राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर| सुप्रीम कोर्ट ने करीब सात महीने के अंतराल के बाद सोमवार को लगभग पुरे संख्या बल व क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया। 30 सदस्यों वाले सुप्रीम कोर्ट के 28 न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई के लिए बैठे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने वाली आठ बेंच में तीन जज शामिल हैं, जबकि दो बेंच में दो जज हैं। जस्टिस विनीत सरन और मोहन एम. शांतनगौदर सुनवाई में नहीं बैठ रहे हैं।
23 मार्च से शीर्ष अदालत प्रतिबंधित तरीके से काम कर रही है, जहां यह महामारी के मद्देनजर मामलों की सुनवाई वर्चुअल तौर पर कर रही है।
मार्च में प्रकोप के बाद, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, प्रति बेंच औसतन 30 मामलों के लिए, अधिकतम पांच बेंच प्रतिदिन बैठती थीं।
ट्रांसफर याचिकाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए दो एकल न्यायाधीश बेंच बैठ रही है। यह पूरे सप्ताह जारी रहने की संभावना है, और 10 प्रत्येक दिन मामलों की वर्चुअल सुनवाई के लिए बैठ सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने 23 मार्च को व्यक्तिगत रूप से मौजूदगी वाली सुनवाई की प्रक्रिया को निलंबित कर दिया था, और लॉकडाउन अवधि में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केवल तत्काल मामलों को लेने के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी यह प्रवृत्ति जारी रही।
31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न वकीलों के निकायों के अनुरोध पर मामलों की प्रस्तावित प्रयोगात्मक फिजिकल हियरिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी।
हालांकि, ऐसी सुनवाई की बहाली के लिए एसओपी में कोई तारीख नहीं डाली गई थी।
महासचिव संजीव एस. कलगांवकर द्वारा जारी एसओपी में कहा गया, "प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मामलों की फिजिकल हिंयरिंग शुरुआत में तीन कोर्ट-रूम में शुरू हो सकती है और बाद में हालात के मुताबिक मामलों की संख्या या कोर्ट-रूम की संख्या, बढ़ाई या कम की जा सकती है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर| सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है। इन विधेयकों का पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार विरोध हो रहा है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले इस जनहित याचिका पर यह कहकर सुनवाई करने से मना कर दिया था कि चूंकि कानून जारी कर दिए गए हैं, ऐसे में सुनवाई करने का कोई मतलब ही नहीं है। इसके बाद पीठ ने छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के नेता राकेश वैष्णव द्वारा दायर की गई एक अन्य जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल से कहा, "विभिन्न उच्च न्यायालयों में इनका जवाब देने के बजाय आप इसी अदालत में इसका जवाब दाखिल करें।" एजी ने इस सुझाव पर सहमति जताई और अब मामले की आगे की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पहले याचिकाकर्ताओं के वकील एम.एल.शर्मा से कहा था, "कानून पारित हो गया है, इसलिए कार्रवाई करने का कोई कारण नहीं है।"
अधिवक्ता फौजिया शकील के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "ये विधेयक देश में कृषि के कॉपरेरेटाइजेशन को प्रोत्साहित करने वाला है। जबकि खेती गरीब किसानों की जीवनरेखा है। यह अधिनियम मुख्य रूप से किसानों के हित से समझौता करने वाला है और उनके विवादों को सुलझाने की बजाय उन्हें प्रायोजकों की दया पर छोड़ने वाला है।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 12 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित बुलगड़ी गांव में मृत युवती के साथ कथित दुष्कर्म, मारपीट और मृतक का रातों रात अंतिम संस्कार कराने के मुद्दे पर सुनवाई होगी। यह सुनवाई इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को होनी है। इस केस की सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार भी शामिल होगा, जो कड़ी सुरक्षा में लखनऊ पहुंच गया है। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई दोपहर 2:15 बजे जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ के समक्ष शुरू होगी। जिला जज को पीड़िता के परिवारवालों की हाईकोर्ट में पेशी सुनिश्चित करने को कहा गया था। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, एडीजी कानून-व्यवस्था के साथ-साथ हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी अदालत में पेश होना है। अधिकारी मामले की जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट पेश कर सकते हैं। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर 66 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और आठ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
पीड़ित परिवार सुबह हाथरस से निकला। पीड़ित के माता-पिता, दो भाई और एक भाभी लखनऊ पहुंचीं। सभी को हाईकोर्ट के पास स्थित उत्तराखंड भवन में ठहराया गया। एसडीएम अंजलि गंगवार और सीओ शैलेंद्र बाजपेयी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रखी है। दो गाड़ियों में पीड़ित परिवार था, जबकि छह गाड़ियां उनके एस्कॉर्ट के लिए हैं। भाई ने कहा कि जो भी घटना हुई है, उसके बारे में कोर्ट को बताएंगे। जो घटना के वक्त मौजूद था, वह अपनी बात कोर्ट में रखेगा।
हाथरस की पीड़िता के केस की सुनवाई को लेकर हाई कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। हाईकोर्ट के बाहर गेट नंबर छह पर सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है। यहां पर पीएसी के साथ ही सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। सर्विस लेन बंद कर दी गई है, सिर्फ कोर्ट में आने वाले लोगों को ही अनुमति दी जा रही है।
पीड़ित परिवार को लेकर एडीएम अंजली गंगवार लखनऊ आई हैं। उन्होंने बताया कि मैं उनके साथ जा रही हूं। सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी हमारे साथ हैं। (आईएएनएस)
पटना, 12 अक्टूबर| बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान तलाशी अभियान में नकदी बरामद करने का सिलसिला जारी है। पुलिस द्वारा वाहन तलाशी अभियान के दौरान बरामद किए जा रहे इस नकदी के संदर्भ में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इसका उपयोग चुनाव में तो नहीं किया जाना था। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, अब तक छह करोड रुपए से अधिक की राशि जब्त की गई है। बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झारखंड सीमा पर तलाशी अभियान के दौरान एक यात्री बस से रविवार को आठ लाख 43 हजार रुपये बरामद किए गए। इस मामले में धनबाद के रहने वाले संजीत कुमार नाम के एक व्यक्ति को हिरासत मंे लिया गया है।
