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राजपथ-जनपथ : डीआईजी हटना चाहते हैं
14-Aug-2023 3:43 PM
राजपथ-जनपथ : डीआईजी हटना चाहते हैं

डीआईजी हटना चाहते हैं  

स्वतंत्रता दिवस के बाद पुलिस महकमे में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। चर्चा है कि फील्ड में पोस्टेड तीन डीआईजी स्तर के अफसर मौजूदा दायित्व से अलग पोस्टिंग चाह रहे हैं। इस समय रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, जशपुर, और बस्तर में डीआईजी स्तर के अफसर एसएसपी के पद पर हैं। रायपुर में तो राज्य बनने के बाद डीआईजी ही एसएसपी रहे हैं।

बताते हैं कि दो एसएसपी अपने व्यक्तिगत कारणों से रायपुर आना चाहते हैं। इनमें से एक तो प्रमोट होकर अगले साल आईजी बन जाएंगे। बस्तर एसएसपी जितेन्द्र सिंह मीणा ने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन दे दिया है।

चर्चा है कि केन्द्र ने सहमति भी दे दी है, और पोस्टिंग का इंतजार हो रहा है। इन सबके अलावा पीएचक्यू में भी कुछ अफसर इधर से उधर हो 
सकते हैं।

सीट की अदला-बदली की हसरत 

चर्चा है कि सरकार के एक मंत्री, और संसदीय सचिव अपनी सीट की अदला-बदली चाहते हैं। दोनों का विधानसभा क्षेत्र आसपास ही है। कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट में दोनों की पोजिशन खराब बताई गई है। यही वजह है कि दोनों ही एक-दूसरे की सीट पर शिफ्ट होना चाह रहे हैं।

कहा जा रहा है कि मंत्रीजी को तो सीट बदलने की अनुमति मिल सकती है। मगर संसदीय सचिव को दूसरी सीट से लडऩे की अनुमति शायद ही मिल पाए। संसदीय सचिव को लेकर यह कहा जा रहा है कि सीट बदलने पर भी कोई फायदा नहीं होगा। सीट गंवानी पड़ सकती है। ऐसे में किसी नए चेहरे को मौका देने से पार्टी को फायदा हो सकता है। देखना है आगे क्या कुछ होता है। 

उजड़े जंगल में भटकता हाथी

हाथियों के विचरण क्षेत्रों में एक के बाद कोयला खदानों के खुलने से हुए असर को सोशल मीडिया पर जारी हुए एक वीडियो से महसूस किया जा सकता है। इसे सूरजपुर जिले के एसईसीएल खदान का बताया जा रहा है जहां एक हाथी कोयला खदान के भीतर घुस आया है। वीडियो में सुनाई देता है कि हाथी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है लेकिन जैसे ही ग्रामीण कोलाहल कर उसे ललकारते हैं वह एकाएक घबरा जाता है और तेजी से दौडक़र पहाडिय़ों के बीच एक पेड़ के पीछे जाकर छिप जाता है।

टिकट के लिए मीडिया की मदद

भले ही अनुशासन की कार्रवाई हो जाए, पर टिकट की दावेदारी कमजोर नहीं पडऩी चाहिए। सीतापुर की महिला जनपद अध्यक्ष शांति देवी कांग्रेस से ही जुड़ी हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री अमरजीत भगत के लिए प्रचार भी किया था, पर इस बार वे टिकट की खुद दावेदारी कर रही हैं। उन्होंने मंत्री के खिलाफ बकायदा प्रेस कांफ्रेंस ली। यह कहा कि इनके लिए बाहरी लोग ही सब कुछ हैं। स्थानीय कार्यकर्ताओं को उन्होंने बाहर कर दिया है। प्रत्याशी को बदला जाए। शांति देवी विश्व आदिवासी दिवस के उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुईं, जिसमें भगत मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अलग से कार्यक्रम रखा।

बिलासपुर जिले में भी कोटा विधानसभा क्षेत्र के कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने प्रदेश अध्यक्ष से जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विजय केशरवानी की शिकायत की है और उसकी कॉपी सार्वजनिक कर दी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि अपना जन्मदिन धूमधाम मनाने के लिए अध्यक्ष ने एक स्कूल का बाउंड्री वाल तोड़वा दिया ताकि वहां एक भव्य स्वागत द्वार बन सके। संदीप शुक्ला और विजय केशरवानी दोनों ही उन दर्जनों कांग्रेसजनों में से एक हैं जो कोटा विधानसभा सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं। संदीप शुक्ला कोटा इलाके में ही रहते हैं, जबकि केशरवानी बिलासपुर में।

यह कांग्रेस ही है जहां खुलेआम अपनी ही पार्टी के मंत्री के खिलाफ प्रेस कॉफ्रेंस करने और टिकट की दावेदारी करने का मौका मिल सकता है।

शिक्षा विभाग में अधूरी कार्रवाई

स्कूल शिक्षा विभाग के चार संयुक्त संचालकों को निलंबित करने के बाद पदोन्नति के बाद पोस्टिंग घोटाले में आगे की कार्रवाई लगभग रुक गई है, जबकि विभाग के मंत्री ने पैसे लेकर की गई पोस्टिंग को निरस्त करने तथा दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की घोषणा की थी। पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में गड़बड़ी के कारण कई स्कूल अतिशेष वाले हो गए हैं, तो कई में एक दो शिक्षक ही रह गए हैं। इस मामले की शिकायत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से की थी। शिकायत में बताया गया था कि इस जिले के ट्राइबल स्कूलों में एक एक पोस्टिंग के लिए डेढ़ लाख से दो लाख रुपये की वसूली की गई। गौर करने की बात है कि शिकायत के बाद यहां के ज्वाइंट डायरेक्टर एस के राय भी निलंबन की चपेट में आ गए। मगर अब उन्हें उससे भी बड़ी जगह बिलासपुर में इसी पद का प्रभार दे दिया गया है। 

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