राष्ट्रीय
नागपुर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा न करते हुए 22 वर्षीय एक नेपाली युवती अपहर्ता और दुष्कर्मी के चंगुल से बचकर किसी तरह 900 किलोमीटर दूर नागपुर पहुंची और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दुष्कर्म पीड़िता की दर्दनाक कहानी सुनकर महाराष्ट्र पुलिस ने तुरंत 'जीरो एफआईआर' दर्ज कर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पीड़िता को महिला पुलिस एस्कॉर्ट के साथ लखनऊ भेज दिया।
कोराडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर वजीर शेख ने कहा कि पीड़िता 2018 में काठमांडू से आई थी। वह हाईस्कूल तक पढ़ी है और उत्तर प्रदेश के नोएडा में इवेंट मैनेजमेंट फील्ड में काम करती रही है।
शेख ने आईएएनएस को लड़की के बारे में बताया, "छह महीने तक नोएडा में काम करने के बाद, एक दोस्त सूफी विश्वकर्मा ने बेहतर नौकरी की संभावनाओं का लालच देकर उसे सूरत (गुजरात) बुलाया। वहां सूफी ने उसका परिचय 25 वर्षीय 'राखी भाई' प्रवीण जे. यादव से यह बताकर करवाया कि वह दुबई में काम करने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।"
मार्च में, लॉकडाउन के दौरान जब सूरत में कोरोना के कारण हालात ठीक नहीं रहे, सूफी पीड़िता को लखनऊ ले गया, जहां वह सेमरा इलाके में किराए के फ्लैट में रहने लगी।
शेख ने कहा, "भारत में इतने लंबे समय तक काम करने के बाद पीड़िता ने लगभग 1.50 लाख रुपये बचाय थे, जो उसने सूफी को नेपाल में रह रही अपनी छोटी सौतेली बहन की पढ़ाई के लिए ट्रांसफर करने के लिए दिए थे। मध्य सितंबर में, उसने सूफी को पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन उसने इनकार कर दिया। उसने नेपाली युवती के साथ झगड़ा किया, मारपीट की। उसका पासपोर्ट ले लिया और घर से निकाल दिया।"
अजनबी शहर में असहाय अवस्था में उसने अपनी आपबीती बताने के लिए दुबई में रहने वाले यादव को फोन किया। यादव ने युवती के लिए पास के ट्रांस होटल में एक कमरा बुक किया।
शेख ने जीरो एफआईआर के हवाले से बताया कि कुछ ही समय बाद, आरोपी यादव ने दुबई से उड़ान भरी और होटल के कमरे में उसके साथ रहने लगा और कथित रूप से तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर, वह उसे एक दोस्त के घर ले गया और वहां उसके साथ एक सप्ताह तक दुष्कर्म किया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव ने वीडियो, तस्वीरें ले लीं, युवती का फेसबुक और इंस्टाग्राम पासवर्ड हैक किए और उन्हें उसके परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों को पोस्ट कर दिया।
युवती ने यादव को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, लेकिन उसने डॉन होने और पुलिस को अपनी जेब में रखने का दावा किया।
यह यादव का प्रभाव ही था कि पीड़िता ने एक स्थानीय पुलिसकर्मी को बुलाया, उसे अपनी दुखद कहानी सुनाई, लेकिन पुलिसकर्मी ने यह कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया कि 'यह तुम्हारा निजी मामला है।'
पीड़िता ने महाराष्ट्र पुलिस को बताया कि यूपी पुलिस से न्याय की उम्मीद खो देने पर, उसने कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद में एक दोस्त से मिलने और लखनऊ लौटने का नाटक किया, क्योंकि सूफी और यादव ने पहले ही उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इस जोड़ी ने अनिच्छा से उस पर भरोसा किया और पीड़िता ने चुपचाप नागपुर में फोन कर एक नेपाली दोस्त, मंदिरा अनूप मिश्रा को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाकर मदद मांगी।
शेख ने कहा, "मिश्रा दंपति आसानी से सहमत हो गए और होटल व्यवसायी अनूप मिश्रा ने 29 सितंबर को लखनऊ से नागपुर के लिए लगभग 900 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए एक ओला कैब बुक की और वह अगले दिन यहां पहुंची।"
लखनऊ में पीड़िता ने वकीलों सहित कई लोगों से सलाह ली और अंत में कोराडी पुलिस से संपर्क किया।
शेख ने कहा, "हमने उसे उसके कानूनी अधिकारों के बारे में समझाया और 3 अक्टूबर को जीरो एफआईआर दर्ज की। रविवार को हमने पुलिस की दो सदस्यीय टीम को अन्य औपचारिकताओं के लिए कैब से लखनऊ भेजा। वे उसे फिर नागपुर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी जोखिम का सामना करने के लिए उसे नहीं छोड़ा जाएगा।
लखनऊ में, स्थानीय पुलिस से तीनों स्थानों का 'पंचनामा बनाने, पीड़िता का मेडिकल कराने, उसके (सूफी और यादव) आरोपियों का पता लगाते हुए एक पूरी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू किए जाने की उम्मीद है।
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कोराडी पुलिस अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।
नागपुर पुलिस की जांच में पता चला कि लखनऊ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से स्नातक यादव को हाल ही में हथियार तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| जामिया में एक स्मार्टफोन-सक्षम पीओसी प्रोटोटाइप विकसित किया गया है। इससे तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता के बिना ही, एक घंटे के भीतर कोरोना होने या नहीं होने का पता लगाया जा सकता है। जामिया मिलिया इस्लामिया के मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड स्टडीज (एमसीआरएएस) ने अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिल कर कोविड-19 का पता लगाने के लिए यह आरएनए इक्स्ट्रैक्शन फ्री सलाइवा आधारित किट की खोज की है। इस तकनीक का नाम एमआई-एसईएचएटी (मोबाइल इंटीग्रेटेड सेंसिटिव एस्टीमेशन एंड हाई स्पसेफिसिटी एप्लिकेशन टेस्टिंग) है। इसका उपयोग कोविड-19 का पता लगाने में प्वाइन्ट ऑफ केयर (पीओसी) डिवाइस के रूप में घर-घर परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
डॉ. मोहन सी जोशी, सहायक प्रोफेसर (यूजीसी-एफआरपी और डीबीए, वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस फेलो), डॉ. तनवीर अहमद, असिस्टेंट प्रोफेसर (यूजीसी-एफआरपी) और डॉ. जावेद इकबाल, रामालिंगस्वामी फेलो (डीबीटी) ने वीएमएमसी (सफदरजंग अस्पताल) के डॉ. रोहित कुमार और वेलेरियन केम लिमिटेड के सीईओ डॉ. गगन दीप झिंगन के साथ मिलकर यह बड़ी खोज की है।
इस टीम के डॉ. मोहन सी जोशी ने नई तकनीक के बारे में बताते हुए कहा, "एक स्मार्टफोन-सक्षम पीओसी प्रोटोटाइप विकसित किया गया है। इससे तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता के बिना ही, एक घंटे के भीतर कोरोना होने या नहीं होने का पता लगाया जा सकता है। ऐसे कठिन समय में जब कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए कम कीमत में किसी व्यक्ति में इसके वायरस के लक्षण को जल्द से जल्द पता लगाना जरूरी हो गया है, उसके लिए यह सलाइवा आधारित किट बहुत कारगर साबित होगा।"
जामिया एमसीआरसी में पीएचडी के छात्र मुहम्मद इकबाल आजमी और इमाम फैजान, ने प्रयोगशाला में सभी प्रयोगों के संदर्भ आधारों को चिह्न्ति किया, जिससे टीम को प्रोटोटाइप विकसित करने में मदद मिली।
नेचुरल साइंसेज फैकल्टी डीन प्रोफेसर सीमी फरहत बसीर, एमसीएआरएस के निदेशक प्रो. एम जुल्फिकार, उप निदेशक, डॉ. एस.एन. काजिम और फैकल्टी के अन्य सदस्यों ने भी इस खोज के काम में बहुमूल्य मदद की।
टीम ने भारत सरकार के बौद्धिक संपदा भारत कार्यालय में अपनी इस नई तकनीक के पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है।
जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा, "यह तकनीक वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर हो सकती है। एमआई-एसईएचएटी सही मायनों में स्मार्ट इनोवेशन का एक बेहतरीन उदाहरण है और आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना का प्रतीक है। एक अनुकूल तकनीक होने के नाते, एमआई-सीएचएटी होम टेस्टिंग को प्रोत्साहित करेगा। कोविड-19 रोगियों की पहचान कर, इस रोग के प्रसार को सीमित करने में बहुत अहम भूमिका निभाएगा।"