इधर, रविवार को ही छपरा जंक्शन पर बिहार संपर्क क्रांति स्पेशल ट्रेन के वातानुकूलित बोगी से 19 लाख 50 हजार रुपये बरामद किया गया है। इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों का कहना है कि वे लोग मधुबनी में इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय करते हैं।
पूर्णिया में भी रविवार को वाहन जांच तलाशी अभियान के दौरान एक स्कार्पियों से 6 लाख 78 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है कि चुनाव के दौरान तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और नकदी राशि बरामद की जा रही है।
इस विधानसभा चुनाव को लेकर जारी आदर्श संहिता के बीच शनिवार को कटिहार के बरारी थाना क्षेत्र के बंका चौक पर दंडाधिकारी अनुरंजन मंडल एवं बरारी थाना के अवर निरीक्षक सोहेल खां द्वारा चलाए जा रहे वाहन तलाशी अभियान के दौरान एक मोटरसाइकिल की डिक्की से तीन लाख 80 हजार रूपया बरामद किया गया था।
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि चुनावी आदर्श आचार संहिता के बीच किसी भी व्यक्ति द्वारा पचास हजार रुपये से अधिक लाने व ले जाने पर प्रतिबंध है।
इससे पहले छह अक्टूबर को दरभंगा जिले के विशनपुर थाना क्षेत्र से पुलिस ने एक वाहन से करीब एक करोड़ रुपये बरामद किए थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हनुमान नगर चेकपोस्ट के पास पुलिस वाहन जांच अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक स्कार्पियो से पुलिस ने करीब एक करोड 11 लाख रुपये बरामद किए हैं।
इससे पहले पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के बिस्कोमान भवन के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक वाहन से 74 लाख रुपये बरामद किए गए थे। इस वाहन में राजद के झंडे लगे थे।
इधर, राज्य निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 से अधिक स्थानों पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक छह करोड़ से अधिक की राशि जब्त की गई है। इस दौरान 150 ग्राम ब्राउन शुगर तथा 393 किलोग्राम गांजा भी बरामद किए गए हैं। (आईएएनएस)
देवरिया (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर| देवरिया में कांग्रेस की एक महिला नेता तारा यादव द्वारा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को दुष्कर्मी बताए जाने के विवाद के बीच त्रिपाठी ने अब एक वीडियो पोस्ट कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। एक मिनट के वीडियो में, त्रिपाठी का दावा है कि उन पर लगाए गए आरोप 'राजनीति से प्रेरित और उनकी छवि खराब करने के लिए लगाए गए' हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं और मैं महिला के साथ-साथ कुछ चैनलों को भी चेतावनी देना चाहता हूं जो आरोपों को प्रचारित कर रहे हैं, कि मैं जल्द ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करूंगा। मैं उन लोगों के खिलाफ मानहानि का केस दायर करूंगा जो मुझे और मेरी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।"
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस घटना के बारे में जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया है जिसमें एक महिला पार्टी की सदस्य द्वारा मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को कथित तौर पर दुष्कर्मी बताकर उन्हें आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट देने पर सवाल उठाने के बाद उसके साथ पार्टी कार्यकर्ताओंने मारपीट की थी। (आईएएनएस)
समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, पार्टी के दो कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। वे हैं दीन दयाल यादव और अजय कुमार सैंथवार।
श्रीनगर, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर जिले के रामबाग में सोमवार को सुरक्षाबलों और आंतकवादियोंके बीच मुठभेड़ हुई जिसमें 2 आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सेना ने इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, "मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं, तलाशी जारी है।"
इससे पहले, इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने कहा कि लश्कर का श्ीर्ष आतंकवादी सैफ-उल-लाह उन दो आतंकवादियों में से था, जो फंस गए थे।
उन्होंने कहा, "वह पाकिस्तानी आतंकवादी है, लश्कर से जुड़े इस आतकंवादी का नाम सैफ-उल-लाह है, जिसने 24 सितंबर को चाडूरा में एक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें एक सहायक उप निरीक्षक शहीद हो गए थे और अगस्त में एक आतंकी हमले में भी शामिल था, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए थे।"
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर| लखीमपुर खीरी जिले के पसगवां इलाके में गन्ने के खेत में एक लड़की मृत पाई गई है, जो अपने घर के बाहर से लापता हो गई थी। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है।
यह लड़की शुक्रवार को लापता हुई थी और रविवार शाम को उसका शव पाया गया।
लड़की के गले में चोट के निशान से पता चलता है कि उसका किसी ने खून किया होगा। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ए.के. सिंह ने कहा कि शुक्रवार को लड़की के लापता होने के बाद उसके माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
लड़की के माता-पिता ने गांव में किसी भी दुश्मनी होने की बात से इनकार किया है।
पुलिस अधीक्षक (खीरी) विजय ढुल ने मामले को सुलझाने के लिए पसगवां पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच और निगरानी टीमों को तैनात किया है। घटनास्थल से सबूत जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीम भी बुलाई गई है।
पुलिस ने कहा कि आगे की कार्रवाई की जाएगी।(आईएएनएस)
झांसी, 12 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र द्वारा पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कैम्पस के अंदर एक 17 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया। घटना तब हुई जह कॉलेज में सिविल सेवा परीक्षा चल रही थी। लड़की के साथ हैवानियत करने वालों ने उसे लूटा, आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उस लड़के की भी पिटाई की जिससे वह मिलने गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि रविवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज के लगभग एक दर्जन छात्र उसे जबरन कैम्पस के अंदर ले गए जहां उनमें से एक ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
