ताजा खबर

एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद सीबीआई से प्रफुल्ल पटेल को राहत, दायर की क्लोजर रिपोर्ट
29-Mar-2024 9:07 AM
एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद सीबीआई से प्रफुल्ल पटेल को राहत, दायर की क्लोजर रिपोर्ट

photo/ANI

एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल के ख़िलाफ़ एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइन्स विलय मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है.

इस ख़बर को इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने अपने यहां प्रमुखता से जगह दी है. जुलाई, 2023 में अजित पवार और अन्य नेताओं के साथ प्रफुल्ल पटेल बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन एनडीए में शामिल हो गए थे.

अख़बार के मुताबिक़ एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय के समय प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री थे.

इस दौरान कथित घोटाले में उनकी भूमिका संदिग्ध थी, जिसे लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनसे पूछताछ की थी.

मई 2019 में ईडी ने एक विशेष अदालत को बताया था कि बिचौलिए दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल ख़ास दोस्त हैं, जिन्होंने कथित तौर पर 2008-09 के दौरान मंत्री के साथ क़रीबी होने का फ़ायदा उठाया और मुनाफ़ा कमाने वाली एयर इंडिया के रूट्स को प्राइवेट एयरलाइन्स को बाँटने में मदद की.

अख़बार के मुताबिक़ सीबीआई ने 19 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) प्रशांत कुमार की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की. कोर्ट ने एजेंसी की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए 15 अप्रैल की तारीख़ दी है.

पिछले साल जून में प्रफुल्ल पटेल ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ बिहार के पटना में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में हिस्सा लिया था.

हालांकि अगले ही महीने पटेल ने अजित पवार, छग्गन भुजबल समेत पार्टी के छह अन्य नेताओं के साथ शरद पवार का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए थे.

एनसीपी का अजित पवार गुट अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार सरकार का हिस्सा है और अजित पवार राज्य के उप-मुख्यमंत्री हैं.

क्या है मामला?
अख़बार के मुताबिक़ यह मामला एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय कर नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड बनाने से जुड़ा है, जिसने बड़ी संख्या में विमान किराए पर दिए और एयरबस, बोइंग से 111 विमानों की ख़रीद की.

इसके अलावा यह भी आरोप लगे कि विदेशी एयरलाइंस को मुनाफ़ा कमाने वाले रास्ते दिए गए और विदेशी निवेश के साथ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने में भ्रष्टाचार हुआ.

अख़बार के मुताबिक़ प्रफुल्ल पटेल के कथित दोस्त दीपक तलवार को जनवरी, 2019 में दुबई से निर्वासित कर ईडी ने गिरफ्तार किया था.

इन सभी मामलों की जांच करने के लिए सीबीआई ने उसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मई, 2017 में चार एफआईआर दर्ज की थीं.

दर्ज की गई पहली एफ़आईआर में सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है, वहीं अन्य मामलों की जांच अब भी जारी है.

29 मई, 2017 को मामले में दर्ज की गई पहली एफ़आईआर में सीबीआई ने अभियुक्त की जगह पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के साथ पटेल के नाम का ज़िक्र किया था.

सीबीआई की पहली एफ़आईआर में कहा गया कि भारत के तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग कर बड़ी संख्या में विमानों को किराए पर दिया.

अख़बार के मुताबिक़ इस एफ़आईआर में कहा गया कि ऐसा करने से पहले सही ढंग से विचार नहीं किया गया और इस काम में बेईमानी की गई.

इसके अलावा ऐसे समय पर अज्ञात व्यक्तियों के साथ साज़िश कर विमान किराए पर दिए गए जबकि उस वक़्त विमान अधिग्रहण कार्यक्रम चल रहा था और इसके चलते प्राइवेट कंपनियों को फ़ायदा हुआ और सरकारी ख़ज़ाने को नुक़सान पहुँचा.

हालांकि पटेल ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उस वक़्त फ़ैसले सामूहिक रूप से लिए गए थे.

अख़बार के मुताबिक़ एफ़आईआर में आरोप लगाया गया कि एनएसीआईएल ने बड़ी संख्या में विमान किराए पर लिए थे.

एफ़आईआर में कहा गया है कि यह ऐसे वक़्त पर हुआ जब एयरलाइन्स ख़ाली चल रही थीं और वे भारी नुक़सान से गुजर रही थीं.

एफ़आईआर के मुताबिक़ 15 महंगे विमान किराए पर लिए गए, जिनके लिए एनएसीआईएल के पास पायलट तक नहीं थे और यह सब प्राइवेट कंपनियों को फ़ायदा पहुंचाने के मक़सद से किया गया था.

इसमें कहा गया कि 2006 में मंत्रालय ने बिना मार्केट स्टडी के विमान किराए पर लेने की निर्णय लिया.

एफ़आईआर के मुताबिक़ 2006 में प्राइवेट पार्टियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए एयर इंडिया ने पाँच साल की अवधि के लिए चार बोइंग 777 को ड्राई लीज पर लिया था जबकि जुलाई, 2007 में उसे अपने ख़ुद के विमानों की डिलीवरी मिलनी थी.

इसका नतीजा यह हुआ कि पाँच बोइंग 777 और पाँच बोइंग 737 बेकार पड़े रहे और 2007-09 के बीच क़रीब 840 करोड़ रुपये का अनुमानित नुक़सान हुआ.

अख़बार के मुताबिक़ सीबीआई और ईडी, दोनों ने एक दूसरी एफ़आईआर में आरोपपत्र दायर किया है जो बिचौलिए दीपक तलवार से संबंधित है.

वहीं अंडरवर्ल्ड इकबाल मिर्ची के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी ईडी प्रफुल्ल पटेल की जांच कर रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री से एजेंसी ने इस मामले में 2019 और 2021 में पूछताछ की थी.

पटेल ने कथित तौर पर मिर्ची से संपत्तियां ख़रीदी हैं, जिस पर वर्ली में सीजे हाउस नाम की एक बिल्डिंग बनाई गई थी. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news