलेज, सड़क, बिजली, पानी से लेकर आधारभूत संरचना के क्षेत्र में हुए कार्यों को बताता है। बिहार की सड़कों अस्पतालों, पुल-पुलिया के अलावे कानून का राज, अमन-चैन, शिक्षा में हुए काम के साथ ही बिहारियों की मेहनत से तैयार आलीशान भवनों का भी जिक्र वीडियो में किया गया है।
इस गाने के जरिए यह भी बताने की कोशिश की गई है कि बाहर जा चुके लोग भी अब व्यवसाय करने के लिए बिहार लौट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अभिनेता मनोज वाजपेयी ने 'बम्बई में का बा' का एक रैप सांग आधारित वीडियो बनाया था, जो लोगों ने काफी पसंद किया था। इसके बाद बिहार की नेहा सिंह ने 'बिहार में का बा' गाने के जरिए बिहार के विकास को लेकर सरकार को कठघरे में खडा किया। नेहा के इस गाने को विपक्षी दलों ने जमकर भुनाने की कोशिश की।
विपक्षी दलों द्वारा पटना की सड़कों पर इस मामले में पोस्टर भी लगाकर सरकार से पूछा गया कि 'बिहार में का बा'।
बहरहाल, भाजपा ने 'बिहार में का बा' का जवाब 'बिहार में ई बा' से दे दिया है, लेकिन मतदाता किस गाने को पसंद कर अपनी मुहर लगाते हैं, इसका पता तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। लेकिन दोनों गानों को लोग सुन और देख कर मनोरंजन कर रहे हैं। (आईएएनएस)
मिर्जापुर, 13 अक्टूबर | मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने टीआरपी घोटाले की जांच करते हुए, हंसा रिसर्च ग्रुप के एक पूर्व कर्मचारी विनय त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश के मिजार्पुर से गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी सोमवार शाम को हुई। त्रिपाठी मामले में गिरफ्तार होने वाले पांचवां व्यक्ति है।
उसे मिजार्पुर में स्थानीय अदालत में मंगलवार को पेश किया जाएगा, जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उसे मुंबई ले जाया जाएगा।
त्रिपाठी हंसा में काम करता था और दो साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी। वह इस मामले में गिरफ्तार विशाल भंडारी के संपर्क में था और भंडारी को उन घरों में रहने वाले लोगों को पैसे बांटने के लिए देता था जहां बैरोमीटर लगाए गए थे।
सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वजे ने कहा, वह टीआरपी धोखाधड़ी का हिस्सा है और कुछ चैनलों के मालिकों या उनके कर्मचारियों के संपर्क में था।
इससे पहले, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें हंसा के पूर्व कर्मचारी 20 वर्षीय विशाल भंडारी भी शामिल है।(आईएएनएस)
जोरहाट : असम में जोरहाट जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिले के तेओक टी एस्टेट में एक अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी की लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या) मामले में सोमवार को 25 लोगों को दोषी ठहराया.
जोरहाट के जिला और सत्र न्यायाधीश, रॉबिन फुकान ने फैसला सुनाते हुए विभिन्न धाराओं में 25 लोगों को दोषी ठहराया. सुनवाई के दौरान एक आरोपी की हिरासत में मौत हो गई थी. अदालत सूत्रों ने बताया कि सजा 19 अक्टूबर को सुनाई जायेगी.
यह घटना 31 अगस्त, 2019 को उस समय हुई थी जब वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी देबन दत्ता (73) पर भीड़ ने हमला कर दिया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गये और बाद में उनकी मौत हो गई.(एजेंसी)
नई दिल्ली: सीबीआई ने हाथरस में हुए कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की प्राथमिकी वेबसाइट पर डालने के कुछ ही घंटों बाद इसे हटा लिया. संभवत: उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का उल्लंघन होने का अहसास होने पर इसे हटाया गया, जिसमें बलात्कार और यौन उत्पीड़न के अपराधों में दर्ज प्राथमिकी को पुलिस के सार्वजनिक करने पर रोक है.
हालांकि, सीबीआई ने मीडिया को जारी अपने बयान को वेबसाइट से नहीं हटाया है. सूत्रों ने कहा कि हाथरस मामले की प्राथमिकी में दर्ज पीड़िता के नाम को सफेद स्याही से छुपाया गया था लेकिन बेवजह के विवाद से बचने के लिए इसे सार्वजनिक मंच से हटाने का निर्णय लिया गया.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने दिसंबर 2018 में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बलात्कार और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों की पहचान किसी भी रूप में उजागर नहीं करने का निर्देश दिया था.
