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![आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एनजीआरआई के वैज्ञानिकों को मिले दुर्लभ भूतत्व आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एनजीआरआई के वैज्ञानिकों को मिले दुर्लभ भूतत्व](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1680940286ntitled.jpg)
हैदराबाद, 8 अप्रैल सीएसआईआर के यहां स्थित राष्ट्रीय भूभौतकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले में हल्के दुर्लभ भूतत्वों (आरईई) की मौजूदगी का पता चला है जो कई इलेक्ट्रोनिक उपकरणों, चिकित्सा प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस और रक्षा समेत विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयागों के लिए एक अहम अवयव है।
हल्के दुर्लभ भूतत्व खनिजों में लैंथनम, सेरियम, प्रेसियोडीमियम, नियोडिमियम, येत्रियम, हाफनियम, टांटालुम, नियोबियम, जिरकोनियम और स्कैंडियम शामिल हैं।
एनजीआरआई में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी वी सुंदर राजू ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हमें पूर्ण चट्टान विश्लेषण में भारी मात्रा में हल्के दुर्लभ तत्व (एलए, सीई, पीआर, एनडी, वाई, एनबी और टीए) मिले जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इन खनिजों में आरईई हैं।’’
दुर्लभ भूतत्व ऐसे 15 तत्व हैं जिन्हें स्कैंडियम और येत्रियम के साथ ‘पीरियोडिक टेबल’ में ‘लैंथननाइड और एक्टीनाइड’ सीरिज के रूप में जाना जाता है।
(मोबाइल फोन) समेत जिन उपकरणों का हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं उनमें तथा चिकित्सा प्रौद्योगिकी , स्वच्छ ऊर्जा, एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव और रक्षा समेत विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आरईआई अहम अवयव हैं।
राजू ने कहा कि स्थायी चुंबक के विनिर्माण में आरईई का सबसे अधिक एवं अहम उपयोग है।
उन्होंने कहा कि स्थायी चुंबक मोबाइल फोन, टेलीविजन, कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल, पवनचक्की, जेट विमान एवं कई अन्य उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि अपनी दीप्तशील (ल्यूमिनिसेंट) और अभिप्रेरित विशेषताओं के कारण आरईई उच्च प्रौद्योगिकी और ‘हरित’ उत्पादों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाते हैं।
प्रधान वैज्ञानिक ने कहा , ‘‘ विशुद्ध शून्य (उत्सर्जन) तक पहुंचने के लिए यूरोप को दुर्लभ भूतत्वों की अभी जितनी जरूरत है, उसे 2050 तक उसकी 26 गुणा अधिक मात्रा में जरूरत होगी। डिजिटलीकरण के कारण भी मांग बढ़ रही है।’’
आरईई की खोज भारत संसाधन उत्खनन उथला उपसतह प्रतिच्छाया नामक परियोजना के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा वित्तपोषित अध्ययन का हिस्सा है। (भाषा)