प्रो. अख्तर ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा, "जामिया अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की, जो इस घातक वैश्विक महामारी से लड़ने में अपनी भूमिका अच्छे से निभा रहे हैं।
एमसीएआरएस के निदेशक प्रो एम जुल्फिकार ने कहा, "एमआई-सीएचएटी से भारत के ग्रामीण इलाकों में तेजी से स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य-विशेषज्ञों की सेवाओं का विस्तार होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिकतर गांवों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का अभी काफी अभाव है।"
बिहारशरीफ, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र में सोमवार को एक घर सें एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव बरामद किए गए। यह मामला हत्या का है या आत्महत्या का, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सवरेदय नगर मुहल्ले के लोगों की सूचना के बाद मुहल्ले के एक घर से एक ही परिवार के चार सदस्यों के शवों को बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि मुहल्ले में घर से आ रही दरुगध के बाद इसी सूचना पुलिस को दी गई।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ताले को तोड़कर पुलिस घर में प्रवेश की, जहां से चार शव बरामद किया गया।
दीपनगर के थाना प्रभारी मोहम्मद मुस्ताक ने आईएएनएस को बताया कि मृतकों की पहचान किराना व्यवसायी रवि कुमार (38) उनकी पत्नी नेहा कुमारी (33), उनकी पुत्री जेनी कुमारी (10) तथा पुत्र आहन कुमार (8) के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया कि पुलिस सभी शवों को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मामला हत्या का है या आत्महत्या का, पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि इन सभी की मौत दो से तीन दिन पहले हुई लगती है, क्योंकि शव से दरुगध आने लगी है।
इधर, मृतक के परिजनों ने सभी की हत्या धारदार हथियार से करने का आरोप लगाया है।
भोपाल, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। साईं प्रसाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की 90 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माफिया और जनता से धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक तौर पर सोमवार को बताया गया है कि प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में साईं प्रसाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की प्रदेशभर में 90 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। सीहोर जिले में लगभग 130 निवेशकों के करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये इस कंपनी में फंसे होने पर सीहोर के जिलाधिकारी ने साईं प्रसाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध संपत्ति कुर्की का आदेश जारी किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सीहोर अजय गुप्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन पर न्यायालयीन आदेश पारित करते हुए साईं प्रसाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर की मध्यप्रदेश के 11 जिलों में स्थित 90 संपत्तियों को राजसात कर कुर्क किए जाने के अंत कालिक आदेश पारित किया गया है। बाला साहब भापकर की जो संपत्तियां कुर्क की गई हैं, उसमें बालाघाट, ग्वालियर, बीना (सागर), सीहोर, हरदा और विदिशा जिले में एक-एक, आगर-मालवा जिले में 45, खरगौन जिले में 28, उज्जैन जिले में 5, भोपाल जिले में चार और इंदौर जिले में दो अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में किसी भी प्रकार के माफिया और जनता के साथ धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों को जड़ से उखाड़ा जाएगा और उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी, जिससे धोखाधड़ी करने वालों के मन में खौफ पैदा हो और प्रदेश की जनता धोखाधड़ी से बच सके।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला समाप्त हो चुका है, लेकिन ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है। केंद्र ने कहा कि भारत को माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह बात कही।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। कुछ "गुप्त" कार्यवाही हो रही है, जिसके बारे में भारत सरकार को भी अवगत नहीं कराया गया है। भारत सरकार को न तो कोई जानकारी दी गई है और न उसे पक्षकार बनाया गया है।
पीठ ने माल्या के वकील अंकुर सहगल से कहा कि वे इन गोपनीय कार्यवाहियों की प्रकृति के बारे में अदालत को सूचित करें।
न्यायमूर्ति ललित ने सहगल से कहा कि वह अदालत को सूचित करें कि उनका मुवक्किल शीर्ष अदालत के समक्ष कब पेश होगा, ताकि अदालत की अवमानना के लिए सजा पर सुनवाई उनकी उपस्थिति में की जा सके, जिसके लिए वह पहले ही दोषी पाए जा चुके हैं।
शीर्ष अदालत ने माल्या के वकील से दो नवंबर तक इन सवालों के जवाब देने को कहा है।
सहगल ने कहा कि वह अपने मुवक्किल से निर्देश लेंगे।
31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसने उन्हें अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। शीर्ष अदालत ने पांच अक्टूबर को अदालत के समक्ष माल्या को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने माल्या को अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि शराब कारोबारी ने अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब नहीं दिया था।
न्यायाधीश यू. यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में फिर से सुनवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
विजय माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है। इस समय वह ब्रिटेन में रह रहा है, जिसके प्रत्यर्पण के लिए सरकार कोशिश कर रही है।
नयी दिल्ली, 05 अक्टूबर (वार्ता)। सुदर्शन न्यूज चैनल के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम मामले में केंद्र सरकार के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को सुनवाई टाल दी गयी। अब इस मामले में 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालयी समिति ने ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के आगे के एपिसोड के प्रसारण पर सलाह देते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं। सुदर्शन न्यूज टीवी को समिति की सिफारिशों पर जवाब का अवसर दिया जाना चाहिए।
श्री मेहता ने कहा कि इस मामले में सुदर्शन न्यूज चैनल को एक और नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया कि हालिया घटनाक्रमों और केंद्र सरकार के कदम को ध्यान में रखते हुए फिलहाल सुनवाई स्थगित कर दी जाये। इसके बाद खंडपीठ ने 26अक्टूबर तक मामले की सुनवाई टाल दी।
सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के आगे के एपिसोड के प्रसारण पर 15 सितंबर को रोक लगा दी गई थी।
गौरतलब है कि सुदर्शन न्यूज ने इस शो में 'सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की घुसपैठ की साजिश' के बड़े एक्सपोज का दावा किया था।
पटना, 5 अक्टूबर |लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को जारी एक खुले पत्र में कहा है कि आप सभी के आशीर्वाद से अभी लंबा सफर तय करना है। अभी और अनुभव लेना है। बिहार राज्य के इतिहास का ये बड़ा निर्णायक क्षण है करोड़ों बिहारियों के जीवन मरण का प्रश्न है क्योंकि अब हमारे पास खोने के लिए और समय नहीं है।
जे॰डी॰यू॰ के प्रत्याशी को दिया गया एक भी वोट कल आपके बच्चे को पलायन करने पर मजबूर करेगा।चिराग ने नितीश कुमार के खिलाफ यह बड़ा हमला बोला है. लेकिन साथ ही मोदी के साथ रहने की मुनादी भी की है. बिहार के चुनाव में यह दिलचस्प मोड़ पढ़ें इस चिट्ठी में.
लोजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने अपने खुला पत्र में 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' की सोच नहीं मिटने दूंगा की बात करते हुए लिखा, "पापा का अंश हूं, कभी भी परिस्थितियों से हार नहीं मानूंगा और ना ही किसी भी कीमत पर 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' की सोच को मिटने दूंगा।"
उन्होंने पत्र में राजग से बाहर निकलने के अपने फैसले को सही बाते हुए लिखा कि यह फैसला बिहार पर राज करने के लिए नहीं, बल्कि नाज करने के लिए लिया गया है।
उन्होंने आगे लिखा, "पापा ने मुझे हमेशा कहा है कि कभी भी अकेले चलने से मत घबराना, अगर रास्ता और मकसद ठीक होगा, तो लाखों लोग तुम्हारे साथ आएंगे। पापा-मम्मी और आप सभी के आशीर्वाद से अभी लम्बा सफर तय करना है अभी और अनुभव लेना है।"
उन्होंने आगे लिखा, "बिहार राज्य के इतिहास का ये बड़ा निर्णायक क्षण है। 12 करोड़ बिहारियों के जीवन-मरण का प्रश्न है, क्योंकि अब हमारे पास खोने के लिए और समय नहीं है।"
उन्होंने पत्र के माध्यम से ही एक बार फिर जदयू पर निशाना साधा है। उन्होंने लोगों को सावधान करते हुए लिखा, "जदयू के प्रत्याशी को दिया गया एक भी वोट कल आपके बच्चे को पलायन करने पर मजबूर करेगा।"
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोजपा की राह आसान नहीं है, लेकिन हम लड़ेंगे और जीतेंगे भी।
पत्र के अंत में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से पूरी ताकत से जुटने और लोजपा के प्रत्याशी को जिताने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को लोजपा ने राजग से अलग होने की घोषणा की है। हालांकि लोजपा ने भाजपा के साथ मिकलर बिहार में सरकार बनाने का दावा किया है।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस) | पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ यौन शोषण मामले में कथित पीड़िता ने कोविड-19 महामारी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह (क्रॉस एग्जामिनेशन) की मांग की है। तेजपाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी वर्चुअल जिरह पर कड़ी आपत्ति जताई। गोवा सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और आर. सुभाष रेड्डी के साथ न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि पीड़िता फेफड़ों की समस्या से पीड़ित है और वह कोविड-19 महामारी के दौरान फिलहाल यात्रा नहीं कर सकती हैं।
तेजपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। सिब्बल ने दलील दी कि महिला मुकदमे का सामना नहीं करना चाहती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें फेफड़ों की कोई समस्या नहीं है।
न्यायमूर्ति शाह ने सिब्बल को कहा, "वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में क्या गलत है? हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।"
सिब्बल ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जिसमें अभियुक्त चाहता है कि तेजी से मुकदमे को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल मुकदमे को विस्तार (आगे बढ़ाने) दिए जाने के खिलाफ है। मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिरह का समर्थन किया।
पीठ ने तरुण तेजपाल को गोवा पुलिस द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। गोवा पुलिस ने 2013 के कथित यौन शोषण मामले में तेजपाल के खिलाफ ट्रायल पूरा करने के लिए और मोहलत मांगी है।
इससे पहले 19 अगस्त 2019 को तहलका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। तब सुप्रीम कोर्ट ने तेजपाल की याचिका को खारिज करते हुए यौन उत्पीड़न के इस मामले में मुकदमे की सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने गोवा की निचली अदालत में मामले की सुनवाई पर लगी रोक हटा ली थी। साथ निचली अदालत को निर्देश दिया था कि मामले में छह महीने में ट्रायल पूरा किया जाए।
ट्रायल कोर्ट को इस साल दिसंबर तक मामले में कार्यवाही पूरी करनी है।
पटना, 5 अक्टूबर जनता । दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के हाईकमान पर एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
पार्टी के अन्दर के नेताओं का कहना है कि लोक जनशक्ति पार्टी के एनडीए से अलग हो जाने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) में भी मंथन का दौर चल रहा है.
पार्टी के सांसद और मौजूदा विधायक भी बड़े नेताओं को कहने की कोशिश कर रहे हैं कि एलजीपी के रुख़ के बाद "इस तरह के गठबंधन" में चुनाव लड़ना पार्टी हित में नहीं होगा.
'मोदी से बैर नहीं, नीतीश तुम्हारी ख़ैर नहीं'
भागलपुर से जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद अजय मंडल ने बीबीसी से बात करते हुए कहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग़ पासवान जिस तरह के बयान दे रहे हैं उससे कई संकेत मिल रहे हैं.
वो कहते हैं, "ये चिराग़ पासवान नहीं बोल रहे हैं बल्कि कौन उनसे ऐसा बुलवा रहा है, ये जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा आम लोगों को भी अंदाज़ा लग गया है. कौन पीछे से ऐसा कर रहा है सब जान रहे हैं. अभी हम किसी का नाम नहीं लेना चाहते."
उन्होंने उन पोस्टरों का हवाला दिया है जो लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ़ से बिहार में कई स्थानों पर लगाए जा रहे हैं जिनमे लिखा गया है, "मोदी से बैर नहीं, नीतीश तुम्हारी ख़ैर नहीं."
उनका कहना था, "अब इन पोस्टरों के बाद भी कुछ आशंका बची है क्या? सब कुछ साफ़ दिख रहा है."