यह घटना कैम्पस के अंदर हुई जहां भारी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रांतीय लोक सेवाओं (पीसीएस) की परीक्षा हो रही थीं।
झांसी के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने कहा कि मुख्य आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पीड़िता अपने एक दोस्त से मिलने गई थी, जब एक दर्जन से अधिक छात्र उसके पास पहुंच गए। एसएसपी ने कहा कि वे उन्हें जबरन हॉस्टल के अंदर ले गए जहां उन्होंने पीड़िता और उसके दोस्त की पिटाई की।
साथ ही आरोपी लड़कों ने लड़की से 2,000 रुपये भी छीन लिए। छात्रों में से एक ने उसके साथ दुष्कर्म किया जबकि अन्य ने वीडियो बनाया।
एसएसपी ने कहा, "जब कैम्पस के पास से गुजर रहे कुछ पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के रोने की आवाज सुनी, तो वे उसे सिपरी बाजार पुलिस स्टेशन ले गए। इस घटना से बुरी तरह आहत लड़की ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और एक आरोपी भरत की पहचान की।"
पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल नवीन कुमार ने कहा, "आरोपी पॉलिटेक्निकके दूसरे वर्ष के छात्र हैं जिनकी वास्तविक पहचान होनी अभी बाकी है।"
उन्होंने कहा, "यह पता लगाया जाना चाहिए कि वे हॉस्टल में रहने वाले छात्र हैं या नहीं। पूरे कैम्पस के लिए केवल एक सुरक्षा गार्ड है जो घटना के समय कहां था, इसका पता नहीं है क्योंकि वह रविवार को कॉलेज में चल रही पीसीएस परीक्षा में व्यस्त था।"
एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने मुख्य आरोपी रोहित सैनी और भरत और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 376-डी, 395, 386, 323, आईटी एक्ट की धारा 66 डी और पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। ।
मुख्य आरोपियों रोहित सैनी और भरत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसएसपी ने कहा, "अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। कॉलेज प्रशासन को आरोपियों की पहचान करने और उनका विवरण देने के लिए कहा गया है।" (आईएएनएस)
मुंबई, 12 अक्टूबर| मुंबई और मुंबई महानगर के ठाणे, रायगढ़ और पालघर में ग्रिड फेल होने के कारण सोमवार को बिजली गुल होने का असर लोगों के दैनिक जीवन पर देखने को मिला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वितरकों में से एक बेस्ट ने कहा कि टाटा की इनकमिंग इलेक्ट्रिक सप्लाई विफल होने के कारण सुबह 10.15 बजे के आसपास बिजली की आपूर्ति बाधित हुई।
बिजली अपूर्ति बाधित होने का असर मुंबई - मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे पर पड़ा और बड़ी संख्या में यात्री इन ट्रेनों में फंसे हुए हैं।
कई स्थानों पर यात्री उतर गए और पास के उपनगरीय रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे।
बीएमसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कलवा, ठाणे में टाटा पावर की सेंट्रल ग्रिड फेल होने के कारण बिजली गुल हुई और बहाली में लगभग एक घंटा लग सकता है।
पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि टाटा पावर कंपनी की ग्रिड फेल होने के कारण 10.05 बजे ट्रैक्शन पॉवर में रुकावट के मद्देनजर चर्चगेट और बोरिवली के बीच की सेवाएं बंद हैं। बिजली सप्लाई शुरू होते ही इसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
हालांकि, एमएसईटीसीएल से बिजली की आपूर्ति वसई रोड पर उपलब्ध थी।
चर्चगेट-बोरीवली सेक्शन में सेवाएं शुरू करने के लिए भी प्रयास चल रहे थे। यात्रियों से अनुरोध किया गया कि वे घबराएं नहीं और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
बिजली आपूर्ति बाधित होने का अन्य प्रभाव पानी की आपूर्ति नहीं होना, कुछ इमारतों में लोगों का लिफ्ट में फंस जाना, आदि के तौर पर देखने को मिला।
(आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर| दुधवा टाइगर रिजर्व के धौरहरा रेंज के पास एक तेंदुए के हमले में दो बच्चों की मौत हो जाने के कुछ दिनों बाद अब लखीमपुर खीरी-बहराइच बॉर्डर पर एक नाबालिग बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया। बहराइच रेंज के पास पाठकपुरवा गांव से इस हादसे की सूचना मिली है, जिसमें गांववालों ने मिलकर लड़के को तेंदुए के चंगुल से छुड़ाया है।
पुलिस और वन विभाग ने शनिवार को कहा कि सप्ताहांत में 13 वर्षीय सिकंदर लाल किशोर पर तेंदुए ने हमला किया। वन विभाग की तरफ से यह भी पता लगाए जाने की कोशिश जारी है कि क्या यह वही तेंदुआ है, जो पाठकपुरवा की घटना में भी शामिल रहा है। उसके पैरों के निशान खंगाले जा रहे हैं।
सिंकदर फिलहाल खतरे से बाहर है। उसे कुछ मामूली चोटें आई हैं।
वाइल्डलाइफ ट्रस्ट इंडिया (डब्ल्यूटीआई) के विशेषज्ञों ने क्षेत्र में 15 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। उप्र वन विभाग ने भी तेंदुए को पकड़ने के अपने अभियान को तेज कर दिया है। वनाधिकारियों के मुताबिक, चारे के रूप में दो पिंजरों में बकरियों को डालकर अलग-अलग जगहों में रखा गया है।
(आईएएनएस)
मई दिल्ली, 12 अक्टूबर| अभिनेत्री खुशबू सुंदर के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने उन्हें सोमवार को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी सचिव प्रणव झा ने कहा, खुशबू सुंदर को तुरंत प्रभाव से एआईसीसी के प्रवक्ता के पद से हटाया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, 2014 में डीएमके छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुई खुशबू बीजेपी नेताओं से मुलाकात करने तमिलनाडु से दिल्ली के लिए रवाना हुई।
अगले साल होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में सोमवार को खुशबू के भाजपा में शामिल होने की संभावना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| तुअर, उड़द, मूंग और चना समेत तमाम दालों के बेलगाम हुए दाम को काबू करने के मकसद से केंद्र सरकार ने सस्ती दरों पर उपभोक्ताओं को उड़द और तुअर की दाल मुहैया करवाने समेत अन्य कदम उठाए हैं। मगर, दाल कारोबारी इसे नाकाफी मानते हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में दालों के दाम में थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन घरेलू उपलब्घता बढ़ाने के लिए तुअर का आयात जरूरी है। ऑल इंडिया मिल एसोसिएशन का कहना है कि जब तक सरकार तुअर का बफर स्टॉक खुले बाजार में नहीं उतारेगी या आयात के लिए लाइसेंस जारी नहीं करेगी, तब तक दालों की महंगाई पर रोक नहीं लगेगी क्योंकि व्यापारियों के पास तुअर का स्टॉक बहुत कम है और नई फसल आने में अभी दो महीने देर है।
