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ऋषि सुनक क्या ब्रिटेन के पीएम बनने की दौड़ में टिके रह पाएंगे?
20-Jul-2022 6:04 PM
ऋषि सुनक क्या ब्रिटेन के पीएम बनने की दौड़ में टिके रह पाएंगे?

 

टॉम एस्पाइनर, लूसी हूकर

ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की होड़ में सबसे आगे नज़र आ रहे हैं. हालांकि अभी अंतिम रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि बोरिस जॉनसन की जगह लेने वाले कंजरवेटिव नेता और प्रधानमंत्री पद के लिए नेता के चुनाव की प्रक्रिया जारी है.

ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने सांसदों के बीच होने वाले पहले तीनों चुनाव में जीत हासिल की है, लेकिन उन्हें बोरिस जॉनसन के सहयोगियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा है. जॉनसन के सहयोगी बोरिस जॉनसन के इस्तीफ़े की वजह कैबिनेट से सुनक के इस्तीफ़े को मान रहे हैं.

हालांकि ऋषि सुनक को जॉनसन के मंत्रालय के कुछ कद्दावर मंत्रियों का सहयोग भी मिला है. ख़ास बात यह है कि सुनक ने खुद को ऐसे नेता के तौर पर पेश किया है जो कह रहा है कि जब तक महंगाई नियंत्रण में न आए, तब तक टैक्स नहीं वसूले जाएंगे और यह उनके प्रतिद्वंदी नेताओं के बिल्कुल उलट है.

सुनक फ़रवरी, 2020 में ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने थे और कुछ ही सप्ताह के अंदर उनके सामने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को चलाने की चुनौती आ गयी. पहले लॉकडाउन के दौरान अपना 40वां जन्म दिन मनाने वाले सुनक ने कोरोना महामारी के दौरान भरोसे के साथ देश की अर्थव्यवस्था की बागडोर संभाली.

उन्होंने 2020 की गर्मियों में कहा था कि कोरोना संक्रमण के दौरान वे लोगों की हरसंभव मदद करेंगे और 350 बिलियन पाउंड की मदद की घोषणा भी की, जिसके बाद उनकी लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गई थी. लेकिन कोरोना संकट के बाद से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बनीं रहीं. जून, 2020 में डाउनिंग स्ट्रीट में लॉकडाउन के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए सुनक को जुर्माना भी चुकाना पड़ा था.

इस साल अप्रैल में, कंजरवेटिव पार्टी के आलोचकों ने सवाल उठाया कि क्या करोड़पति सुनक ब्रिटेन के आम लोगों के घर चलाने और जीवन यापन की चुनौतियों को समझ चुके हैं.

इसी महीने सुनक और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर भी मामला गरमाया और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के टैक्स भुगतान को लेकर विवाद सुर्खियों में आ गया. मूर्ति ब्रिटेन के क़ानूनों के हिसाब, विदेशों की अपनी कमाई पर टैक्स भुगतान में छूट का लाभ उठा रही थीं.

बाद में अक्षता मूर्ति ने घोषणा की वे ब्रिटिश क़ानून के तहत टैक्स का भुगतान करेंगी तब तक जाकर उनके पति पर से राजनीतिक दबाव कम हुआ.

कोविड के दौरान ऋषि सुनक ने कई योजनाएं चलाईं. इन्हीं में से एक उन्होंने लोगों को रेस्तरां में खाना खाने के लिए उत्साहित किया ताकि इस छोटे व्यवसायियों पर कोविड का असर कम हो.

विपक्षी लेबर पार्टी ने सुनक के आर्थिक स्थिति को लेकर कई सवाल उठाए, इसमें एक सवाल यह भी था कि क्या सुनक ने कभी टैक्स में छूट का लाभ उठाया है?

ब्रिटिश समाचार पत्र इंडिपेंडेंट ने दावा किया था कि सुनक का नाम 2020 में ब्रिटिन वर्जिन आइलैंड्स और केमैन आइलैंड्स के टैक्स हैवन ट्रस्ट के लाभार्थियों में दर्ज था. हालांकि सुनक के प्रवक्ता ने इन दावों का खंडन किया था.

सुनक ने कोविड संक्रमण के दौरान हॉस्पिटलिटी सेक्टर की मदद के लिए लोगों से बाहर खाना खाकर मदद करने की अपील की, हालांकि बाद में इसे संक्रमण बढ़ने की वजहों में गिना गया.

क्या है ऋषि सुनक का बैकग्राउंड
सुनक के भारतीय मूल के माता-पिता पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे. उनका जन्म 1980 में साउथम्पैटन में हुआ था. उनके पिता एक चिकित्सक थे तो मां फॉर्मेसी का काम देखती थीं.

