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अश्विन का कमाल, हार के मुंह में जा रहे भारत ने बांग्लादेश से कैसे छीनी जीत
25-Dec-2022 1:36 PM
अश्विन का कमाल, हार के मुंह में जा रहे भारत ने बांग्लादेश से कैसे छीनी जीत

-विधांशु कुमार

नई दिल्ली, 25 दिसंबर ।  भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने जैसे ही बांग्लादेश के स्पिनर मेहदी हसन मिराज की गेंद को मिड विकेट की बाउंड्री के पार पंहुचाकर भारत को जीत दिलाई, ड्रेसिंग रूम में सुबह से तनाव में बैठे कप्तान केएल राहुल और कोच राहुल द्रविड़ ने राहत की सांस ली और खड़े होकर अश्विन और श्रेयस अय्यर की साझेदारी का अभिवादन किया.

हालांकि मैच का लंच से ठीक पहले फैसला हो गया था, लेकिन लगभग डेढ़ घंटे तक बांग्लादेशी टीम ने मैच को अपने पंजे में रखा था और धीरे-धीरे वो जीत की तरफ बढ़ रहे थे.

मैच के चौथे दिन जब भारतीय टीम बैटिंग करने आई तो जीत के लिए अभी भी 100 रन बनाने थे और उनके पास 6 विकेट बचे थे. लेकिन बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने स्पिन से शुरुआत की और पहली गेंद से भारतीय टीम को बैकफुट पर धकेल दिया.

उन्होंने सबसे पहले नाईट-वॉचमैन जयदेव उनादकट को पवेलियन वापस भेजा. उसके बाद मिराज ने ऋषभ पंत को सस्ते में ही निपटा दिया और कुछ ही ओवर्स बाद अच्छी बैटिंग कर रहे अक्षर पटेल को भी आउट कर दिया. इस समय भारत का स्कोर था 74 पर 7 और पूरे स्टेडियम में बांग्लादेश की टीम के सपोर्ट में हूटिंग हो रही थी.

बांग्लादेश को महज़ तीन विकेट चाहिए थे और उनकी टीम को जीत की महक आ गई थी.

कैच ना पकड़ना पड़ा महंगा

ऐसे नाज़ुक मौके पर भारत को पार्टनरशिप की ज़ररूत थी और क्रीज़ पर श्रेयस अय्यर और अश्विन मौजूद थे. उनके बाद सिर्फ उमेश यादव और मोहम्मद सिराज बैटिंग के लिए बचे थे.

बांग्लादेश के स्पिनर्स ने कोई ढील नहीं बरती थी और और अब तक शानदार बोलिंग कर रहे मिराज ने अपनी टीम को एक और मौका दिलवाया. अश्विन सिर्फ 2 रन पर खेल रहे थे कि मिराज की एक घूमती गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर को कैच करने का आसान मौका मिला. लेकिन मोमिनुल हसन ने उस आसान से कैच को टपका दिया. यही मैच का टर्निंग प्वाइंट था.

कमेंट्री बॉक्स में बांग्लादेश के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अतहर अली खान ने कहा, "जिस तरह शॉर्ट लेग पर अश्विन का एक आसान सा कैच मोमिनुल हसन ने छोड़ा, मैच वहीं पर बदल गया. उस वक्त स्कोर 80 पर 8 हो सकता था. भारत को एक पार्टनरशिप की ज़रूरत थी और उस छूटे कैच ने उसे बनने का मौका दिया."

मैच जिताऊ साझेदारी

74 -7 के स्कोर से रिकवर करते हुए श्रेयस अय्यर और आर अश्विन ने 71 रनों की पार्टरनशिप की. चौथी पारी में आठवें विकेट के लिए ये भारत की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी थी.

अय्यर की तारीफ़ करते हुए कमेंट्री में अंजुम चोपड़ा ने कहा, "श्रेयस अय्यर इस टर्निंग पिच पर सबसे आराम से बैटिंग करते नजर आए. जिस पिच पर बाकी बल्लेबाज़ों को शैतान नज़र आ रहा था उसी पिच पर अय्यर ने बेहद आसानी से बैटिंग की है."