दिल्ली-एनसीआर में उपभोक्ताओं को तुअर दाल के लिए 120 से 140 रुपये, उड़द के लिए 130 रुपये से लेकर 150 रुपये और मूंग का 120 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो चुकाना पड़ रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्रालय की बेवसाइट पर संकलित कीमतों के अनुसार, देश में रविवार को तुअर का खुदरा भाव 75 से 125 रुपये, उड़द दाल का भाव 70 से 126 रुपये, मूंग दाल का भाव 80 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो था।
दालों की महंगाई पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से खुदरा हस्तक्षेप के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को धुली उड़द (खरीफ-2018 का स्टॉक) 79 रुपये प्रति किलो और (खरीफ-2019 का स्टॉक) 81 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह, तुअर की दाल 85 रुपये प्रति किलो की दर से मुहैया की जा रही है। यह जानकारी शनिवार को मंत्रालय ने दी।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोएिशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि सस्ती दरों पर लोगों को दाल मुहैया करवाने से कीमतों में थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
अग्रवाल ने कहा, दालों के दाम पर लगाम तभी लगेगी जब सरकार नेफेड के पास पड़ा तुअर का स्टॉक की बिक्री खुले बाजार में की जाएगी या फिर तुअर आयात का लाइसेंस जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल चार लाख टन तुअर आयात का कोटा तय किया है, मगर आयात के लिए लाइसेंस अब तक जारी नहीं किया गया।
नेफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने बताया कि तुअर का आठ लाख टन बफर स्टॉक है और इसमें से तीन से चार लाख टन का स्टॉक निकाला जा सकता है, लेकिन कितना स्टॉक रखा जाएगा और कितना निकाला जाएगा यह सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।
दलहन बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि तुअर की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, फिर भी सरकार ने हाल ही में 1.50 लाख टन उड़द आयात करने की इजाजत दी है। ऐसे में संभव है कि तुअर आयात के लिए लाइसेंस जारी की जाए क्योंकि तुअर की नई फसल की आवक शुरू होने में अभी दो महीने से ज्यादा विलंब है।
बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन 40.4 लाख टन होने का आकलन किया गया है जबकि पिछले साल तुअर का उत्पादन 38.3 लाख टन हुआ था।
बेंगलुरू, 12 अक्टूबर| बेंगलुरू के एक होटल में पुलिस की अचानक छापेमारी से हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। यहां कथित तौर पर जुआ खेल रहे 65 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 96 लाख नकद बरामद किए गए। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने यहां एक बयान में कहा, "मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर, शहर की अपराध शाखा (सीसीबी) ने पूर्वी उपनगर के महादेवपुरा में एक होटल पर छापा मारा और सभी 65 आरोपियों को जुआ खेलने के आरोप में गिरफ्तार किए और उनसे नकद (96 लाख रुपये) जब्त किए।"
इसे शहर में जुए के कारोबार का भंडाफोड़ का नाम दिया जा सकता है। अचानक किए गए इस छापेमारी से इस बात का खुलासा हुआ है कि अधिकांश जुआरी पड़ोसी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं, जिन्हें शहर के कई कार्यक्रमों में भाग लेने का लालच दिया गया था।
पाटिल ने कहा, "हमें अब ऐसे कार्यक्रमों के आयोजकों की तलाश है क्योंकि ये काफी बड़े पैमाने पर फैले हुए हैं।"
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "एक अनाम होटल में आयोजित एक समारोह में बड़ी संख्या में आम लोगों की उपस्थिति में न्यायिक पुलिस इसे नोटिस करने में विफल रही।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनके व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं। राजमाता केवल वात्सल्य की मूर्ति ही नहीं थी, वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ऐसे कई मौके आए जब पद उनके पास तक चलकर आए। लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। एक बार खुद अटल जी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया था कि वो जनसंघ की अध्यक्ष बन जाएं। लेकिन उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनसंघ की सेवा करना स्वीकार किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं। आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राम मंदिर आंदोलन तक, राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम में से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है। राजमाता एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थीं। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी। राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 12 अक्टूबर | मजबूत कारोबारी रुझानों के बीच घरेलू शेयर बाजार की शुरूआत सोमवार को तेजी के साथ हुई और आरंभिक कारोबार के दौरान करीब 400 अंक उछला जबकि निफ्टी 100 अंकों से ज्यादा की छलांग लगाकर 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया। हालांकि बाद में सुबह 9.29 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 326.18 अंकों यानी 0.81 फीसदी की तेजी के साथ 40,835.67 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी बीते सत्र से 84.10 अंकों यानी 0.71 फीसदी की बढ़त के साथ 11,998.30 पर बना हुआ था।
एशिया के अन्य बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार में लगातार आठवें सत्र में तेजी का माहौल बना हुआ था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 207.46 अंकों की तेजी के साथ 40,716.95 पर खुला और आरंभिक कारोबार के दौरान 40,905.49 तक उछला जबकि निचला स्तर 40,696.69 रहा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र के मुकाबले 59.35 अंकों की तेजी के साथ 11,973.55 पर खुला और 12,022.05 तक उछला जबकि आरंभिक कारोबार के दौरान निफ्टी का निचला सतर 11,968.85 रहा।
बाजार के जानकार बताते हैं कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा सोमवार को शेयर बाजार में कारोबार की शुरूआत करने को लेकर भी उत्साह का माहौल है जबकि एशिया के अन्य बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।(आईएएनएस)
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 बीमारी के लिए ज़िम्मेदार कोरोना वायरस बैंक नोट, फ़ोन की स्क्रीन और स्टेनलेस स्टील जैसी कुछ सतहों पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है.
ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी का कहना है कि SARS-Cov-2 वायरस कुछ सतहों पर उससे कहीं अधिक देर तक जीवित रह सकता है जितना सोचा गया था .
हालांकि, ये शोध अंधेरे में और स्थिर तापमान में किया गया था. जबकि हाल में पता चला है कि अल्ट्रावायलेट लाइट के इस्तेमाल ये कोरोना वायरस नष्ट हो जाता है.
कुछ जानकार इस बात पर संदेह जताते हैं कि सतह पर मौजूद वायरस से इंसान के संक्रमित होने का कितना वास्तविक ख़तरा होता है.
अधिकतर मामलों में कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों की खांसी, छींक या बात करने से निकले थूक के बारीक कणों से होता है.
शोध में क्या कहा गया है?
इससे पहले लेबोरेटरी में हुए टेस्ट में पता चला था कि बैंक नोट और कांच पर कोरोना वायरस दो या तीन दिनों तक ही जीवित रह सकता है जबकि प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील की सतह पर ये छह दिन तक जिंदा रह सकता है. हालांकि लेबोरेटरी टेस्ट के नतीजों में थोड़ा फर्क था.
लेकिन ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी सीएसआईआरओ की एक रीसर्च का कहना है कि ये वायरस 'बेहद मज़बूत' है और 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान और अंधेरे में मोबाइल फ़ोन के कांच, प्लास्टिक और बैंक नोट जैसी चिकनी सतहों पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है.
कोरोना वायरस की तुलना में ऐसी ही परिस्थिति मे फ्लू का वायरस 17 दिनों तक जीवित रह सकता है.
वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में पता चला है कि ठंडे तापमान की तुलना में गर्म तापमान में ये वायरस कम देर तक जीवित रहता है. 40 डिग्री सेल्सियस पर रखने पर कुछ सतहों पर ये वायरस चौबीस घंटों के भीतर संक्रामक नहीं रह जाता.
चिकनी और कम खुदरा सतहों पर ये वायरस अधिक दिनों तक जीवित रह सकता है जबकि कपड़े जैसी खुदरा सतह पर ये 14 दिनों के बाद जीवित नहीं रह सकता.
क्या इस पर कुछ असहमति है?
कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी के कॉमन कोल्ड सेंटर के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर रॉन एक्सेल ने इस रिसर्च की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इसमें कहा गया है कि वायरस 28 दिनों तक जीवित रह सकता है, जिससे "लोगों में अनावश्यक डर" पैदा हो रहा है.
उन्होंने कहा, "ये वायरस खांसी या छींक में गिरे थूक के बारीक कणों और गंदे हाथों से फैलता है. लेकिन इस शोध में वायरस फैलने के कारण के रूप में इंसान के ताज़ा बलगम का इस्तेमाल नहीं किया गया है."
"इंसान के ताज़ा बलगम में बड़ी संख्या में व्हाइट सेल्स होते हैं जो वायरस को नष्ट करने के लिए एन्ज़ाइम बनाते हैं. बलगम में वायरस से मुक़ाबला करने के लिए एंटीबॉडी और केमिकल भी हो सकते हैं."
"मेरी राय में संक्रामक वायरस सतह पर गिरे बलगम में कुछ घंटों के लिए ही जीवित रह सकते हैं न कि कई दिनों के लिए."
इसी साल जुलाई में रटगर्स यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफ़ेसर इमानुएल गोल्डमैन का एक पेपर जानीमानी पत्रिका लैंसेट में छपा था. इसमें कहा गया था कि "सतह पर पड़े थूक के कणों से संक्रमण का ख़तरा कम होता है."
वो कहते हैं कि ऐसे शोध जो वायरस के कारण बड़ा ख़तरा बताते हैं उनमें "वास्तविक जीवन के हालातों से कम ही समानता होती है."
बीते सप्ताह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मेडिसीन प्रोफ़ेसर मोनिका गांधी ने कहा था कि कोरोनो वायरस सतहों के ज़रिए नहीं फैलता.
'हाथ और टचस्क्रीन को साफ रखने की आदत डालें'
पल्लब घोष, विज्ञान संवाददाता
कोविड-19 का वायरस मुख्य रूप से हवा के ज़रिए फैलता है. अब तक हुए शोध में पता चला है कि ये वायरस हवा में मौजूद कणों में तीन घंटों तक जीवित रह सकता है.
अब तक इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है कि बैंक नोट और टचस्क्रीन जैसे सतहों के ज़रिए ये कितनी तेज़ी से फैल सकता है.
स्टेनलेस स्टील की सतह पर ये वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है इसे लेकर हाल में जो शोध हुए हैं उनमें पता चला है कि सामान्य तापमान में ये स्टेनलेस स्टील पर तीन से 14 दिनों तक जीवित रह सकता है.
