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नई दिल्ली, 17 जनवरी | दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश कुमार गुप्ता पर सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल अनिल बैजल सहित अन्य से सोमवार को जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, बीएसईएस यमुना के सीईओ और गुप्ता को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह मामले की सुनवाई 18 फरवरी को करेगी।
याचिकाकर्ता, अधिवक्ता हेमंत चौधरी ने अपनी जनहित याचिका (पीआईएल) में आरोप लगाया है कि गुप्ता, जो उत्तरी दिल्ली के नगर पार्षद भी हैं, पश्चिमी पटेल नगर में अपने आवास के सामने एक नगर निगम स्कूल के पास पार्टी कार्यालय बनाने के लिए सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण में शामिल हैं।
उन्होंने अदालत से एलजी और दिल्ली सरकार को तत्काल जांच करने का निर्देश देने की भी मांग की।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि गुप्ता ने कथित तौर पर बिल्डर माफिया से करोड़ों रुपये कमाए हैं और पार्षद, पूर्व-महापौर और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष होने के नाते अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग करके संपत्तियों और निर्माण में भारी मात्रा में निवेश किया है।
याचिका में साइट से बिजली कनेक्शन तत्काल हटाने के लिए बीएसईएस यमुना के सीईओ को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है। (आईएएनएस)