उनकी पढ़ाई लिखाई बेहद संपन्न स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई थी, गर्मी की छुट्टियों में वे साउथैम्पटन करी हाउस में वेटर के तौर पर काम करते थे. बाद में दर्शन शास्त्र, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वे ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी गए.

स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई करते हुए उनकी मुलाक़ात अक्षता मूर्ति से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं. अक्षता मूर्ति, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं. सुनक और मूर्ति की दो बेटियां हैं.

सुनक, 2001 से 2004 के बीच गोल्डमैन साक्स में एनालिस्ट के तौर पर कार्यरत थे. बाद में दो बड़े फंड के पार्टनर बने. उन्हें ब्रिटेन के सबसे अमीर सांसदों में एक माना जाता है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर उन्होंने अपनी कुल संपत्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है.

2015 से सुनक कंजरवेटिव पार्टी की ओर से यार्कशायर के रिचमंड क्षेत्र के सांसद हैं. वे टेरिज़ा मे सरकार में जूनियर मिनिस्टर थे लेकिन बोरिस जॉनसन की सरकार में इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे. इसके बाद उन्हें साजिद जाविद के वित्त मंत्रालय में मुख्य सचिव बनाया गया.

इसके बाद में, फ़रवरी, 2020 में वे ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने. पहले वे बोरिस जॉनसन के मुखर समर्थक थे लेकिन बाद में उन्होंने यह कह कर इस्तीफ़ा दिया कि अर्थव्यवस्था को लेकर उनकी और तब के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सोच एकदम अलग है.

सुनक ने यूरोपीयन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपीयन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया. उन्होंने यार्कशायर पोस्ट से कहा था कि इससे ब्रिटेन कहीं ज़्यादा आज़ाद और समृद्ध होगा.

उन्होंने प्रधानमंत्री टेरीसा मे के ब्रेग्ज़िट सौदे पर तीनों बार मतदान किया.

उन्होंने यूरोपीय संघ से अलग होने की एक वजह आव्रजन नियमों में बदलाव भी बताया था. उन्होंने कहा, "मेरा विश्वास है कि उपयुक्त इमिग्रेशन नियमों से हमारे देश को फ़ायदा होगा, हमारी सीमाओं पर हमारा नियंत्रण होना चाहिए."

प्रधानमंत्री से खींचतान के चलते जब साजिद जाविद ने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया तो सुनक को ये ज़िम्मेदारी मिली. दरअसल बोरिस जॉनसन के पक्ष में खड़े होने के चलते उन्हें एक तरह से प्रमोशन मिली थी. पहले उन्हें जूनियर मिनिस्टर से ब्रिटिश खजाने का मंत्री बनाया गया और बाद में वित्त मंत्रालय की ज़िम्मेदारी मिली.

साजिद जाविद की तरह ही सुनक का परिवार किसी दूसरे देश से आकर ब्रिटेन में बसा, लेकिन उनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ.

ऋषि सुनक पहले कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है.

अक्तूबर 2019 को बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूं. मेरे परिजन यहां आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहां पैदा हुए, उनके परिजन यहां पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे."

"सांस्कृतिक परवरिश के मामले की बात करें तो मैं वीकेंड में मंदिर में होता हूं. मैं हिंदू हूं लेकिन शनिवार को मैं सेंट्स गेम में भी होता हूं. आप सबकुछ करते हैं, आप दोनों करते हैं."

उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि वे भाग्यशाली रहे कि बड़े होने के दौरान उन्हें नस्लवाद का बहुत सामना नहीं करना पड़ा लेकिन एक वाक़ये को वे आज भी नहीं भूले हैं.

इसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे बहुत 'भाग्यशाली' हैं कि उन्हें बहुत ज़्यादा नस्लभेद नहीं सहना पड़ा लेकिन उन्होंने कहा कि 'एक घटना उनके दिमाग़ में गहरे तक बैठी हुई है.'

उन्होंने इस घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था, "मैं अपने छोटे भाई और छोटी बहन के साथ बाहर गया हुआ था. मैं शायद बहुत ज़्यादा छोटा था, यही कोई 15-17 वर्ष की उम्र थी. हम एक फ़ास्ट फ़ूड रेस्त्रां गए और मैं उनकी देखभाल कर रहा था. वहीं, कुछ लोग बैठे हुए थे, ऐसा पहली बार हुआ था जब मैंने कुछ बुरी चीज़ों को सुना था. वो एक 'पी' शब्द था."

हालांकि, सुनक कहते हैं कि वो आज ब्रिटेन में इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. (bbc.com)

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