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लंदन. कोरोना के डर के बीच भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टेस्ट को कैंसिल कर दिया गया था. टीम इंडिया बिना यह टेस्ट खेले लौट आई है. हालांकि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इसे लेकर आईसीसी को पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि भारत का कोई खिलाड़ी पॉजिटिव नहीं था, इसके बाद भी टीम इंडिया ने मैच नहीं खेला. अब क्रिकेट की वर्ल्ड संस्था आईसीसी को यह तय करना है कि पांचवां टेस्ट रद्द माना जाए या इंग्लैंड को विजेता घोषित किया जाए. अभी सीरीज में टीम इंडिया 2-1 से आगे है.
सिडनी माॅर्निंग हेराल्ड के अनुसार, ईसीबी आईसीसी को लिखे पत्र को वापस ले सकता है और बीसीसीआई से इस मुद्दे पर सीधे बात कर सकता है. टीम इंडिया को अगले साल इंग्लैंड में तीन वनडे और तीन टी20 मैच की सीरीज खेलनी है. बीसीसीआई की ओर से दो अतिरिक्त टी20 मैच खेलने की पेशकश की गई है. हालांकि भारतीय बोर्ड की ओर से साफ कर दिया है कि अंतिम टेस्ट स्थगित ही माना जाएगा.
मैनचेस्टर टेस्ट के कैंसिल होने के बाद हालांकि बीसीसीआई और ईसीबी के बीच विवाद बढ़ा. ईसीबी ने आईपीएल के प्लेऑफ में खिलाड़ियाें के उतरने पर रोक लगा दी है और पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में खेलने को कहा है. हालांकि अब गेंद आईसीसी के पाले में है कि वह क्या फैसला करती है. क्या सीरीज को 4 मैचों की मानी जाए या 5 मैचों की. इसी आधार पर दोनों टीमों के वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंक भी तय होंगे.
ईसीबी के लिए दोहरी परेशानी
टीम इंडिया के काेच रवि शास्त्री सहित 4 सपोर्ट स्टाफ पॉजिटिव पाए गए थे. ऐसे में अगर आईसीसी यह मानता है कि कोविड-19 के कारण अंतिम टेस्ट रद्द किया गया तो ईसीबी को बीमा का पैसा नहीं मिलेगा. क्योंकि इसमें कोरोना शामिल नहीं है. ऐसे में ईसीबी को लगभग 550 करोड़ रुपए का नुकसान होगा. हालांकि अगर 2020-2024 के ब्रॉडकास्टिंग अनुबंध के तहत एक अतिरिक्त टेस्ट और खेला जाता है तो इस घाटे को 100 करोड़ रुपए तक कम किया जा सकता है.