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नई दिल्ली, 24 मार्च । राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने चार साल पुराने आपराधिक मानहानि केस में दो साल की सज़ा सुनाई है.
फ़ैसले के बाद कांग्रेस नेताओं ने डर जताया है कि नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा में उनकी सदस्यता को ख़त्म करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि संसद में अदानी विवाद को रोकने और विपक्ष को डराने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ऐसा कर सकती है.
इस ख़बर को टेलीग्राफ अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
2019 में राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, "सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?"
अख़बार के मुताबिक़, वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर ने कहा कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का फ़ैसला स्पीकर का है.
कांग्रेस नेताओं ने टेलीग्राफ़ अख़बार से बात करते हुए कहा कि मानहानि के मामलों में सज़ा आमतौर पर प्रतीकात्मक होती है, जिसमें एक दिन से लेकर एक महीने तक की जेल की सज़ा सुनाई जाती है.
हालांकि, अगर किसी सांसद या विधायक को कोर्ट दो साल की सज़ा सुनाता है तो वह अयोग्य घोषित हो जाता है और सज़ा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.
मौजूदा सांसद होने की वजह से राहुल गांधी की सांसदी फ़िलहाल ख़तरे में नहीं है. उनके पास इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है. (bbc.com/hindi)