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भारत में सात किलो यूरेनियम बरामद होने पर क्या बोला पाकिस्तान
10-May-2021 5:26 PM
भारत में सात किलो यूरेनियम बरामद होने पर क्या बोला पाकिस्तान

-शकील अख़्तर

भारत के मुंबई में सात किलोग्राम यूरेनियम मिलने के मामले की जाँच एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) ने अपने हाथ में ले ली है.

इससे पहले इस घटना की जाँच मुंबई पुलिस की एसआईटी यूनिट कर रही थी.

महाराष्ट्र पुलिस के एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने बीते हफ़्ते जिगर जीएस पांड्या और अबू ताहिर अफ़ज़ल चौधरी नाम के दो लोगों को मुंबई के बाहरी इलाक़े से गिरफ़्तार किया था.

एटीएस ने उनके क़ब्ज़े से सात किलो 100 ग्राम प्राकृतिक यूरेनियम बरामद किया था, जिसकी क़ीमत बाज़ार में 21 करोड़ रुपए बताई गई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने ख़बर दी है कि जाँच एजेंसी ने गृह मंत्रालय के आदेश पर रविवार को इस मामले में एफ़आईआर दोबारा दर्ज करके इस केस को पूरी तरह अपने हाथ में ले लिया और जाँच शुरू कर दी.

इससे पहले मुंबई पुलिस ने इस केस की एफ़आईआर एटीएस के काला चौकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी.

एटीएस की तरफ़ से जारी की गई प्रेस रिलीज़ में बताया गया था कि पुलिस के ख़ुफ़िया विभाग ने सूचना मिलने के बाद 14 फ़रवरी को अभियुक्त जिगर पांड्या को यूरेनियम की कुछ मात्रा के साथ गिरफ़्तार किया था. पांड्या इस यूरेनियम को बेचने के लिए एक ग्राहक की तलाश में था.

पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि उसे यूरेनियम एक स्क्रैप डीलर अबू ताहिर अफ़ज़ल हुसैन चौधरी ने दिया था.

पुलिस ने बुधवार को चौधरी को कुर्ला स्क्रैप एसोसिएशन की बिल्डिंग से गिरफ़्तार किया और उसके क़ब्ज़े से सात किलोग्राम प्राकृतिक यूरेनियम बरामद किया.

एटीएस के जाँच अधिकारियों के मुताबिक़ इस यूरेनियम को जाँच के लिए भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर भेजा गया था.

एटोमिक सेंटर ने अपनी रिसर्च में बताया कि ये प्राकृतिक यूरेनियम है और 'अत्यधिक रेडियोधर्मी मानक का है, जो मानव जीवन के लिए बहुत ख़तरनाक हो सकता है.'

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मुंबई पुलिस के एटीएस यूनिट के डीआईजी शिवदीप लांडे के हवाले से मीडिया में कहा गया है कि जो प्राकृतिक यूरेनियम बरामद किया गया है वो 90 फ़ीसदी से अधिक शुद्ध है.

पुलिस ये मालूम करने की कोशिश कर रही थी कि इन अभियुक्तों को कैसे मालूम था कि यह यूरेनियम है.

यूरेनियम की खुली बिक्री का यह मामला बेहद गंभीर है लेकिन इस वक़्त पूरे देश का ध्यान कोरोना वायरस महामारी की ओर है इसलिए यह ख़बर भारतीय मीडिया में दबी रही.

इसके कारण इस बारे में शुरुआती ख़बरों के बाद अधिक जानकारी सामने नहीं आ सकी है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी ने इस पर पाकिस्तान की चिंता ज़ाहिर की है.

उन्होंने कहा है, "परमाणु पदार्थों की सुरक्षा सभी देशों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. इस मामले की गहराई से जाँच की ज़रूरत है."

यूरेनियम बरामद होने का मामला अब एनआईए के हाथों में है. इसकी जाँच बुनियादी तौर पर इन पहलुओं पर केंद्रित होगी कि अभियुक्तों ने इतना शुद्ध प्राकृतिक क़िस्म का यूरेनियम कहाँ से और किस तरह से हासिल किया?

इसके अलावा जाँच के सवाल यह भी होंगे कि वे इस यूरेनियम को किस तरह के लोगों को बेच रहे थे और क्या उन्होंने इससे पहले भी यूरेनियम बेचा है? (bbc.com)

पुलिस के मुताबिक़ इस मामले में आने वाले दिनों में और भी गिरफ़्तारियाँ होना तय है.

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