नई रिसर्च में देखा गया कि कांच, काग़ज, प्लास्टिक के नोटों और स्टील पर ये वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि इन सभी सतहों पर 20 डिग्री सेल्सियस पर 28 दिनों के बाद भी वायरस का पता लगाया जा सकता है. इसमें वायरस के जीवित रहने का वक्त पहले के शोध से कहीं अधिक बताया गया है.
ये शोध जिन परिस्थितियों में किया गया वो वायरस के अनुकूल थे, मसलन अंधेरा कमरा, स्थिर तापमान और नम हवा. लेकिन असल जिंदगी में वायरस को अपने अनुकूल परिस्थिति कम ही मिलती है.
फिर भी, शोध के ये नतीजे एक बार फिर बताते हैं कि संक्रमण के ख़तरे को कम करने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने और टचस्क्रीन को धोने या सैनिटाइज़ करने की ज़रूरत है. साथ ही संक्रमण के ख़तरे को कम करने के लिए हमें अपना चेहरा छूने से बचना चाहिए.
क्यों महत्वपूर्ण है ये रिसर्च?
सीएसआईआरओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. लैरी मार्शल कहते हैं, "किसी सतह पर ये वायरस कितनी देर तक टिका रह सकता है, ये जानकारी हमें वायरस से निपटने की कोशिशों, संक्रमण को कम करने और लोगों को बचाने में मदद करती है."
रीसर्च में शामिल सदस्यों का कहना है कि ठंडी परिस्थितियों में स्टेनलेस स्टील पर वायरस का अधिक देर तक जीवित रहना ये बताता है कि कोविड-19 महामारी का गंभीर असर मीट प्रोसेसिंग केंद्र और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के आसपास क्यों हुआ होगा.
पूरी दुनिया में मीट प्रोसेसिंग केंद्रों और बूचड़खानों में काम करने वाले हज़ारों लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
इससे पहले वायरस संक्रमण के अधिक मामलों की एक वजह बंद कमरों में काम करना, ठंडा और नमी भरा माहौल भी बताया गया है. साथ ही अधिक आवाज़ करती मशीनों के आसपास काम करने वालों के ऊंची आवाज़ में बात करने को भी वायरस फैलने का एक अहम कारण बताया गया है.
सीएसआईआरओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके शोध के नतीजे पहले आए उन शोध के नतीजों से मेल खाते हैं जिनमें कहा गया था कि फ्रीज़र में रखे ताज़ा खाने में वायरस अधिक देर तक जीवित रह सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, "खाने या खाना पैक करने के कारण अब तक कोविड-19 के मामले दर्ज नहीं किए गए हैं."
हालांकि संगठन ये ज़रूर बताता है कि संक्रमण के ख़तरे से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां लेना ज़रूरी है.
कोरोना वैक्सीन आने के बाद क्या सब कुछ एकदम से सामान्य हो जाएगा?(bbc)
श्रीनगर, 12 अक्टूबर | श्रीनगर जिले के रामबाग इलाके में सोमवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू करने के बाद यह मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षाबल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, "श्रीनगर के रामबाग इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सीआरपीएफ अपना काम कर रहे हैं।"(आईएएनएस)
लखनऊ, 12 अक्टूबर | हाथरस पीड़िता के परिवार के सदस्य आज हाईकोर्ट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हो सकते हैं। सुबह कोर्ट के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस संदर्भ में अंतिम निर्णय न्यायाधीशों द्वारा इसी दिन लिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, "कोविड-19 महामारी के चलते कोर्ट व्यक्तिगत रूप से लोगों की मौजूदगी में सुनवाई नहीं कर रहा है, लेकिन इस मामले में कुछ अलग किया जा सकता है। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ के समक्ष दोपहर के 2.15 बजे मामले की सुनवाई शुरू होगी।"
कड़ी सुरक्षा के बीच परिवार के पांच सदस्य सोमवार सुबह लखनऊ के लिए हाथरस से रवाना हुए। पहले रविवार रात को ही उनका सफर किया जाना था, लेकिन सुरक्षा के कारणों को ध्यान में रखते हुए परिवार ने रात में सफर करने से इंकार कर दिया।
सफर के दौरान पीड़िता के परिवार के साथ कई सुरक्षा कर्मी, अधिकारी और मीडिया कर्मी थे। इस पूरे काफिले के साथ परिवार ने अपना सफर शुरू किया।
सुनवाई का समय दोपहर 2.15 बजे निर्धारित किया गया है।(आईएएनएस)
त्योहारों के मौसम से पहले शुक्रवार को सामने आए एक सर्वे में पता चला है कि करीब 36 प्रतिशत भारतीय बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने की तैयारी में है. हालांकि अगर सर्वे के आंकड़े सही साबित हुए तो कोविड -19 (Covid-19) के फैलने की आशंका बढ़ सकती है. भारतीयों के लिए साल का सबसे रोमांचक समय आने वाला है. त्योहारी सीजन (Festival Season) के रूप में लोकप्रिय अक्टूबर-नवंबर में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और अंत में दीवाली जैसे त्योहार आते हैं.
कोविड -19 महामारी के कारण पिछले कई महीनों से अपने घरों की चारदीवारों तक सीमित रहने वाले लोग अब सकारात्मक भावनाओं के साथ अपने कदम बाहर रखने और सामाजिक तौर पर आयोजित कार्यक्रमों में घुलने मिलने का फैसला कर सकते हैं.
‘लोकल सर्किल्स’ ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान लोगों की समाजीकरण की योजना को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण में भारत के 226 जिलों से 28,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं.
51 फीसदी भारतीयों ने कहा सामजीकरण नहीं करेंगे
सर्वे के पहले प्रश्न में पूछा गया था कि लोग इस त्योहारी सीजन के दौरान किस तरह से समाजीकरण की योजना बना रहे हैं. इस सवाल के जवाब में खुलासा हुआ कि तीन प्रतिशत ने कहा कि वे पड़ोस के कार्यक्रमों में भाग लेंगे, तीन प्रतिशत ने कहा कि वे उन निजी मिलन समारोह या पार्टियों में शामिल होंगे, जिनका उन्हें निमंत्रण मिलेगा.
