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पाकिस्तान समर्थित नारा विवाद : केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एनआईए जांच की मांग की
28-Feb-2024 4:28 PM
पाकिस्तान समर्थित नारा विवाद : केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एनआईए जांच की मांग की

बेंगलुरु, 28 फरवरी । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक विधानमंडल परिसर में 'पाकिस्तान समर्थक' नारे लगाने के आरोपों की एनआईए जांच की मांग की है।

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बुधवार को कहा कि वह इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगी।

शोभा करंदलाजे ने उडुपी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''पुलिस 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने की मानसिकता वाले लोगों को परिसर के अंदर जाने की इजाजत कैसे दे सकती है? राज्यसभा सदस्य सैयद नसीर हुसैन के खिलाफ जांच होनी चाहिए। इसके पीछे बड़े विवाद की आशंका है।''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को बांटने की बात कर रही है। सत्ता किसी भी सरकार के लिए स्थायी नहीं है। देश में भ्रम पैदा करने का एक व्यवस्थित प्रयास किया जा रहा है। एनआईए घटना की जांच करेगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

मंत्री ने कहा, "पुलिस को इस घटनाक्रम के पीछे की ताकतों का पता लगाना चाहिए। मैंने कर्नाटक के पुलिस प्रमुख से आरोपियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है।"

हालाकि, सैयद नसीर हुसैन ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है। उनका कहना है कि उनके कुछ समर्थकों ने तीन उम्मीदवारों की जीत का जश्न मनाया, जिनमें से वह भी एक थे। 'नसीर साहब जिंदाबाद, कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद' जैसे नारे लगाए गए। लेकिन, जब वह घर के लिए निकल रहे थे तभी अचानक उन्हें मीडिया से 'पाकिस्तान समर्थक' नारे लगने की जानकारी मिली।

उन्होंने आगे कहा, ''मैं कहना चाहूंगा, जब मैं वहां था और लोगों के बीच था, तो मैंने वहां 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा नहीं सुना। हमने पहले ही पुलिस से कहा और उन्हें इसकी जांच करने दी। यदि किसी ने पाकिस्तान समर्थित नारा लगाया है तो उसके साथ कानून के मुताबिक सख्ती से निपटा जाना चाहिए।''

उन्होंने कहा, "अगर किसी ने वीडियो को तोड़मरोड़ कर चलाया है, तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। अगर किसी ने नारा लगाया भी है, तो वह कौन है, कहां से आकर परिसर में दाखिल हुआ, उसका इरादा क्या था, हर चीज की जांच होनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, ''जब मैं वहां था तो ऐसा नारा नहीं लगाया गया, अगर मेरी मौजूदगी में नारा लगाया जाता तो कोई भी समझदार व्यक्ति या भारतीय नागरिक इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता था। आइए जांच का इंतजार करें और जो भी सामने आएगा वह सार्वजनिक डोमेन में होगा।''

(आईएएनएस)

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