अंतरराष्ट्रीय

क्यों बिगड़ रहे हैं भारत और मालदीव के रिश्ते?
08-Jan-2024 12:32 PM
क्यों बिगड़ रहे हैं भारत और मालदीव के रिश्ते?

रविवार को मालदीव ने उन तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निलंबित कर दिया, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की थी. यह पूरा घटनाक्रम भारत और मालदीव के बदलते रिश्तों का भी संकेत है.

  (dw.com)  

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईजू ने मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला माहजून को अगला कदम उठाए जाने तक उनके पदों से मुक्त कर दिया है. इन तीनों उप-मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर टिप्पणियां की थीं.

नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों भारत के दक्षिण-पश्चिम में लक्षद्वीप के तटों की सैर की थी और वहां पानी में गतिविधियों की अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं. लक्षद्वीप के तट मालदीव जैसे ही हैं.

जोकर और इस्राएल की कठपुतली कहा
4 जनवरी को मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी कुछ तस्वीरें साझा की थी. मालदीव से मात्र 130 किलोमीटर दूर लक्षद्वीप के इन तटों पर अपनी गोताखोरी की तस्वीरें पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा था कि अडवेंचर के शौकीन सैलानियों की लिस्ट में ये द्वीप जरूर होने चाहिए.

मालदीव जाने वालों में भारत की कई मशहूर हस्तियां भी शामिल हैं. कुछ ने सोशल मीडिया पर मंत्रियों की टिप्पणियों की निंदा भी की. इनमें एक्टर अक्षय कुमार और क्रिकेटर हार्दिक पंडया शामिल हैं.

इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद मुईजू ने मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की. वहां के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पद पर बैठे लोगों के बारे में सोशल मीडिया पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों से वाकिफ है. ये टिप्पणियां निजी राय हैं और सरकार का रुख जाहिर नहीं करतीं.”

इन मंत्रियों ने एक्स पर अपनी टिप्पणी में मोदी को ‘जोकर', ‘आतंकवादी' और ‘इस्राएल की कठपुतली' कहा था. मालदीव में भारत के उच्चायोग ने इन टिप्पणियों पर "कड़ी आपत्ति और चिंता” जताई थी.

सरकार ने की कार्रवाई
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और भारत के समर्थक माने जाने वाले इब्राहिम सोलीह ने एक्स पर लिखा, "भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें ऐसी लापरवाही भरी टिप्पणियों को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए.”

एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि राष्ट्रपति मुईजू इन टिप्पणियों के कारण होने वाले नतीजों से चिंतित हैं. पर्यटन पर आधारित मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक तिहाई इसी क्षेत्र से आता है.

मालदीव भारत का बड़ा पर्यटन साझीदार है और बड़ी संख्या में भारतीय मालदीव घूमने जाते हैं. अपने आलीशान रिजॉर्ट और सफेद रेत के तटों के लिए मशहूर मालदीव में पिछले साल सबसे ज्यादा पर्यटक भारत से ही गए थे. इसके अलावा भारत और मालदीव रणनीतिक साझीदार भी हैं. उसके द्वीपों पर भारत के हेलीकॉप्टर और सैनिक तैनात हैं.

बढ़ा है तनाव
पिछले साल नवंबर में मुईजू के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आया है. चीन के समर्थक माने जाने वाले मुईजू ने भारत के सैनिकों को अपने देश से हटने के लिए कड़े बयान दिए हैं.

राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों को मालदीव से जाना होगा. हालांकि बाद में मुईजू के रुख में नरमी आई और उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों के बदले चीनी सैनिकों को लाकर वह क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाना नहीं चाहते.

पिछले कुछ दशकों से भारत और चीन दोनों ही दक्षिण एशिया में मालदीव पर अपने प्रभाव को लेकर रस्साकशी कर रहे हैं. मुईजू के चुनाव जीतने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि मालदीव का रुझान चीन की ओर बढ़ेगा.

मालदीव चीन की ‘बेल्ट एंड रोड' योजना में भी शामिल हो गया है, जिसके तहत बंदरगाह, रेल लाइनें और सड़कें बिछाई जानी हैं. मुईजू रविवार को चीन के दौरे पर गए, जो उनका राष्ट्रपति बनने के बाद पहला आधिकारिक विदेश दौरा है.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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