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सुधीर सक्सेना वसुंधरा सम्मान से सम्मानित
रायपुर, 14 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सोमवार को अपने निवास में स्वर्गीय श्री देवीप्रसाद चौबे की स्मृति में आयोजित वसुंधरा सम्मान समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डॉ. रामसुंदर दास, राज्य योग सेवा आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, पद्मश्री ममता चन्द्राकर एवं पूर्व में वसुंधरा सम्मान से सम्मानित सदस्य भी उपस्थित रहे।मुख्यमंत्री ने लोकजागरण के लिए वरिष्ठ पत्रकार-लेखक सुधीर सक्सेना को प्रशस्ति पत्र, शाल और श्रीफल भेंट कर वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया।
इस मौके पर श्री सक्सेना ने कहा कि किसी भी पुरस्कार की महत्ता का आकलन इस बात से होता है कि वो निरंतरता रचती है या नहीं। इसका निर्धारण इस बात से भी होता है कि यह पुरस्कार किन लोगों को पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। इस दृष्टि से यह पुरस्कार मेरे लिए संतोष का विषय है।मैं जब भी यहां आता हूँ तो लगता है मैं घर लौटा हूँ।इस सम्मान से बड़ी जिम्मेदारी भी आई है। निरंतर सरोकारों से जुड़े रहने की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि
श्री सुधीर का सम्मान किया गया है। राजेश बादल जी को भी इस अवसर पर सुना है।
आज इस जगह में पत्रकार भी हैं, साहित्यकार भी हैं। इतिहासकार भी हैं।शब्दों को संजोना एक कठिन विधा है। उसमें भावनाएं पिरोना और भी कठिन है। छत्तीसगढ़ी समाज बहुत सरल सहज है लेकिन यह सहजता आसान नहीं है। देवी प्रसाद चौबे जी ने बहुत सरल जीवन जिया है। यह छत्तीसगढ़िया भोलापन है जो एक बार आता है उसे जोड़ लेता है। सबका इस धरती से अपनापन हो जाती है। ये हमारी पूंजी है।पढ़ना बहुत जरूरी है। इससे ही आप मूल स्रोत तक पहुंच सकते हैं। सत्य को परखना आसान काम नहीं है। सत्य की बारीकी में जाएंगे तो पाएंगे कि आज जो सत्य के नाम पर बात बताई जा रही है वो सही नहीं है।
. जो स्वांतःसुखाय और जनहित में लिखते हैं। उन्हें नियमित लिखना चाहिए ताकि सत्य निरंतर लोगों तक पहुंचे। यह आपकी जिम्मेदारी है।