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पुलिस को बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में दर्ज प्राथमिकी को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की जांच सीबीआई प्रदेश पुलिस से अपने हाथों में ले चुकी है.(एजेंसी)
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि चीन के सहयोग से अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा और भाजपा पर आरोप लगाया कि एक टीवी साक्षात्कार के दौरान उनकी टिप्पणियों को पूरी तरह घुमा दिया। पार्टी ने कहा कि अब्दुल्ला ने रविवार को दिए साक्षात्कार में कभी भी चीन की विस्तारवादी मंशा या उसके उग्र रवैये को उचित नहीं ठहराया, जैसा कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रवक्ता ने कहा, ''हमारे अध्यक्ष पिछले वर्ष पांच अगस्त को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 और 35-ए के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने पर लोगों के गुस्से को उजागर कर रहे थे जो हाल के महीने में वह लगातार करते रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी इन बदलावों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।''
उन्होंने दावा किया कि चीन को लेकर एक सवाल के जवाब में अब्दुल्ला की टिप्पणियों को पात्रा ने पूरी तरह तोड़-मरोड़ दिया, जिन्होंने एनसी अध्यक्ष पर चीन के उग्र रवैये और विस्तारवादी मंशा को उचित ठहराने का आरोप लगाया। प्रवक्ता ने कहा, ''संबित पात्रा को शब्दों को तोड़ने-मरोड़ने की आदत है।''
उन्होंने कहा, ''अब्दुल्ला ने कभी भी नहीं कहा कि चीन के साथ मिलकर हम अनुच्छेद 370 की वापसी कराएंगे जैसा कि पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, उस दौरान उन्होंने अब्दुल्ला के कुछ पुराने बयानों को भी गलत तरीके से पेश किया।'' इससे पहले पात्रा ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के मुद्दे पर अब्दुल्ला पर देशद्रोही एवं देश विरोधी टिप्पिणयां करने का आरोप लगाया और कहा कि वह ''चीन में हीरो बन गए हैं।''(एजेंसी)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम से एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसने निलंबित उप पुलिस अधीक्षक दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नावेद बाबू के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने में अहम भूमिका निभाई थी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। जांच से जुड़े एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू के मामले में तफजुल हुसैन परिमू को गिरफ्तार किया है।"
अधिकारी ने कहा कि हुसैन ने शोपियां में मलदेरा के पूर्व सरपंच तारिक मीर को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने में अहम भूमिका निभाई, जिसने बाद में शोपियां में हिजबुल के आतंकवादियों को इनकी आपूर्ति की थी।
इस मामले में जम्मू-कश्मीर के कई स्थानों पर एनआईए द्वारा तलाशी ली जा रही थी और इसके लगभग 18 दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई है।
मीर को एनआईए ने इस साल 29 अप्रैल को हिजबुल आतंकवादियों को हथियारों की तस्करी और आपूर्ति में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।
निलंबित पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह जम्मू संभाग के हीरानगर में कठुआ जेल में बंद है। उसे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11 जनवरी को दो हिजबुल आतंकवादियों नावेद बाबू और रफी अहमद राथर के साथ ही एक लॉ स्कूल के छात्र रहे इरफान शफी मीर को जम्मू ले जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सिंह की गिरफ्तारी के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मामले को एनआईए को सौंपे जाने से पहले प्रारंभिक जांच की गई थी। पुलिस ने कहा था कि दोनों आतंकवादियों और वकील ने पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बनाई थी।
एनआईए ने पहले दावा किया था कि इसकी जांच से पता चला है कि आरोपी हिजबुल और पाकिस्तान द्वारा हिंसक कार्रवाई करने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए रची गई एक गहरी साजिश का हिस्सा थे।
एनआईए ने पिछले महीने एक बयान में कहा था, "इस मामले में की गई जांच में पता चला है कि हिजबुल का पाकिस्तान स्थित नेतृत्व जिसमें सैयद सलाहुद्दीन, अमीर खान, खुर्शीद आलम, नजर महमूद समेत कई और लोग पाकिस्तान के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन के कैडर और कमांडरों को समर्थन दे रहे हैं।"
