राष्ट्रीय
कर्नाटक , 26 अप्रैल । कर्नाटक में मुस्लिमों को दिए जाने वाला चार फ़ीसदी आरक्षण ख़त्म करने के फ़ैसले से छिड़ी बहस के बीच बीजेपी के दिग्गज नेता और मंत्री राज्य में चुनावी प्रचार के दौरान इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस को घेरने की कोशिश रहे हैं.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना भारत के संविधान के ख़िलाफ़ है. वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण देकर संविधान की अवमानना की है.
योगी आदित्यनाथ कर्नाटक के मांड्या में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, "एक ओर डबल इंजन की सरकार पीएफ़आई को बैन करती है और दूसरी तरफ़ कांग्रेस पीएफ़आई के तुष्टिकरण का काम करती है. धर्म के आधार पर आरक्षण देती है. धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है."
उन्होंने कहा, "हमने अनुसूचित जाति-जनजाति, विकलांगों के आरक्षण के दायरे को बढ़ाया है. अन्य ज़रूरतमंदों को आरक्षण का लाभ दिया है, लेकिन धर्म के आधार पर 1947 में भारत का विभाजन हो चुका है. भारत धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत नहीं कर सकता है. अन्य विभाजन के लिए हम तैयार नहीं हैं. ये भारतीय जनता पार्टी का मानना है. क्योंकि हम सब मानते हैं कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना से ही ये देश आगे बढ़ सकता है."
वहीं, राजनाथ सिंह बेलगावी में एक सभा के दौरान कहा कि 1975 में मनमाने तरीके से संविधान में संशोधन कर आपातकाल लगाकर लाखों की संख्या में लोगों को जेल में डाल दिया गया.
ये बयान ऐसे समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया है कि मुस्लिमों के लिए चार फ़ीसदी आरक्षण ख़त्म करने का फ़ैसला 9 मई तक लागू नहीं होगा.
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई की सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अन्य पिछड़ा वर्ग के मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था. इसकी जगह सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की दो नई श्रेणियों की घोषणा की गई थी.ओबीसी मुसलमानों के चार फ़ीसदी कोटे को वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के बीच बांट दिया गया है.
राज्य में 10 मई को विधानसभा चुनाव हैं. (bbc.com/hindi)