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आम बजट में राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने राज्यसभा से किया बहिर्गमन
24-Jul-2024 1:41 PM
आम बजट में राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने राज्यसभा से किया बहिर्गमन

नयी दिल्ली, 24 जुलाई विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से बहिर्गमन किया।

विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है।

उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।’’

उन्होंने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा। यह सिर्फ किसी को खुश करने के लिए...कुर्सी बचाने के लिए... यह सब हुआ है। हम इसकी निंदा करते हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ‘इंडिया’ गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं।’’

खरगे ने आरोप लगाया कि जिन क्षेत्रों में विपक्षी पार्टी चुनकर आई है या जहां जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को नकार दिया है, उन क्षेत्रों को बजट में नजरअंदाज किया गया है।

उन्होंने प्रश्न उठाया कि अगर बजट में संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?

इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका यह लगाना कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया, अनुचित है।

सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बजट पेश करने के दौरान महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया लेकिन हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना (महाराष्ट्र) को मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा कि बजट में कई योजनाओं की घोषणा की गई है तो क्या इन योजनाओं का लाभ सभी राज्यों को नहीं मिलेगा।

उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसा विमर्श गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं कि बजट में राज्यों को कुछ नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता ने जो आरोप लगाए हैं, वे अस्वीकार्य हैं।’’

सीतारमण अभी जवाब दे ही रही थी कि विपक्षी दलों के सदस्य सदन में लौट आए।

इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बजट में पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कई केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू नहीं कर रही है।

थोड़ी देर के लिए इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हुआ।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से कहा कि बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय आवंटित किया गया और इस दौरान सभी सदस्य विस्तार से अपनी बात रख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह चर्चा के समय को और बढ़ा देंगे और सभी को बोलने का मौका देने का प्रयास करेंगे।

इसके बाद शून्यकाल आरंभ हुआ और सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ी।  (भाषा)

 

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