एनआईए ने यह भी दावा किया था कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारी मीर उर्फ एडवोकेट के साथ लगातार संपर्क में थे, जिसे राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए धन मुहैया कराया गया था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे निलंबित डीएसपी को 19 जून को दिल्ली की एक अदालत ने एक आतंकी मामले में जमानत दे दी थी, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में असमर्थता जताई थी। लेकिन एनआईए के मामले के चलते वह अब भी जेल में हैं।(आईएएनएस)
श्रीकाकुलम, 13 अक्टूबर | आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को जाूद-टोना के शक में गांव के ही कुछ अज्ञात लोगों ने पहले उसकी पिटाई की और फिर उसे जिंदा जला दिया। गांववालों को शक था कि जिले के पुल्लागुडा गांव का नायकम्मा जादू-टोना करता था और इसी वजह से गांव के एक आदमी की मौत हो गई थी।
एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "ग्रामीण इस बाबत ओडिशा में एक साधु के पास गए और इस बात की पुष्टि की कि नायकम्मा के जादू-टोना से ही ग्रामीण की मौत हुई है।"
इसके बाद गांव लौटते ही ग्रामीणों ने नयाकम्मा की पिटाई की और उसे जिंदा जला दिया।
पुलिस ने हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन आरापियों को पकड़ने के लिए लगातार तलाशी कर रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब गोस्वामी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा में जारी विशेषाधिकार नोटिस के उल्लंघन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनके पिता और नानी पालकीवाला को भी महाराष्ट्र विधानसभा ने ऐसा ही नोटिस भेजा था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हुए और पीठ को सूचित किया कि वह केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
पिछले महीने शीर्ष अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में सरकार की कथित निष्क्रियता की आलोचना के लिए महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा उन्हें 16 सितंबर के शो कारण के लिए भेजे गए शोकेस नोटिस पर गोस्वामी की एक याचिका पर नोटिस जारी किया था।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, लेकिन केंद्र इस मामले में पक्षकार नहीं है।
महाराष्ट्र राज्य की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और उन्होंने अदालत को सूचित किया कि वर्तमान याचिका में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश बोबडे ने यह जानना चाहा कि जब विशेषाधिकार समिति किसी व्यक्ति को नोटिस जारी करती है कि क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, तो क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है?
बोबडे ने कहा कि जब सदन में एक सदस्य किसी अन्य सदस्य के खिलाफ बयान देता है, तो स्पीकर उस पर ध्यान देता है और उसे विशेषाधिकार समिति को भेज देता है। उन्होंने कहा, "मेरे दिवंगत पिता और श्री नानी पालकीवाला को महाराष्ट्र विधानसभा ने ऐसा नोटिस भेजा था।"
इस मामले में प्रधान न्यायाधीश बोबडे के साथ ही न्यायाधीश ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ सुनवाई कर रही है।(आईएएनएस)
भोपाल, 13 अक्टूबर | मध्यप्रदेश में उपचुनाव करीब आते ही पार्टियों के बयानों में तल्खी बढ़ रही है। कांग्रेस के किसान नेता दिनेश गुर्जर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को 'भूखे-नंगे परिवार का' बताए जाने के बयान पर भाजपा हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता गुर्जर के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान गरीब परिवार और किसान का बेटे होने के कारण ही मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा, "गरीब किसान के बेटे हमारे मुख्यमंत्री जी ने गरीबों को मकान देने, प्रतिभावान छात्रों की फीस भरने जैसे काम किए, जबकि उद्योगपति मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने शासन के दौरान जनहितैषी योजनाएं बंद करके गरीबों का हक छीन लिया था। यही कांग्रेस की मानसिकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब मां के बेटे हैं और हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान गरीब किसान के बेटे हैं। ये गरीब परिवारों से हैं, इसलिए गरीब का दर्द जानते हैं, और गरीबों के मसीहा बनकर उनके कल्याण का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं की तरह उनका खून नहीं चूसते।"