जनता दल (यूनाइटेड) के एक अन्य नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अगर चुनाव के वक़्त में इस तरह की बातें हो रहीं हैं तो फिर गठबंधन का कोई मतलब नहीं रह जाता. वो कहते हैं कि बेहतर होगा कि अब भी पार्टी हाईकमान अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला कर ले.
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार ने बातचीत के दौरान कहा कि किसी भी गठबंधन के लिए एक 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' होता है. जो आपसी सहमती बनी थी वो तब बनी थी जब भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी का गठबंधन था और सबने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बिहार में सरकार भी बनाई थी.
वो कहते हैं, "नीतीश कुमार अचानक गठबंधन तोड़कर अलग हो गए और उन्होंने राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के साथ सरकार बनाई, फिर वो गठबंधन भी तोड़ा और भाजपा क साथ सरकार बनाई. जहां तक लोक जनशक्ति पार्टी का सवाल है तो नई सरकार में हमारी पार्टी का नीतीश कुमार की सरकार के साथ न तो कोई एजेंडा बना, ना ही मुद्दों पर सहमति. तो गठबंधन हमारे साथ कहाँ था?"
लोक जनशक्ति पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वो बिहार विधान सभा के चुनावों में 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 121 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
जदयू से गठबंधन था ही नहीं
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कहते हैं कि ग़लती भारतीय जनता पार्टी से भी हुई है. उनका कहना था, "नीतीश कुमार के ढुलमुल रवैये से एक बार भाजपा ने सबक़ भी सीखा है. देश की सबसे बड़ी पार्टी को चाहिए था कि वो ख़ुद अपने बल पर चुनाव लड़ती."
उनका कहना है कि ये अचानक नहीं है कि उनकी पार्टी ने नीतीश कुमार का विरोध किया है. वो कहते हैं कि समय-समय पर उनकी पार्टी सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाती रही है. चाहे वो मज़दूरों के पलायन का मामला हो, बाढ़ का मसला हो या फिर कोरोना वायरस के प्रबंधन का मामला हो.
अली अनवर जनता दल (यूनाइटेड) के राज्य सभा के सांसद रह चुके हैं. मगर उन्होंने पार्टी छोड़ दी है. पार्टी को क़रीब से देखने वाले अली अनवर ने बीबीसी से बातचीत करते हुए कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी को ही ज़्यादा फ़ायदा होगा.
भाजपा बड़ा भाई बनना चाहती है
वो कहते हैं कि मौजूदा परिस्थिति में नीतीश कुमार या जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी में बड़े भाई और छोटे भाई का रिश्ता है जिसमें अभी बड़े भाई की भूमिका में नीतीश कुमार हैं.
उनका कहना है, "भारतीय जनता पार्टी के पास संसाधन हैं. उनका चुनाव प्रबंधन जनता दल (यूनाइटेड) से काफ़ी बेहतर है या यूं कहिये उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है. इतना सबकुछ होने के बावजूद केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की मज़बूत सरकार है. ऐसे में बिहार में भी भाजपा बड़ा भाई बनना चाहती है. लोक जनशक्ति पार्टी उसके इस सपने को पूरा करने की दिशा में काम करती दिख रही है."
बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि "लोक जनशक्ति पार्टी के रुख़ से पैदा हुई मौजूदा स्थिति काफ़ी गंभीर" है.
पार्टी का कहना है कि उन्होंने कई बार कोशिश की कि नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच बातचीत हो और आपसी मतभेद ख़त्म हो जाएँ मगर वो नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं और ख़ास तौर पर चिराग़ पासवान को एक टेबल पर लाने में कामयाब नहीं हो पाए.
उन्होंने इस बात को भी ख़ारिज किया कि चिराग़ पासवान जो कर रहे हैं वो भाजपा के इशारे या कहने पर कर रहे हैं.
जिन अलग-अलग भाजपा नेताओं से बीबीसी ने बात की उनका कहना है कि हर पार्टी अपना राजनीतिक लाभ तलाश करती है. ऐसे में अगर चिराग़ पासवान अपनी पार्टी के लिए बिहार की राजनीति में मज़बूत पकड़ बनाने की कोशिश में लगे हैं तो उसमे कोई बुरा नहीं है और उससे भाजपा का कोई लेना देना भी नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश के महासचिव देवेश कुमार ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं से बातचीत का दौर जारी है. जल्द ही कोई ठोस नतीजा सामने आने की उम्मीद उन्होंने जताई है. (bbc)
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| सरकार द्वारा राज्य में निहित स्वार्थी लोगों पर साजिश करने का आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने सोमवार को हाथरस मामले में एसआईटी और उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "मुख्यमंत्री को बचाने के लिए मामले के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और फर्जी थ्योरी पेश की जा रही है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की अपनी मांग दोहराई है।
सुष्मिता ने कहा, "एसआईटी का पदार्फाश हो गया है।"
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "एलआईटी वहां अपराध के बारे में जांच करने के लिए है या राज्य के मुख्यमंत्री को बचाने के लिए है। परिवार द्वारा कई सवाल उठाए गए हैं, जिनके जवाब नहीं मिले हैं।"
कांग्रेस ने कहा, "अगर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है, तो एसआईटी वहां पर क्यों है। परिवार ने न्यायिक जांच की मांग की है। डीएम को कौन बचा रहा है?"
