अंतरराष्ट्रीय
फ्रांस के प्रधानमंत्री का कहना है कि उस छात्रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी, जिसने कुछ दिनों पहले अपने हेडमास्टर पर झूठे आरोप लगाए थे.
अपने आरोप में छात्रा ने दावा किया था कि हेडस्कार्फ पहनने को लेकर हेडमास्टर से हुई बहस के बीच उसके साथ हिंसा की गई. हेडमास्टर ने उस पार हाथ उठाए.
छात्रा के इस आरोप के बाद हेडमास्टर को ऑनलाइन ट्रोलिंग और जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा.
नतीजतन उन्होंने स्कूल से इस्तीफ़ा दे दिया.
हेडमास्टर का कहना था कि वो केवल फ्रांस के क़ानून का हवाला देते हुए छात्रा से अपना हेडस्कार्फ हटाने को कह रहे थे.
बाद में इस मामले में हुई जांच में छात्रा के ख़िलाफ़ किसी प्रकार की हिंसा के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
जिसके बाद देश के प्रधानमंत्री ने तय किया है कि छात्रा को कोर्ट में अपने झूठे आरोपों के लिए पेश किया जाना चाहिए.
मार्च 2004 में फ्रांस में एक क़ानून लाया गया था जिसके तहत स्कूलों में छात्रों की धार्मिक मान्यताओं को दिखाने वाले परिधान पहनने पर रोक लगा दी गई थी.