वहीं 23 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने करीबी परिवार और दोस्तों से मिलने जाएंगे, जबकि सात प्रतिशत ने कहा कि वे उपर्युक्त सभी कार्यों को करेंगे. वहीं 51 फीसदी ने कहा कि वे बिल्कुल भी समाजिकरण नहीं करेंगे. इसका मतलब यह है कि 36 फीसदी भारतीय इस त्योहारी सीजन में सामाजिक होना चाहते हैं.
केरल में ओणम के बाद कोरोना के मामले बढ़े
गौरतलब है कि सितंबर की शुरुआत में ओणम त्योहार समारोह के दौरान केरल के निवासी काफी लापरवाह हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप कोरोनावायरस के मामलों में प्रतिदिन 4,000 से 10,000 की बढ़ोत्तरी देखी गई थी. इसी वजह से केरल सरकार ने धारा 144 लागू कर दी और अक्टूबर के पूरे महीने के लिए राज्य भर में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया.
कोरोनावायरस के कारण लंबे समय से भारतीय मेलजोल, विस्तारित परिवार से मिलने और भीड़ भरे स्थानों पर आने-जाने से बचते आ रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि आगामी त्योहारों के दौरान यह चेन टूटने की संभावना है.
63 प्रतिशत लोगों ने कहा सावधानी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे
अगला सवाल यह पूछा गया कि कोविड के बावजूद ऐसे कौन से प्रमुख कारण हैं, जो वे इस त्योहारी सीजन में सामाजिक तौर पर भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं. इस पर 17 प्रतिशत ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए सामाजिक रूप से एक कठिन साल रहा है और बाहर जाकर लोगों से मिलना उन्हें खुश करेगा, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि सामाजिक दबाव होगा, इसलिए उन्हें ऐसा करना होगा.
वहीं लगभग 63 प्रतिशत ने कहा कि वे सावधानी बरतने के साथ सामाजिक भागीदारी का हिस्सा बनेंगे, ऐसे में सब ठीक होगा, कोई समस्या नहीं आएगी, जबकि पांच प्रतिशत ने कहा कि वह पहले ही कोविड -19 संक्रमण से उबर चुके हैं, इसलिए यह चिंता का विषय नहीं है. वहीं पांच फीसदी अनिश्चित थे.
इससे पता चलता है कि 63 प्रतिशत लोग जो इस त्योहारी सीजन को सामाजिक बनाना चाहते हैं, उनका मानना है कि वे सावधानियों का पालन करते हुए सुरक्षित रहेंगे, जबकि कुछ लोग त्योहारों का आनंद लेने और कुछ सामाजिक दबाव में समाज का हिस्सा बनेंगे.
भारत में करीब 70 लाख कोविड के मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस्टिव सीजन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को जारी किया है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अक्टूबर को कोविड -19 के मद्देनजर उचित व्यवहार के लिए एक ‘जन आंदोलन’ शुरू किया है. सरकार का कहना है कि वे अधिक मामले वाले जिलों में खास क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए एक्शन प्लान लागू करेगी.(tv9bharat)
महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र, और तमिलनाडु में कोरोना के सक्रिय मामलों, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज़्यादा है: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
हैदराबाद, 12 अक्टूबर | तेलंगाना के मुलुंग जिले में नक्सलियों ने शनिवार देर रात सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-माओवादी के सदस्यों ने मादुरी भीमेश्वर को बोक्कापुरम गांव में उसकी पत्नी के सामने मौत के घाट उतार दिया। घटना छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे वेंकटपुरम मंडल में हुई।
पुलिस के अनुसार, कम से कम छह सशस्त्र नक्सलियों ने आधीरात को हमला किया।
भीमेश्वर की पत्नी ने पुलिस को कहा कि हमलावरों ने खिड़की के जरिए पहले उससे बातचीत की ओर घर में घुस गया। पीड़ित हमलावरों में से एक को जानता था और उसे उसके नाम से पुकारा रहा था ।
उसने कहा कि हमलावरों ने उसके पति पर बंदूक तान दी, जबकि एक उसके पास छड़ी लेकर खड़ा रहा ओर उसे वहां रहने के लिए कहा।
पीड़िता की पत्नी ने कहा कि उसने अपने पति को छोड़ देने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई दया नहीं दिखाई। नक्सलियों ने पहले उसे पीटा और बाद में उसकी हत्या कर दी।(आईएएनएस)
देहरादून, 12 अक्टूबर | प्रदेश कांग्रेस के कामकाज को लेकर प्रभारी महासचिव हरीश रावत द्वारा की गई टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद रावत ने स्पष्टीकरण दिया है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि पंजाब कांग्रेस के प्रमुख को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है और उनकी बात को 'गलत समझा गया' है।
रावत ने आईएएनएस से कहा, "पंजाब में राज्य इकाई के अध्यक्ष को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब उनसे जिला समितियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि समितियों का गठन न होना चिंता का विषय है। यह पूछे जाने पर कि पंजाब के नेता पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को दिए जा रहे अनुचित महत्व से परेशान हैं, इस पर रावत ने जवाब दिया कि हर कोई इस बात पर सहमत था कि सिद्धू को बोर्ड में लाया जाए और पार्टी की सहमति से ही वह मोगा की रैली में आए थे।
बता दें कि हरीश रावत के जाखड़ से परेशान होने की खबरें आने के बाद जाखड़ ने कह दिया था कि "वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं"। सूत्रों का कहना है कि जाखड़ ने राज्य पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन महामारी के कारण यह मामला लंबित है।
वहीं राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के दौरान सिद्धू को महत्व दिए जाने के बाद से पंजाब कांग्रेस उथल-पुथल मची हुई है। रैली से पहले रावत सिद्धू के आवास पर गए थे और फिर उन्हें अपने साथ मोगा लेकर गए थे। पंजाब के नेता इस बात से चिंतित हैं कि कहीं सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त न कर दिया जाए। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी इसका विरोध कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कहा है कि केवल किसी पुराने कांग्रेसी के हाथ में ही यह अहम जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके इस्तीफे को सोनिया गांधी ने अस्वीकार कर दिया था।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 12 अक्टूबर | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि सोमवार से स्कूलों में 3 हफ्ते तक छुट्टी रहेगी। यह निर्णय कई जिलों में शिक्षकों के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद लिया गया है। येदियुरप्पा ने एक बयान में कहा, "कई शिक्षकों के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद मैंने अधिकारियों को 12 से 30 अक्टूबर तक के लिए स्कूलों में 3 हफ्ते की छुट्टी की घोषणा करने का आदेश दिया है।"