हाथरस मामले में, उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को कहा है, "यह वास्तव में निहित स्वार्थी लोगों द्वारा योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ एक साजिश है। जांच में सरकार को बदनाम करने और जातीय हिंसा भड़काने की साजिश की सामने आने के बाद साइबर सेल ने एक प्राथमिकी दर्ज की है।"
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, "सोशल मीडिया का इस्तेमाल साजिश करने और झूठी बातें फैलाने के लिए किया गया है और हमारे पास पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों के शामिल होने का सबूत है। कुछ माफिया डॉन जिन्हें योगी सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, वे वित्तीय मदद के जरिए इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म होने, उसकी जीभ काटे जाने और उत्पीड़न की अन्य झूठी खबरें इस साजिश का हिस्सा थीं, जिसके लिए सोशल मीडिया पर कुछ वेरिफाइड अकाउंट का इस्तेमाल किया गया था।
अलीगढ़, 5 अक्टूबर। हाथरस कांड को लेकर विवादों में आए हाथरस के भाजपा सांसद राजवीर दिलेर रविवार दोपहर जिला कारागार में गए और कुछ देर जेलर के कमरे में बैठने के बाद लौट गए। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि वे किससे मिलने गए थे या किससे मिलकर आए। मगर, उन्होंने जेल के अंदर जाने की बात सिरे से नकार दी है।
हाथरस कांड में उन पर आरोपी पक्ष की ओर से तमाम आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों के लगने के बाद हाथरस व अलीगढ़ जिले में उनके पुतले फुंकने भी शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि इसी विरोध के क्रम में वे हाथरस के चेयरमैन संग जेल में गए होंगे। कारागार प्रशासन की ओर से इस विषय में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि वे किससे मिले थे। हां, इतना जरूर बताया गया है कि किसी निजी काम से सांसद जेल के जेलर कार्यालय तक आए थे। इस विषय में जब सांसद राजवीर दिलेर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वे कहीं से निकलकर जा रहे थे। तभी जेल गेट पर एक परिचित मिल गए। जिनसे बातचीत कर चले आए। किसी से जेल में मिलने नहीं गए थे।
हाथरस कांड की जांच कर रही एसआईटी ने रविवार शाम को अलीगढ़ में डेरा डाल दिया है। देर शाम टीम ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर जांच के संबंध में जानकारियां जुटाईं। हालांकि एसआईटी स्तर से अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है। दोपहर में बेटी के परिवार से मिलकर निकलते समय इतना ही कहा था कि पिता के बयान दर्ज किए हैं। जल्द रिपोर्ट शासन को दे दी जाएगी।
यहां से जाने के बाद जांच टीम सीधे अलीगढ़ पहुंची। जहां दोपहर बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में गई। जहां बेटी 14 से 28 सितंबर तक भरती रही। इस दौरान मेडिकल परीक्षण आदि को लेकर जानकारियां कीं। जानकारी मिली है कि सोमवार को जांच टीम जेल में उन चारों आरोपियों के भी बयान ले सकती है जो इस कांड में जेल भेजे गए हैं। एसआईटी ने मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों के बयान दर्ज कर लिए हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। चिकित्सा क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कार का ऐलानहेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए मिला सम्मानहर साल 4 लाख लोग बीमारी से मरते हैं
हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज करने वाले तीन वैज्ञानिकों को इस साल का मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अमेरिका के वैज्ञानिक हार्वि जे आल्टर, चार्ल्स एम राइस और ब्रिटेन के माइकल हागटन को साल 2020 का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इस तीनों वैज्ञानिकों हेपेटाइटिस सी' वायरस की खोज के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
नोबेल कमेटी के प्रमुख थॉमस पर्लमैन ने स्टॉकहोम में इसकी घोषणा की।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है कि दुनिया में 70 मिलियन हेपेटाइटिस के केस हैं, और हर साल इस बीमारी की वजह से दुनिया में 4 लाख लोगों की मौत होती है। इस रोग को क्रॉनिक बीमारी की श्रेणी में रखा जाता है और लीवर से जुड़ी बीमारियों और कैंसर का प्रमुख कारण है।
चिकित्सा क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार समझा जाने वाले नोबेल प्राइज में 10 मिलियन स्वीडिश क्रॉनर और एक गोल्ड मेडल प्रदान किया जाता है। अमेरिकी डॉलरमें ये राशि 1,118,000 है। ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबल की याद में दिया जाता है, उन्होंने 124 साल पहले एक फंड का निर्माण किया था, इसी फंड से दुनिया के अहम खोजों के लिए ये पुरस्कार दी जाती है।
इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से चिकित्सा क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार का खास महत्व है। कोरोना संक्रमण ने दुनिया के लिए मेडिकल क्षेत्र में रिसर्च के महत्व को रेखांकित किया है।
नोबेल पुरस्कार 6 क्षेत्रों में दिया जाता है। इसकी घोषणा हर साल 12 अक्टूबर तक की जाती है। ये क्षेत्र हैं, भौतिकी, रसायनविज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| महज पांच दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए आम आदमी पार्टी (आप) के एक विधायक हाथरस पीड़िता के परिजनों से मिलने उसके घर पहुंच गए। दिल्ली की कोंडली विधानसभा सीट से विधायक कुलदीप कुमार के साथ इस दौरान उनके दर्जनों समर्थक भी मौजूद रहे। इतना ही नहीं, विधायक कुलदीप कुमार ने पीड़िता की पहचान भी सार्वजनिक की। पीड़िता का नाम बताते हुए उन्होंने ट्वीट् किए। इन ट्वीटों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी टैग किया गया है।
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद कुलदीप ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इस मुलाकात की कई तस्वीरें और वीडियो भी बनाए, जिनको उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
आप विधायक कुलदीप ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा, "हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलकर लौटा हूं। परिवार में डर पैदा किया जा रहा है। ये लोकतंत्र और संविधान की हत्या है।"
हैरानी की बात यह है कि केवल 5 दिन पहले ही कुलदीप कुमार ने अपने कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की सूचना सार्वजनिक की थी। 29 सितंबर को उन्होंने अपने मित्र एवं सहयोगियों को बताया था कि वह कोरोना जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
आप विधायक ने 29 सितंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था, "पिछले दो दिनों से मुझे हल्का बुखार होने की वजह से मैंने कोविड-19 टेस्ट कराया। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद मैं घर पर होम आइसोलेशन में रहूंगा। जो भी साथी पिछले 2-3 दिनों में मुझसे मिले हैं, वे अपना टेस्ट जरूर करा लें।"
होम आइसोलेशन में रहने का दावा कर रहे विधायक कुलदीप से जब कोरोना पॉजिटिव होने के बारे में जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।
विधायक ने अभी तक अपने कोरोना निगेटिव होने की सूचना सार्वजनिक नहीं की है। बावजूद इसके, वह सभी नियम-कायदों को ताक पर रखते हुए पीड़िता के घर जा पहुंचे। इससे अब पीड़िता के परिजनों को भी कोरोना संक्रमण का खतरा हो गया है।
विधायक कुलदीप द्वारा की गई लापरवाही यहीं नहीं रुकी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़ित युवती का नाम भी सार्वजनिक कर दिया। अपने दो अलग-अलग ट्वीटों में उन्होंने पीड़िता की पहचान सार्वजनिक की है।
उन्होंने अपने इन ट्वीटों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर टैग भी किया है।
इस विषय पर जानकारी लेने के लिए जब कुलदीप कुमार को फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। विधायक कुलदीप दिल्ली में आम आदमी पार्टी की एससी-एसटी शाखा के अध्यक्ष और पार्टी के प्रवक्ता भी हैं।
संदीप पौराणिक
भोपाल, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने जमीनी नब्ज टटोलने की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए विधानसभा क्षेत्र स्तर पर अलग-अगल नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। ये नेता कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं, जमीनी हालात जान रहे हैं और खामियों को दुरुस्त करने मे लगे हुए हैं ताकि चुनाव में बड़ी जीत हासिल की जा सके।
