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![ट्रंप को कैपिटल हिल दंगा मामले में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत ट्रंप को कैपिटल हिल दंगा मामले में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1719889814ROMP2.jpg)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर मुकदमे की सुनवाई के दौरान अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
कैपिटल हिल दंगा मामले में सुनवाई करते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुछ हद तक इम्युनिटी (छूट) होने की बात कही है.
जजों ने 6-3 से फ़ैसला दिया कि 'ट्रंप को उनके आधिकारिक कृत्यों के लिए अभियोजन से छूट' प्राप्त है और उनके अनाधिकारिक कामों के लिए कोई भी छूट नहीं है.
क्या आधिकारिक है और क्या नहीं इसे तय करने के लिए सर्वोच्च अदालत ने मामले को निचली अदालत में भेज दिया.
लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिशा निर्देश भी तय किए हैं.
हालांकि जजों ने कहा कि ट्रंप के निजी दस्तावेजों को सबूत के रूप में पेश नहीं किया जा सकता.
असहमति व्यक्त करने वाले तीन लिबरल जजों में से एक सोनिया सोटोमेयर ने लिखा कि ‘इस फ़ैसले से राष्ट्रपति अब क़ानून से ऊपर राजा हो गए हैं.’
राष्ट्रपति चुनावों से पहले आए इस फैसले को ट्रंप एक बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं.
कैपिटल हिल दंगा और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की कथित कोशिश के मामले में ट्रंप के ख़िलाफ़ मामले की अब निचली अदालत में सुनवाई होगी.
रिपब्लिकन पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर की है.
एरिज़ोना से रिपब्लिकन सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न ने लिखा, “शानदार ख़बर, क़ानून ने एक अवैध राजनीतिक उत्पीड़न को धाराशाई कर दिया.”
डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
वर्जीनिया से डेमोक्रेटिक रिप्रेजेंटेटिव गैरी कोनोली ने कहा, “यह एक शर्मनाक फैसला है और यह आने वाले सालों तक हमें सताएगा.”
फ़ैसले पर बाइडन की ओर से प्रतिक्रिया
बाइडन के प्रचार अभियान ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘6 जनवरी को जो कुछ हुआ, इससे वे तथ्य बदल नहीं जाएंगे.’
बाइडन कैंपेन ने एक बयान जारी कर कहा, “2020 चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रंप आपा खो बैठे और उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के नतीजों को धता बताने के लिए भीड़ को उकसाया.”
असल में बाइडन का प्रचार अभियान मतदाताओं को लगातार ये बताने की कोशिश कर रहा है कि ‘ट्रंप लोकतंत्र के लिए ख़तरा हैं.’
अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. (bbc.com/hindi)