अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन युद्धः मारियुपोल की सड़कों पर उतरे टैंक, बीच शहर पहुंची लड़ाई
20-Mar-2022 8:24 AM
यूक्रेन युद्धः मारियुपोल की सड़कों पर उतरे टैंक, बीच शहर पहुंची लड़ाई

रूसी घेराबंदी में फंसे मारियुपोल शहर के मेयर का कहना है कि बमबारी का शिकार हुए थिएटर के मलबे में फंसे लोगों को निकालना शहर में जारी भीषण लड़ाई की वजह से मुश्किल हो गया है.

वादिन बॉयशेंको ने बीबीसी से कहा है कि जब लड़ाई थमती है तब ही राहत और बचाव दल मलबा हटा पाते हैं.

यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि थिएटर स्थल को स्पष्ट रूप से नागरिक ठिकाना बताया गया था, बावजूद इसके रूस ने इस पर बमबारी की. रूस ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.

रूस की सेनाओं ने मारियुपोल की घेराबंदी कर रखी है. शहर में बिजली, पानी और गैस की आपूर्ति बंद हो गई है.

रूस ने शहर के लिए मानवीय मदद का रास्ता भी रोक दिया है. अभी भी शहर में क़रीब तीन लाख लोग हैं.

यूक्रेन के मुताबिक रूस ने अस्पताल, चर्च और अनगिनत रिहायशी इमारतों पर हमले किए हैं. स्थानीय अधिकारियों का अनुमान है कि शहर की 80 फ़ीसदी इमारतों या तो पूरी तरह तबाह हो गई हैं या उन्हें इतना नुक़सान हुआ है कि ठीक नहीं किया जा सकता है.

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से सबसे भीषण लड़ाइयां मारियुपोल शहर के इर्द-गिर्द ही हुई हैं.

अजोव सागर के तट पर बसा ये बंदरगाह शहर यूक्रेन के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम हैं.

यदि रूस इस पर क़ब्ज़ा कर लेता है तो वह रूस समर्थित अलगाववादी लड़ाकों के नियंत्रण वाले पूर्वी क्षेत्रों दोनेस्त्सक और लुहांस्क और रूस के नियंत्रण वाले क्राइमिया के बीच सड़क मार्ग स्थापित कर पाएगा. रूस ने साल 2014 में क्राइमिया पर नियंत्रण कर लिया था.

शुक्रवार को अपने एक बयान में रूस ने कहा था कि मारियुपोल के इर्द-गिर्द फंदा कस रहा है. वहीं बॉयशेंको का कहना है कि शहर के भीतर टैंक हैं और भारी तोपखानों से गोलीबारी की जा रही है और हर तरह के भारी हथियार यहां मौजूद हैं. बॉयशेंको का बयान रूस के दावे की पुष्टि करता है.

शहर से संपर्क भी मुश्किल हो गया हैं. यहां फ़ोन नेटवर्क दिन में कुछ घंटों के लिए ही चल पा रहे हैं. रूस की लगातार बमबारी के बीच आम नागरिक बेसमेंटों या घरों के भीतर ही रह रहे हैं. वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

इससे पहले दिए एक साक्षात्कार में बॉयशेंको ने बताया था कि शहर का केंद्रीय इलाक़ा पूरी तरह बर्बाद हो गया है.

उन्होंने कहा था, "शहर के भीतर कोई छोटे से छोटा इलाक़ा भी ऐसा नहीं है जिस पर युद्ध के निशान ना हों."

बॉयशेंको ने बताया, "भीषण लड़ाई की वजह से बर्बाद हुए थिएटर का मलबा हटाना बेहद ख़तरनाक़ हो गया है. बुधवार को हुए हमले के बाद से मलबे में अभी भी लोग फंसे हुए हैं."

उन्होंने बताया, "जब कुछ देर के लिए शांति होती है तब मलबा हटाया जाता है और लोगों को बाहर निकाला जाता है."

ये थिएटर सोवियत युग की एक विशाल इमारत था. सेटेलाइट तस्वीरों में थिएटर के बाहर रूसी भाषा में 'बच्चे' लिखा हुआ था जो ये बताने के लिए था कि इस इमारत का इस्तेमाल शरण लेने के लिए किया जा रहा है.

इमारत के भीतर फंसे हुए अधिकतर लोग बुज़ुर्ग, महिलाएं और बच्चे हैं जो अंधेरे कमरों में छुपे थे.

शनिवार को जारी एक वीडियो में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि बाहर निकाले गए कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हैं, अभी तक हमले में हुई मौतों के बारे में जानकारी नहीं है.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूस ने घेराबंदी में फंसे शहरों के लिए मानवीय मदद रोककर युद्ध अपराध किए हैं. उन्होंने कहा, "ये पूरी तरह से जानबूझकर अपनाई जा रही रणनीति है. उनके (रूसी सेना) के पास स्पष्ट आदेश हैं कि यूक्रेन में किसी भी तरह से मानवीय त्रास्दी पैदा करें ताकि यूक्रेन के लोग कब्ज़ाधारियों के साथ सहयोग करें."

मारियुपोल के अधिकारियों का कहना है कि अब तक की लड़ाई में शहर में कम से कम ढाई हज़ार लोग मारे जा चुके हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है. मारे गए बहुत से लोगों की लाशों को ख़तरे की वजह से नहीं उठाया जा रहा है. बहुत से लोगों को सामूहिक क़ब्रों में दफ़न किया गया है.

बॉयशेंको का कहना है कि अब तक चालीस हज़ार लोग शहर छोड़ चुके हैं जबकि बीस हज़ार लोग शहर से सुरक्षित निकाले जाने का इंतज़ार कर रहे हैं. आम नागरिक निजी वाहनों में शहर छोड़कर जा रहे हैं.

उनका कहना है कि मानवीय रास्ता बनाने के प्रयास नाकाम हुए हैं. यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने संघर्ष विराम पर सहमत होने के बावजूद मारियुपोल पर हमले जारी रखे हैं.(bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news