भाजपा राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव को लेकर काफी गंभीर है। उप-चुनाव वाले क्षेत्रों के 128 मंडलों में सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। यह सिलसिला 12 अक्टूबर तक चलने वाला है। इन सम्मेलनों में हिस्सा लेने की जिम्मेदारी पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेषाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, थावर चंद गहलोत, प्रहलाद पटेल, महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद राकेश सिंह सहित सांसद, विधायक, राज्य सरकार के मंत्री से लेकर अन्य नेताओं को सौंपी गई है। इन नेताओं ने बैठकों में हिस्सा लेना शुरु भी कर दिया है।
चुानाव प्रबंधन समिति के संयोजक और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इन सम्मेलनों में मंडल में निवासरत पार्टी के जिला एवं प्रदेश पदाधिकारी, बूथ कमेटी सदस्य, पेज प्रमुख शामिल हो रहे हैं। इन सभी कार्यकर्ताओं का बूथ के अनुसार पंजीयन किया जाएगा, कार्यकर्ताओं का प्रवेश पत्र भी बनाया जाएगा और इन सभी को बूथ के मुताबिक बैठकर चर्चा होगी। एक मंडल में तीन घंटे का कार्यक्रम हेागा।
सूात्रों की मानें तो भाजपा 28 में से 25 विधानसभा क्षेत्रों में उन लोगों को बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारने वाली है जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। इसके चलते पार्टी में कई स्थानों पर विरोध के स्वर भी उभर रहे हैं। वरिष्ठ नेता इन मंडल सम्मेलनों के जरिए जमीनी हालात को तो जानेंगे ही साथ में कार्यकर्ताओं के असंतोष को भी कम करने की कोशिश करेंगे। इन मंडल सम्मेलनों से पार्टी के पास प्रारंभिक तौर पर यह भी जानकारी आ जाएगी कि कहां उम्मीदवार कमजोर पड़ रहा है, और किस तरह की रणनीति पर काम करना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषक रवींद व्यास का कहना है कि, भाजपा भी इस बात को जान रही है कि दलबदल करने वालों को उम्मीदवार बनाने से कई क्षेत्रों में असंतोष है। राज्य में सरकार बनने के बाद से पार्टी ने कार्यकर्ताओं के विरोध को कम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। अब चुनाव नजदीक है, इन स्थिति में यह सम्मेलन जमीनी हालात जानने का बड़ा माध्यम बन सकता है, अगर किसी इलाके का कार्यकर्ता विद्रोह का मन बना भी रहा हो तो उसे शांत कर दिया जाए। इसके लिए जरुरी है कि पार्टी के बड़े नेता कार्यकर्ता के बीच पहुंचें। उसी रणनीति के अनुसार भाजपा यह सम्मेलन आयोजित कर रही है।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने ऋण स्थगन मामले में केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा दायर की गई प्रतिक्रिया पर सोमवार को असंतोष व्यक्त किया, क्योंकि उन्होंने जबाव में कामत समिति की सिफारिश और उस पर कार्रवाई को शामिल नहीं किया था। शीर्ष अदालत ने कामत समिति की सिफारिशों पर केंद्र से 'स्पेशिफिक' जबाव मांगा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब केंद्र को कामत समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को स्पष्ट करने के मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने कहा है कि कामत समिति की सिफारिशें का पालन भी पहले भी नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा, "इसे हमारे सामने क्यों नहीं रखा गया?"
आरबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी.वी. गिरि ने कहा कि निर्णय उच्चतम स्तर पर लिए गए हैं और सरकार ने छोटे उधारकर्ताओं को हैंड-होल्िंडग का आश्वासन दिया है।
शीर्ष अदालत ने जोर दिया कि आरबीआई को उन सिफारिशों को सार्वजनिक करना चाहिए जिन्हें स्वीकार किया गया है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख दी है।
केंद्र ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 6 महीने की मोहलत के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर 'ब्याज पर ब्याज' माफ करने का फैसला लिया है। हलफनामे में कहा गया है कि एकमात्र समाधान यही है कि सरकार को चक्रवृद्धि ब्याज की छूट से होने वाले नुकसान का बोझ उठाना चाहिए।
केंद्र ने कहा, "सावधानी से विचार करने और सभी संभावित विकल्पों को तौलने के बाद, भारत ने छोटे उधारकर्ताओं के लिए हैंड-होल्डिंग की परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है।"
बता दें कि 2 करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, आवास ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो ऋण, पेशेवर और व्यक्तिगत ऋण शामिल हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी. के. शिवकुमार की संपत्तियों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी का कड़ा विरोध करते हुए पार्टी ने सोमवार को कहा कि वह राजनीति का शिकार हुए हैं और पार्टी उनके साथ खड़ी है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा, "सीबीआई केंद्र सरकार की महज एक कठपुतली है और कुछ नहीं।"
उन्होंने कहा कि जब राज्य में उपचुनाव होते हैं तो छापे क्यों पड़ते हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि शिवकुमार राजनीतिक द्वेष के शिकार हुए हैं और सीबीआई को भाजपा के एजेंट के रूप में काम नहीं करना चाहिए।
पार्टी के महासचिव, कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "मोदी-येदियुरप्पा की जोड़ी के डराने-धमकाने के खेल को उनकी कठपुतली बनी सीबीआई द्वारा पर डी.के. शिवकुमार पर छापा मारकर अंजाम दिया जा रहा है लेकिन इससे हम डरने वाले नहीं हैं।"
सीबीआई ने सोमवार को दिल्ली, मुंबई और कर्नाटक के 14 स्थानों पर तलाशी ली और विभिन्न ठिकानों से 50 लाख रुपये बरामद किए।
यह कार्रवाई तब हुई जब सीबीआई ने शिवकुमार और अन्य के खिलाफ आय से अधिक बेहिसाब संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "सीबीआई ने आय से अधिक बेहिसाब संपत्ति रखने के आरोपों पर शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।"
अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक में नौ, दिल्ली में चार और मुंबई में एक ठिकाने सहित 14 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, अब तक विभिन्न स्थानों से 50 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं।
शिवकुमार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दायरे में भी हैं।
उन्हें पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार भी किया था।
लखनऊ , 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार हाथरस कांड की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद वहां माहौल खराब करने वालों पर कड़ा कदम उठाने जा रही है। इसी कड़ी में भीम आर्मी के प्रमुख समेत 400-500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ हाथरस के सासनी कोतवाली में कोविड महामारी और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, उनके साथ करीब 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन तथा महामारी रोग अधिनियम में केस दर्ज कराया गया है।
हाथरस कांड को लेकर विपक्षी पार्टियां योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने में लगी हैं। समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी, भीम आर्मी, आम आदमी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोक दल के नेता और प्रतिनिधिमंडल हाथरस के बुलगड़ी गांव में पीड़िता के घर पहुंच पर अपनी-अपनी संवेदना जता रहे हैं।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह के साथ पार्टी के पंजाब व दिल्ली के विधायकों का दल हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस के गांव पहुंचे। यहां पर किसी के भी आने से पहले ही पुलिस सतर्कता बरते हुए है। गांव में एक साथ सिर्फ पांच लोगों को ही जाने की अनुमति है।
ज्ञात हो कि रविवार को चंद्रशेखर आजाद हाथरस कांड में मृतक युवती के परिजनों से मिलने के लिए उनके घर गए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में समर्थन भी उनके साथ थे। पुलिस प्रशासन से भी नोंकझोंक हुई थी।
चंद्रशेखर ने कहा था कि चंदपा कांड में सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। हाथरस के जिलाधिकारी की कार्यशैली ऐसी है कि वे आने वाले समय में बिटिया के परिवार को ही आरोपी बना सकते हैं। उन्हें सीबीआई जांच पर कतई भरोसा नहीं है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त दो जजों की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हत्याओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी मुखर है। राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 4 अक्टूबर को जिस प्रकार 24 नॉर्थ परगना में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या हुई है वो अपने आप में बहुत ही निंदनीय और चिंता का विषय है।
संबित पात्रा ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक हत्याएं एक न्यू नॉर्मल हो गई हैं। बंगाल में विगत 2 महीनों में बहुत हत्याएं हुई हैं। बंगाल में लगभग रोज एक कार्यकर्ता की हत्या की जा रही है।
उन्होंने कहा, मैं ममता जी से पूछना चाहता हूं क्या यही बंगाल का लोकतंत्र है?
