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महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को मिल रही है जबरदस्त प्रतिक्रिया
24-Jul-2024 2:06 PM
महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को मिल रही है जबरदस्त प्रतिक्रिया

मुंबई, 24 जुलाई । महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना' (मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना) को लेकर महायुति सरकार ने कहा है कि 31 अगस्त तक इस बहु-महत्वाकांक्षी के तहत पात्र महिलाओं का पंजीकरण 2.50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत एक करोड़ महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है। प्रतिदिन का पंजीकरण छह लाख को पार कर गया है। पिछले सप्ताह सबसे ज्यादा 8.13 लाख पंजीकरण किए गए। 1 जुलाई को शुरू की गई इस योजना को लेकर सरकार को उम्मीद है कि 19 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से जुलाई और अगस्त के लिए 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता सीधे जमा हो जाएगी।

बता दें कि उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने 2024-25 के अतिरिक्त बजट में इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार 21 वर्ष से 65 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये (सालाना 18,000 रुपये) की मासिक वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव करती है। वे महिलाएं, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2,50,000 रुपये है, वह इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, "ऐप के माध्यम से इस योजना के पंजीकरण के दौरान सर्वर में आने वाली प्रारंभिक गड़बड़ियों को दूर कर दिया गया है। महिलाएं स्वतंत्र रूप से आंगनबाड़ी सेविकाओं या सेतु सेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकृत करा सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ''इस योजना के कार्यान्वयन के लिए वार्षिक व्यय 46,000 करोड़ रुपये होगा, हालांकि महिला एवं बाल कल्याण विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन कर दिया गया है। सरकार इस योजना को लेकर महिलाओं से मिल रही प्रतिक्रिया से काफी उत्साहित है। 31 अगस्त के अंत तक पंजीकरण का यह आंकड़ा 2.50 करोड़ को पार कर सकता है। पात्र महिलाओं को रक्षाबंधन के अवसर पर जुलाई और अगस्त के लिए एक साथ सहायता मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि पंजीकृत महिलाओं में से 60 प्रतिशत विवाहित हैं जबकि 5 प्रतिशत विधवा हैं। उन्होंने कहा कि अविवाहित महिलाएं (यदि परिवार में केवल एक है), विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त और निराश्रित महिलाएं योजना का लाभ लेने की हकदार होंगी। इसके अलावा, विवाह के बाद महाराष्ट्र से बाहर की महिलाओं को भी इसमें शामिल किया गया है।

तटकरे ने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा महिलाओं से पंजीकरण के लिए पैसे मांगने से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली है। पहले ही दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पंजीकरण के दौरान और योजना के कार्यान्वयन में अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि चूंकि नारी शक्ति दूत ऐप के माध्यम से पंजीकरण में तेजी आ रही है, इसलिए सरकार पंजीकरण के लिए एक विशेष पोर्टल शुरू करने की तैयारी में है, जो डेढ़ महीने में शुरू होने की उम्मीद है। तटकरे ने ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना' (मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना) का जोरदार बचाव किया, साथ ही विपक्ष के इसे चुनावी 'जुमला' कहने के आरोप का खंडन भी किया। उन्होंने बताया, ''महाराष्ट्र में महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 50 प्रतिशत से अधिक है।

साथ ही, राज्य में एक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार, पुरुषों का रोजगार प्रतिशत 59.10 है जबकि महिलाओं का 28.70 प्रतिशत है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सोचा कि महिलाओं की वित्तीय और स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार की आवश्यकता है। सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। हालांकि श्रम बल में महिलाओं की कम भागीदारी उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को प्रभावित करती है और इसलिए महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए यह योजना शुरू की गई है।'' --(आईएएनएस)

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