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अब चीन से एक और महामारी, वैज्ञानिकों के उड़े होश
30-Jun-2020 6:58 PM
अब चीन से एक और महामारी, वैज्ञानिकों के उड़े होश

नई दिल्ली( 30 जून )। कोरोना के प्रसार को लेकर दुनियाभर के देशों के निशाने पर आए चीन में एक नए तरह का स्वाइन फ्लू मिला है जिसने वैज्ञानिकों को भी परेशानी में डाल दिया है। जिस वक्त कोरोना जैसी महामारी दुनिया में कोहराम मचा रही है, उस दौर में इस नए वायरस का मिलना किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है।

अमेरिकी साइंस जर्नल PNAS में प्रकाशित रिसर्चर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया स्वाइन फ्लू 2009 में पूरी दुनिया में फैले H1N1 स्वाइन फ्लू की ही अनुवांशिक वंशज है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। चीन की कई यूनिवर्सिटी और चीन के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि नया स्वाइन फ्लू इंसानों को बहुत बीमार कर सकता है।

इस स्वाइन फ्लू को लेकर हुई रिसर्चर्स का कहना है कि नए स्वाइन फ्लू का संक्रमण अगर कोरोना महामारी के दौरान फैल गया तो दुनिया जल्द ही एक और मुसीबत से जूझेगी। इस नए स्वाइन फ्लू का नाम जी4 (G4) रखा गया है और चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब लिया और उसकी जांच में पता चला कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं। इस सभी स्वाइन फ्लू में से जी4 को अलग किया गया और पाया गया कि ज्यादातर सुअर इसी से संक्रमित हैं।

इस फ्लू को लेकर पता चला है कि ये फ्लू 2016 से सुअरों में पनप रहा है। जांच में यह भी पता चला कि सीजनल फ्लू होने से किसी इंसान को जी4 (G4) स्वाइन फ्लू से इम्यूनिटी नहीं मिलेगी और यह किसी को भी भयानक रूप से बीमार कर सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वाले 10 प्रतिशत लोगों में जी4 (G4) का संक्रमण मिला है। वैज्ञानिकों ने ऐसे लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट किया था, जिसके बाद जी4  के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

गंभीर बात ये है कि, चीन की करीब 4.4 फीसदी आबादी जी4 से संक्रमित हो चुकी है और वायरस सुअरों से इंसानों में पहुंच गया है। हालांकि इसके इंसानों के जरिए इंसानों में पहुंचने के सबूत नहीं मिले हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अगर जी4 (G4) इंसानों से इंसानों में फैलता है तो यह एक खतरनाक महामारी का रूप ले सकता है, इसलिए सुअर पालन करने वालों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। कैंब्रिज यूनिर्सिटी में वेटरिनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख जेम्स वुड ने कहा कि इंसानों और जंगली जानवरों के बढ़ते संबंधों की वजह से ही ऐसे वायरस और संक्रमण फैल रहे हैं इसलिए इंसानों को जंगली जानवरों से अपना संपर्क कम करना होगा।

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