संबित पात्रा ने बिहार में आरजेडी के बागी नेता की हत्या को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में जिस प्रकार की आरजेडी की राजनीति हम देख रहे हैं, उसे लेकर आरजेडी को जवाब देना होगा।
बिहार के जाने माने दलित युवा नेता शक्ति कुमार मलिक की हत्या कर दी गई।
वो पहले आरजेडी के एससी मोर्चा के महासचिव थे, कुछ दिन पहले ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वो निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
पत्नी ने आरोप लगाया कि आरजेडी के बड़े नेता पैसे मांग रहे थे, जिसे दलित नेता शक्ति ने इनकार कर दिया था।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस कांड पूरी तरह से सियासी रंग ले चुका है। पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राजनीतिक पार्टियों में होड़ लगी हुई है। इसी बीच भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार से पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी के सुरक्षा देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ये परिवार यहां सुरक्षित नहीं है, मैं इन्हें अपने साथ घर ले जाऊंगा। पीड़ीत परिवार को अपने घर पर रखने के लिए सोमवार को भीम आर्मी के मुखिया कोर्ट का रुख कर सकते हैं। जिसको लेकर परिवार के लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। अभी तक की जनाकारी के अनुसार, पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को अपने साथ रखने की कोर्ट में अपील करेंगे। जिसमें पीड़ित लड़की के माता पिता, दादी, भाई और अन्य लोग शामिल हैं।
रविवार को चंद्रशेखर ने कहा था कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए और पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
दरअसल, हाथरस में बीते दिनों 19 साल की एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था जिसकी बाद में इलाज के दौरान दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों ने कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से नाराज होकर सोमवार से अनिश्चिततकालीन हड़ताल करने का फैसला किया है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से संचालित होती रहेंगी। अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों को जून से वेतन नहीं दिया गया है। पिछले हफ्ते, कर्मचारी सुबह 9 बजे से 12 बजे तक 'पेन डाउन स्ट्राइक' (अस्पताल आकर काम नहीं करना) पर थे। नागरिक निकाय के अनुसार, मामले को देखा जा रहा है।
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा अस्पताल प्रशासन को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "हम घोषणा करने के लिए माफी चाहते हैं कि 'कोई वेतन नहीं, कोई काम नहीं' पर विचार करते हुए हम 5 अक्टूबर 2020 से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन पर जाने के लिए मजबूर हैं, जबकि आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी।"
इसमें कहा गया है कि हम 3 महीने के वेतन को जारी करने और हमें तत्काल स्थायी समाधान देने के लिए आपसे दृढ़तापूर्वक अनुरोध करते हैं। हम इस संबंध में एक औपचारिक नोटिस की मांग भी करते हैं।
हिंदू राव अस्पताल के अलावा, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मैटरनिटी हॉस्पिटल और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मनेरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस जैसे अन्य अस्पतालों के डॉक्टर और नर्स भी बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर विरोध कर रहे हैं।
कानपुर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को भीषण आग लग गई। फैक्ट्री से आग की लपटें और काला धुंआ निकलते देखकर आसपास की फैक्ट्रियों में काम करने पहुंचे श्रमिकों में दहशत फैल गई। आनन फानन में सभी फैक्ट्रियां खाली करा दी गई हैं। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और वहां काम करने वाले कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। जीटी रोड पर जाम के चलते डेढ़ घंटे बाद दमकल गाड़ी पहुंच सकी।
कानपुर पुलिस वरिष्ठ अधीक्षक के पीआरओ ने बताया कि कानपुर में मंधना पचोर रोड पर सोमवार की एक पेंट फैक्ट्री में आग लग गई। पेंट में केमिकल होने के होने के कारण आग बढ़ गयी। हलांकि आग लगने का कारण नहीं पता चल सका है। अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह के समय पांच मजदूर काम करने पहुंचे थे। जैसे ही उन्होंने फैक्ट्री का गेट खोला तो अंदर आग धधक रही थी। मजदूर बाहर की तरफ शोर मचाते हुए भागे और उन्होंने आसपास के लोगों को सूचना दी। ग्रामीणों ने पुलिस के अलावा फैक्ट्री मालिक को सूचना दी। इसी दौरान एक एक कर लगभग 50 धमाके हुए। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर सड़क की तरफ भाग निकले। धमाके इतने जोरदार थे कि ड्रम के टुकड़े उड़कर 100 मीटर से अधिक दूरी तक गिरे। दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
लखनऊ , 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ अमानवीय कृत्य को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती बेहद नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार को अपना अहंकारी तथा तानाशाही रवैया बदलने की सलाह दी है। मायावती ने सोमवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, हाथरस गैंगरेप कांड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बीएसपी प्रतिनिधिमंडल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अति:दुखद थी, जिसने मुझे मीडिया में जाने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने आगे लिखा कि, इसके बाद वहां मीडिया के जाने पर भी उनके साथ हुई बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का लाठीचार्ज आदि अति-निन्दनीय व शर्मनाक है। सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही रवैये को बदलने की सलाह, वरना इससे लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होंगी।
ज्ञात हो उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के गांव में सियासी दलों और मीडिया के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटने के बाद नेताओं का जमघट लग गया है। शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी परिवार से मिलकर और हालचाल जानकर गए थे तो रविवार को भी कई सियासी दलों के नेता वहां पहुंचे और सब ने न्याय दिलाने की बात कही।
पाबंदी हटने के बाद से ही चंदपा की बेटी के परिवार का दुख-दर्द बांटने के लिए उनके घर नेताओं की आवाजाही का क्रम जारी है। रविवार को सपा का प्रतिनिधिमंडल, रालोद नेता जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पहुंचे।
आशीष श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोविड-19 महामारी के काले बादलों के बीच एक आशा की किरण नजर आई है कि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के मामलों में भारी कमी देखी गई है।
डॉक्टरों ने कहा है कि इस साल अस्पतालों में इन दोनों मौसमी बीमारियों के कम से कम 50 प्रतिशत कम मामले आए हैं।