8वीं विकेट के लिए 71 रनों की ये साझेदारी मैच विनिंग साबित हुई. अश्विन ने 62 गेंदों पर 42 रन बनाए जबकि अय्यर ने नाबाद 29 रन बनाए. दोनों ने मिलकर 8वें विकेट के लिए 71 रन 105 बॉल पर बनाए. इस तरह भारत के बांग्लादेश के खिलाफ सबसे करीबी जीत मिली

हालांकि भारत ने सिरीज़ पर 2-0 से कब्जा किया लेकिन मीरपुर टेस्ट में अपने खेल से भारतीय टीम ज्यादा खुश नहीं होगी. अगर एक कैच और बांग्लादेश ने पकड़ लिया होता तो शायद उन्हें भारत पर ऐतिहासिक जीत मिलती.

भारतीय टीम ने इस मैचमें कुछ ऐसी गलतियां की जिसे वो दोहराना नहीं चाहेगी.

बांग्लादेश को दूसरी पारी में दी ढील

भारतीय टीम ने एक बड़ी गलती बांग्लादेश के दूसरी पारी में की. इससे पहले भारत ने अपनी पहली पारी में पंत की बैटिंग की मदद से 314 रन बनाए और एक टर्निंग पिच पर 87 रनों की अच्छी बढ़त ले ली थी. बांग्लादेश की टीम दबाव में थी और 70 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी.

पहली पारी में अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 84 रन बनाने वाले मोमिनुल हक़ और कप्तान शाकिब अल हसन पवेलियन वापस लौट चुके थे. ऐसे मौके पर भारतीय टीम को अतिरिक्त दबाव डालकर बांग्लादेश की पारी को जल्दी समेटने की कोशिश करना चाहिए था. लेकिन कप्तान केएल राहुल की औसत कप्तानी में ऐसा हो नहीं सका. बांग्लादेश के दो बल्लेबाज़ों ने हाफ सेंचुरी बनाई.

ज़ाकिर हसन ने संभलकर 55 रन बनाए वहीं लिटन दास ने तेजी से स्कोर करते हुए 98 गेंदों पर 73 रन बना लिए. इन पारियों की मदद से बांग्लादेश ने दूसरी पारी में 231 रन बना लिए और भारत को दोबारा बैटिंग करने की चुनौती दी.

पिच को दोष नहीं दे सकते

भारत की पहली पारी में बांग्लादेश क स्पिनर्स ने 9 विकेट लिए वहीं दूसरी पारी में भी सभी गिरने वाले विकेट स्पिनर्स के ही नाम रहे.

पहली पारी में तायजुल इस्लाम ने 4 विकेट लिए वहीं दूसरी पारी में मेहदी हसन मिराज ने पांच विकेट गिराए. भारतीय बल्लेबाज़ों को घूमती गेंद को खेलने में, और खासकर नीचे रह जाने वाली गेंद को खेलने में दिक्कत हो रही थी और उन्होंने ऐसी गेंदों पर विकेट भी गंवाएं.

लेकिन भारतीय टीम पिच पर कोई दोष नहीं मढ़ सकती क्योंकि इसी पिच पर उन्होंने भी बोलिंग की और बांग्लादेश को वापसी का मौका दिया. इसमें कोई दो राय नहीं की भारतीय टीम पिछले मैच के हीरो कुलदीप यादव को भी मिस कर रही थी.

भारतीय बल्लेबाज़ों का निराशाजनक रवैया

भारतीय टीम के लिए इस मैच में सबसे चिंताजनक बात रही उनके बल्लेबाज़ों का निराशाजनक रवैया. ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर को छोड़ दें तो बाकी के सबी बल्लेबाज़ों ने निराश किया.

कप्तान केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, शुभमन गिल और विराट कोहली ने दोनों पारियों में निराश किया. ये सभी बेहद टेलेंटेड बैटर्स हैं लेकिन इस मैच में उनकी बैटिंग को देखकर ऐसा लग रहा था कि पहला मैच जीतने के बाद उन्होंने बांग्लादेश को हल्के में लेने की भूल कर दी थी और केयरफ्री बैटिंग करने की कोशिश में लापरवाह बैटिंग करते नज़र आए.

लेकिन इन तमाम गलतियों के बावजूद आखिरकार अश्विन और अय्यर की साझेदारी ने भारत को जीत दिलाई और बांग्लादेश को भारत के खिलाफ पहली जीत के लिए और इंतज़ार करवा दिया. इस जीत के बाद भारतीय टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में दूसरे नंबर पर अभी जगह बना ली है, (bbc.com/hindi)

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