वहीं, मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "कांग्रेस तो बौरा गई है, बौखला गई है। हर दिन अपनी बौखलाहट हमारे ऊपर निकाल रही है। कांग्रेस का नया बयान आया है। कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं कि कमल नाथ तो देश के नंबर दो उद्योगपति हैं और शिवराज सिंह तो नंगे-भूखे हैं। तुम्हारी अमीरी तुम्हें मुबारक हो कमल नाथ, लेकिन हम नंगे-भूखों पर ऊंगली मत उठाओ। हम ऐसे ही ठीक हैं, हमें नंगे-भूखे ही रहने दो, ताकि हम गरीबों का दर्द महसूस कर सकें, उनकी जिंदगीभर सेवा करते रहें।"
राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिह ने कांग्रेस नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अपशब्द कांग्रेस की संस्कृति है और सत्ता जाने पर कांग्रेस बौखला गई है। जिस किसान को अन्नदाता कहते हैं, उसके परिवार को भूखा-नंगा कहकर कांग्रेस अपमानित कर रही है। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। यही हालत कांग्रेस की हो गई है। इसी मानसिकता के कारण कांग्रेस पार्टी आज अप्रासांगिक हो गई है। रही-सही कसर आने वाले उपचुनाव में प्रदेश की जनता पूरी कर देगी।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | आरएसएस से जुड़ी संस्था अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के रामचंद्र खराडी नए अध्यक्ष बने हैं। केंद्रीय कार्यकारी मंडल ने राजस्थान के प्रतापगढ़ निवासी रामचंद्र खराडी को संगठन के तीसरे अध्यक्ष के रूप में चुना है। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री योगेश बापट ने यह जानकारी दी है। राजस्थान के उदयपुर जिला के भील जनजाति परिवार में 15 जनवरी 1955 को जन्मे रामचंद्र स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सरकारी सेवा में प्रवेश किए। इसके बाद वह तहसीलदार, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला अधिकारी आदि पदों में रहकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में कार्य कर चुके हैं। भूमि संबंधी मामलों का निपटारा करने की दिशा में उन्होंने सरकारी पद पर रहकर काफी सराहनीय कार्य किया।
2014 में सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर धार्मिक और सामाजिक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। जनजाति समाज के परंपरागत धर्म संस्कृति की रक्षा के साथ साथ गायत्री परिवार के कार्य से भी 1995 में उनका संपर्क आया। उनके नेतृत्व में 17 स्थानों पर गायत्री माता मंदिर निर्माण कार्य हुआ। 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में यजमान की भी भूमिका उन्होंने निभाई थी। कई स्थानों पर सामूहिक विवाह कराने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका कल्याण आश्रम से संपर्क 2003 में डुंगरपुर कल्याण आश्रम के भवन निर्माण के समय में हुआ। 2016 में राजस्थान इकाई के अध्यक्ष बने। 2019 में दोबारा इस दायित्व के लिए वे चुने गए। गत दो वर्षो से वे कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में भी कार्यरत थे।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | कोरोना के कारण दिल्ली के पटाखा व्यापारियों में मायूसी का आलम है। लॉकडाउन और महामारी के कारण पटाखों की फैक्ट्रियां भी बंद रहीं, जिस वजह से इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद कम जताई जा रही है। साथ ही, प्रदूषण व सामान्य पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते पटाखा व्यापार पर भी बीते कुछ सालों से ठीक नहीं रहा। दिवाली के अलावा भी शादी जैसे अन्य मौके पर भी लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं, हालांकि इस बार पटाखों की मांग न के बराबर रही है।
दिवाली में अभी करीब महीनाभर है। लेकिन बाजारों में पटाखों की सप्लाई पिछली बार से काफी कम है। पिछले साल ग्रीन पटाखे बेचने वाले दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
दरअसल, ग्रीन पटाखे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक व राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) के मानक के अनुरूप हैं।
ये पटाखे तमिलनाडु के प्रसिद्ध शिवकाशी से लेकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान में बन रहे हैं।
जामा मस्जिद के पास करीब 250 साल पुराने पटाखा बाजार है। जहां करीब 9 से 10 पटाखों की दुकाने हैं और यहां कुछ 100 साल पुरानी दुकाने भी हैं। हालांकि यहां पूरे साल पटाखों की दुकानें खुलती हैं वहीं इन सभी दुकानों पर फुलझड़ी, अनार व आसमान में रोशनी करने वाले पटाखे उपलब्ध रहते हैं।
हालांकि इस बार ग्रीन पटाखों की नई किस्में बनने लगी हैं और बाजारों में आना शुरू भी हो गईं हैं। ग्रीन पटाखे सामान्य पटाखों के मुकाबले 30 फीसद तक प्रदूषण कम करते हैं। वहीं ये सामान्य पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं।