द्वारका के आकाश हेल्थकेयर सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल ने कहा कि पिछले दो महीनों में उनके यहां टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के केवल 50 मरीज ही आए हैं। आम तौर पर मानसून के मौसम में यह गिनती 100 से 150 तक हो जाती है।
अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट विक्रमजीत सिंह ने बताया, "हमें टाइफाइड के मामले नहीं मिल रहे हैं जो आमतौर पर इस मौसम में आते हैं।"
शालीमार बाग के मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में भी टाइफाइड से संबंधित मामलों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इंटरनल मेडिसिन की कंसल्टेंट पारुल कक्कड़ ने कहा, "हाल ही में फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के मामले बढ़े हैं, ऐसा इस मौसम में होता है इसीलिए इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ।"
राजेंद्र प्लेस के बीएलके अस्पताल में भी टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के मामलों में खासी कमी देखी गई है।
बीएलके के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख और सीनियर डायरेक्टर राजिन्दर कुमार सिंघल ने कहा, "मानसून के मौसम के दौरान आमतौर पर हर साल टाइफाइड के मामलों में वृद्धि हो जाती है और फिर मानसून के अंत तक कम हो जाती है। हालांकि इस साल ऐसा नहीं हुआ।"
डॉक्टरों ने टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के मामलों में गिरावट के पीछे दो चीजों को जिम्मेदार बताया है। पहला, कोविड-19 महामारी के कारण स्वच्छता बढ़ी है और लोग घर का बना खाना ही खा रहे हैं।
कक्कड़ ने कहा, "महामारी के दौरान हमारी जीवनशैली, खान-पान और सामाजिक शिष्टाचार बदल गए हैं। अच्छा है कि कुछ बदलाव फायदेमंद रहे, इससे इस साल टाइफाइड और हेपेटाइटिस के मामलों की संख्या में कमी आई है।"
टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के मामलों में गिरावट के पीछे दूसरा कारण यह है कि कोविड-19 के डर कारण लोग अस्पताल आने से बच रहे हैं। साथ ही इन दोनों बीमारियों के लक्षण कोविड-19 के लक्षणों में शामिल हैं।
रोहिणी में धर्मवीर सोलंकी मल्टी-स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के संचालक पंकज सोलंकी कहते हैं, "लोग चिंतित हैं कि अगर उनमें कोविड-19 की पुष्टि हो जाती है तो उन्हें आइसोलेशन में रहना पड़ सकता है या अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इसी डर के कारण वे टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के बारे में भी नहीं बता रहे हैं।"
कोविड-19 के लक्षण विशेष रूप से टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के समान हैं। टाइफाइड में लोगों को आमतौर 103-104 डिग्री बुखार बना रहता है (बुखार आता-जाता नहीं है)। साथ ही कुछ लोगों को दाने या गुलाबी रंग के धब्बे हो जाते हैं। खांसी और गले में खरास भी इसके लक्षण हैं।
सार्स-सीओवी-2 की तरह इन्फ्लुएंजा नाक, गले और फेफड़ों पर असर डालता है। इसमें रोगी को बुखार, सर्दी, कफ, गले में खरास, मांसपेशियों में दर्द और सांस की तकलीफ हेाती है।
पूर्णिया, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्णिया के खजांची हाट थाना क्षेत्र में दलित नेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव शक्ति मल्लिक की हत्या के मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद बिहार के चुनाव में राजनीति का पारा चढ़ गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रविवार को पूर्णिया के मुर्गी रोड फॉर्म रोड स्थित शक्ति मल्लिक के घर में घुसकर अज्ञात अपराधियों ने मल्लिक की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस मामले में मृतक की पत्नी खुशबू देवी के लिखित बयान के आधार पर खजांची हाट थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव,, कालू पासवान, अनिल साह, सुनीती देवी, मनोज पासवान को नामजद आरोपी बनाया गया है।
इस बीच, मृतक का एक महीने पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुद की हत्या की आशंका जताई है। वीडियो में कहा गया है कि अगर उनकी हत्या होती है, तो उसके लिए तेजस्वी यादव और अनिल साधु जिम्मेदार होंगे। इस मामले में हालांकि थाना में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।
इधर, पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी खजांची हाट थाना में दर्ज कर ली गई है तथा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह हत्या का मामला लगता है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों का आरोप है कि मल्लिक चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, यही कारण है कि उनकी हत्या करवा दी गई है।
इधर, हत्या के बाद राजनीति गर्म हो गई है। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस हत्या में तेजस्वी के नाम आने के बाद उनकी हकीकत सामने आ गई है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह पुलिस का काम है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भाजपा के अजीत चौधरी ने कहा कि राजद के शासनकाल में भी दलितों, वंचितों की हत्या होती रही थी। आज भी राजद के लोगों की कार्यप्रणाली नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि राजद की हकीकत सामने आ गई है।
इधर, राजद इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है।
बेंगलुरु, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा से सांसद उनके भाई डी.के. सुरेश से जुड़े 14 ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी की। सीबीआई ने सोमवार को सुबह लगभग 6 बजे छापेमारी शुरू की और जैसे ही यह खबर फैली, बड़ी संख्या में समर्थकों का जमावड़ा उनके घर के बाहर लगना शुरू हो गया।
कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे 'रेड राज' कहा और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्यारमैया ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस पार्टी की उपचुनाव की तैयारियों को पटरी से उतारने का प्रयास करार दिया।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, "मोदी-येदियुरप्पा की जोड़ी के डराने-धमकाने के खेल को उनकी कठपुतली बनी सीबीआई द्वारा पर डी.के. शिवकुमार पर छापा मारकर अंजाम दिया जा रहा है.. लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं है..सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार के भ्रष्टाचार की परतों को खोलना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मोदी और येदियुरप्पा सरकार और भाजपा के फ्रंटल संगठन यानी सीबीआई-ईडी-इनकम टैक्स को बताना चाहते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ऐसे कुटिल प्रयासों के आगे न तो झुकेंगे और न ही झुकने देंगे।"
सुरजेवाला ने कहा, "इससे लोगों के लिए लड़ने और भाजपा के कुशासन को उजागर करने का हमारा संकल्प केवल मजबूत हुआ है।"
पिछले साल सितंबर में, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर गिरफ्तार किया था।
उन पर दूसरों की मदद से हवाला चैनलों के जरिए बेहिसाब धनराशि के लेनदेन का आरोप है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत, शिवकुमार पर कर चोरी और 'हवाला' से करोड़ों रुपये के लेनदेन का आरोप लगाया गया था।