अंतरराष्ट्रीय
यूक्रेन ने पोप फ्रांसिस की अपील को ख़ारिज कर दिया है.
पोप ने यूक्रेन से कहा था कि उसे रूस के साथ पिछले दो साल से जारी युद्ध ख़त्म करने के लिए बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने यूक्रेन से ये भी कहा था कि उसे 'सफ़ेद झंडा उठाने का साहस रखना चाहिए'.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफ़ेद झंडे को युद्धविराम करने या बातचीत के लिए इच्छुक होने या आत्मसमर्पण करने के संकेत के तौर पर माना जाता है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने पोप की अपील का जवाब देते हुए कहा है कि नीले और पीले रंग के देश के झंडे से अलग किसी अन्य झंडे को कभी नहीं उठाया जाएगा.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी पोप के बयान को ख़ारिज कर दिया है. रविवार की रात देश के लिए जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने पोप का नाम लिए युद्ध में यूक्रेन के चर्च और धर्मगुरुओं के योगदान की सराहना की.
ज़ेलेंस्की ने कहा, ''वे अग्रिम मोर्चों पर लोगों के जीवन और मानवता की रक्षा कर रहे हैं. दुआ, बातचीत और आशीर्वाद से लोगों की मदद कर रहे हैं. चर्च लोगों के साथ हैं, न कि ढाई हज़ार किलोमीटर दूर बैठकर उन पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें एक पक्ष जीना चाहता है, वहीं दूसरा पक्ष आपको बर्बाद करना चाहता है.''
वहीं वेटिकन में यूक्रेन के राजदूत ने पोप के बयान की तुलना उन लोगों से की जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के साथ बातचीत करने की वकालत की थी.
पोप ने क्या कहा था
स्विट्जरलैंड के मीडिया संस्थान आरएसआई के साथ पोप का इंटरव्यू फरवरी में रिकॉर्ड किए गया था, जो 20 मार्च को प्रसारित होगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस इंटरव्यू में पोप ने कहा, "सबसे मज़बूत वो है, जिनकी हालात पर नज़र हो, जो लोगों के बारे में सोचे और सफ़ेद झंडे का उठाने का साहस रखे और बातचीत करे. जब आप पाते हैं कि आप हार गए हैं या चीजें ठीक नहीं चल रही हैं तो आपको बातचीत के लिए हिम्मत दिखानी चाहिए." (bbc.com/hindi)