पटाखा व्यापारी अमित जैन ने आईएएनएस को बताया, "कोविड-19 की वजह से सारी फैक्टरियां बंद पड़ी हुई थीं, जिसकी वजह से बाजारों में जरूरत भर माल नहीं आ सका। वहीं इस साल डिमांड भी कम है, क्योंकि बीते 6 महीनों से लोग खाली बैठे हुए थे, जिसकी वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं रही।"
उन्होंने कहा, "इस बार 20 फीसदी डिमांड है और सप्लाई उससे भी ज्यादा कम है। वहीं बीते 5 सालों में पटाखा व्यापार की स्थिति देखते हुए आधे पटाखा व्यापारी काम ही नहीं कर रहे हैं। वे कोई और काम कर रहे हैं।"
"अब ज्यादातर लोग सीजन के हिसाब से काम करते हैं, यानी होली के वक्त रंग बेचना, कभी पतंग बेचना, शादियों के वक्त शादियों का काम करना आदि। हालांकि लोगों के पास पटाखों के परमानेंट लाइसेंस है लेकिन ढंग से व्यापार नहीं करते। इस साल कोविड-19 की वजह तो नहीं, लेकिन आगामी साल में कुछ आर्थिक स्थिति ठीक हुई तो उम्मीद कर सकते हैं अच्छे व्यापार की।"
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग ने भी इस साल पटाखों की बिक्री के लिए आवेदन मंगा लिए हैं। अभी तक कुल 260 व्यापारियों ने अस्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। हालांकि दिल्ली में कुल करीब 200 से 250 पटाखा व्यापारियों के पास परमानेंट लाइसेंस है।
दिल्ली फायर वर्क्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जैन ने आईएएनएस को बताया, "हर साल ऐसा होता है कि दिवाली आने से कुछ दिन पहले ही पटाखों के पीछे सारी दुनिया पड़ जाती है। क्या पार्लियामेंट द्वारा पास हुआ एक्सप्लोसिव एक्ट को खत्म कर देना चाहिए? क्योंकि साल भर पटाखे का काम होता है। लेकिन दिवाली से 10 दिन पहले पटाखे बैन कर देते हैं, जबकि इस व्यापार में सभी धर्म के लोग जुड़े हुए हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आप बिल्कुल मना करदो की 2021 की दिवाली नहीं मनेगी, जिससे पूरे साल हम इस व्यापार को नहीं करेंगे, काम बंद कर कर देंगे। पूरा साल दिवाली को लेकर तैयारियां करते हैं और आखिर में पटाखों पर बैन लगा देते हैं। ऐसा करना बिल्कुल गलत है। इसके बाद जो आदमी पूरे साल लीगल काम करता है वो आखिर में इल्लीगल काम करने वाला बन जाता है।"
उन्होंने कहा, "2016 से इसी तरह से स्थिति हो रही है कि आखिर में सब आ जाते हैं कि बंद करो पटाखे जलाना। हमारी मांग है कि पटाखों को लेकर फैसला पहले कर दिया करें, बाद में फैसला आने से लाखों लोगों को नुकसान होता है।"
"वर्ष 2018 में पटाखों से प्रदूषण का हवाला देते हुए सप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखा बिक्री और उसे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अचानक से सब अवैध व्यापारी बन गए। दिल्ली में 200 से 250 व्यापारियों के पास पटाखों के परमानेंट लाइसेंस है। पटाखा व्यापारी पूरे साल कुछ न कुछ अलग काम भी करते हैं। वैसे भी 25 फीसदी ही पटाखा व्यापार रह गया है। दिवाली खुशी का मौका होता है पटाखे जलाकर हर कोई खुशियां मनाता है, त्योहारों की गरिमा भी बनी रहनी चाहिए।"
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ग्रीन पटाखों की उपलब्धता में कमी नहीं रहेगी। इस बार दिल्ली के बाजारों में कम से कम 50 तरह के पटाखे उपलब्ध रहेंगे। पटाखों की बिक्री को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं।(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 12 अक्टूबर| ओडिशा विधानसभा के पूर्व स्पीकर सरात कुमार कर का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। कर को कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वर्ष 1939 में कटक जिले में जन्में वयोवृद्ध नेता महांगा क्षेत्र से विधानसभा के लिए तीन बार चुने गए।
कर को 1977 में कटक से लोकसभा सीट से चुना गया था। वह 2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा के स्पीकर रहे।
भगवान शिव के अनन्य भक्त कर ने कई किताबें भी लिखीं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर| केंद्र सरकार ने सोमवार को प्रोत्साहन उपायों के माध्यम से आर्थिक पुनरुद्धार को गति देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।
एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र 'एलटीसी नकद वाउचर योजना' और 'विशेष त्यौहार अग्रिम योजना' शुरू करेगा।
तदनुसार, केंद्र को एलटीसी योजना से 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग (एडिशनल डिमांड) की उम्मीद है।
सीतारमण ने कहा कि अगर निजी क्षेत्र भी इसी तरह की पेशकश के साथ आगे आते हैं, तो 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग उत्पन्न होगी।