यह निर्णय राज्य प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को विद्यागामा योजना को स्थगित करने के एक दिन बाद आया है। बेलागवी और कलबुर्गी जिलों में सरकारी स्कूलों के 34 छात्रों का परीक्षण पॉजिटिव आया था।
लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से स्कूल बंद थे। लेकिन कई सरकारी स्कूलों के पास ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा न होने के कारण सरकार ने इन्हें फिर से कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "विद्यागामा योजना को कमजोर वर्गों के करीब 42 लाख छात्रों को स्कूल परिसर में पेड़ों या बरामदे के खुले स्थानों में लगने वाली कक्षाओं से जोड़ने के लिए शुरू किया गया है।"
जबकि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से देशभर के सभी स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने राज्य में कोविड मामलों को बढ़ते देख स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, "महामारी के दौरान राज्य के सराकरी स्कूलों और निजी स्कूलों के शिक्षकों को कक्षाएं न लगने के बावजूद स्कूल आने के लिए मजबूर किया जा रहा है। राज्य सरकार कोविड मामलों की लगातार बढ़ती संख्या के बाद भी शिक्षकों और उनके परिवार के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर | भारत दुनिया का पहला देश बना है, जिसके आठ समुद्र तटों को पहले ही प्रयास में 'ब्ल्यू फ्लैग' सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। देश के पांच राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित भारत के 8 समुद्र तटों को मिले ब्ल्यू फ्लैग प्रमाणपत्र को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उत्कृष्ट उपलब्धि बताया है। प्रमाणपत्र देने का निर्णय एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल थे।
'ब्ल्यू फ्लैग' से सम्मानित समुद्र तट हैं -शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधा नगर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह)।
भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों' के तहत अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने संदेश में कहा, "यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। किसी भी देश को पहले ही प्रयास में 8 समुद्र तटों के लिए कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है। यह भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है।"
जावड़ेकर ने कहा, "भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है।"
जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई एकमात्र अन्य एशियाई राष्ट्र हैं, जिन्हें दो समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग से सम्मानित किया गया है, और वो भी लगभग 5 से 6 वर्ष में। भारत अब 50 'ब्ल्यू फ्लैग' देशों के समूह में शामिल है। अगले पांच वर्षो में देश में 100 ऐसे समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बन रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द संबंधी समिति ऑनलाइन न्यूज पोर्टल न्यूज क्लिक के संपादक प्रदीप पुरकायस्थ और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा से सोमवार को पूछताछ करेगी। हानिकारक सामग्री से निपटने के लिए कथित निष्क्रियता के लिए फेसबुक के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखते हुए यह ऐसा करेगी। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और दिल्ली हिंसा सहित विभिन्न उदाहरणों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आचरण के खिलाफ आरोपों के मद्देनजर राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति की पिछली कार्यवाही को जारी रखने का निर्णय लिया गया।
समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायतों में उठाए गए आरोपों और गंभीर चिंता के मुद्दों के मद्देनजर कुछ और गवाहों को बुलाने का फैसला किया है।
संबंधित कार्यवाही को पूरा करने के लिए समिति ने सोमवार को समिति के समक्ष पेश होने के लिए पुरकायस्थ और सिन्हा को एक औपचारिक नोटिस भेजा है। शिकायतों के निराकरण के लिए और इस मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने के उद्देश्य से, समिति ने अपनी पिछली बैठकों में कुछ स्वतंत्र और विशेषज्ञ गवाहों से पूछताछ की, जो फेसबुक के खिलाफ शिकायतों में निर्धारित गंभीर सार्वजनिक महत्व के मुद्दों से संबंधित थे।
समिति ने अपने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से मीडिया को कार्यवाही में शामिल करने के लिए आमंत्रित करने और पारदर्शिता दर्शाने के लिए ज्यादा लोगों तक पहुंच के साथ पूरी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग करने का निर्णय लिया है।
इस प्रकार सोमवार को समिति की कार्यवाही को भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। दिल्ली हिंसा के बाद विधानसभा ने शांति और सौहार्द पर समिति का गठन किया था। इसने कई शिकायतें प्राप्त की हैं, जिसमें कहा गया है कि फेसबुक ने अपने मंच से भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री को नहीं हटाया। समिति ने गवाहों को बुलाकर अपने पहले दौर की कार्यवाही शुरू की, जिसमें प्रख्यात पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट और पत्रकार निखिल पाहवा शामिल थे।
समिति ने फेसबुक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का संज्ञान लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आरोपों पर आलोचना का सामना करना पड़ा है कि यह भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पक्षधर है, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अपने स्वयं के व्यावसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में जोर देता रहा है। समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि 'क्या दिल्ली हिंसा में फेसबुक के अधिकारियों की कोई भूमिका है' जो इस साल की शुरुआत में हुई थी।
--आईएएनएस