वित्त मंत्री ने सभी राजपत्रित और गैर राजपत्रित अधिकारियों के लिए 10,000 रुपये के विशेष त्यौहार पैकेज की घोषणा की। इस योजना के तहत केवल एक बार ही लाभ मिलेगा।
इसके अलावा केंद्र पूंजीगत व्यय के लिए जोर दे रहा है।
वित्तमंत्री ने बताया कि राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए 50 साल के लिए 12,000 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
कुल राशि में से 1,600 करोड़ रुपये उत्तर-पूर्वी राज्यों और उत्तराखंड व हिमाचल को 900 करोड़ रुपये का ऋण दिया जाएगा।
अन्य राज्यों के लिए 7,500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इसके अलावा 2,000 करोड़ उन राज्यों को आवंटित किए जाएंगे जो पहले घोषित किए गए चार सुधारों में से कम से कम तीन को पूरा करते हैं।
प्रदान किए गए ऋणों का उपयोग नई या चल रही पूंजी परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। उधार ली गई राशि को 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा।
इसके साथ ही वित्तमंत्री ने ऐलान किया है कि सड़क, रक्षा, बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, शहरी विकास और घरेलू रूप से उत्पादित पूंजीगत उपकरणों पर केंद्र के पूंजीगत व्यय के लिए 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा।
हालांकि, केंद्र की प्रोत्साहन घोषणा के बाद सोमवार को दोपहर बाद के व्यापार सत्र के दौरान प्रमुख भारतीय इक्विटी सूचकांक में वृद्धि नहीं देखी गई। (आईएएनएस)
पणजी, 12 अक्टूबर | गोवा पुलिस ने आईपीएल-13 के मैचों पर सट्टा लगाते हुए छत्तीसगढ़ के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पणजी के पास एक अपार्टमेंट से सट्टेबाजी रैकेट चला रहे थे। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक (अपराध) शोभित सक्सेना के अनुसार, सट्टेबाजी गिरोह पहले ही 50 लाख रुपये का सट्टा लगाने की बात स्वीकार कर चुका है, जिसका कि अपराध शाखा के अधिकारियों ने रविवार को भंडाफोड़ किया था।
सक्सेना ने कहा, " वे फोन पर छत्तीसगढ़ में अपने ग्राहकों से सट्टेबाजी लगा रहे थे। उनके पास से कई मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। एक लैपटॉप भी जब्त किया गया, जिस पर जुए से संबंधित लेखों के साथ एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से सट्टा लगाया गया था।"
आरोपियों की पहचान- रणजोत सिंह चब्रा, सुनील मोटवानी, कपिल तोलानी और विनय गंगवानी के रूप में की गई और ये सभी छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं।
जब से आईपीएल सीजन शुरू हुआ, गोवा पुलिस की विभिन्न टीमों ने राज्य में छह से अधिक जुए के संचालन का भंडाफोड़ किया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर| पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक भाजपा नेता के सिख सुरक्षा गार्ड की पगड़ी उतारे जाने और उसकी गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने कहा है कि वह अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगा। डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने आईएएनएस को बताया कि वह 2 डीएसजीएमसी सदस्यों के साथ हावड़ा पुलिस स्टेशन जाकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे।
डीएसजीएमसी के 3 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल रविवार को सिख सुरक्षा गार्ड बलविंदर सिंह की गिरफ्तारी के मामले में अपनी शिकायत दर्ज कराने कोलकाता आया था। प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की भी योजना बना रहा है, ताकि उनसे बलविंदर सिंह की पगड़ी उतारकर सिखों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाए।
सिरसा ने कहा, "हम बलविंदर सिंह की पगड़ी उतारने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेंगे। हम राज्य सरकार के अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनसे आग्रह किया जाए कि वे पुलिस और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें।"
सिरसा के नेतृत्व वाले कोलकाता पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर बलविंदर सिंह की तत्काल रिहाई करने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
बता दें कि इस मामले की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। यह घटना 8 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा द्वारा सचिवालय 'नबान्न' के लिए निकाले गए विरोध मार्च के दौरान की है।
इस मामले की भाजपा नेताओं समेत कई लोगों ने कड़ी निंदा की है। खबरों के मुताबिक, सिंह के पास से 9 एमएम की एक पिस्तौल बरामद की गई है, जिसका लाइसेंस अगले साल की जनवरी तक वैध है। (आईएएनएस)