राष्ट्रीय
वॉशिंगटन, 11 जुलाई । प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ हिंद महासागर में परेशानी का सबब बने चीन को रोकने के लिए चार बड़ी शक्तियां पहली बार मालाबार में साथ आने को तैयार हैं। इस साल के मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को जल्द ही भारत का न्योता मिल सकता है। इसके साथ ही पहली बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप को सैन्य मंच पर देखा जाएगा। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ जापान और अमेरिका शामिल हैं। अभी तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इससे अलग रखा था लेकिन लद्दाख में सीमा पर चीन की हरकत को देखते हुए उसे भी बुलाने का प्लान है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते तक ऑस्ट्रेलिया को औपचारिक रूप से निमंत्रण के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मालाबार पहले एक सीमित नौसैनिक युद्धाभ्यास हुआ करता था लेकिन अब इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसके तहत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदमों को रोकना एक बड़ा लक्ष्य है। जापान इससे 2015 में जुड़ा था।
दुनियाभर में 20 देशों की सेनाएं चिनूक हेलिकॉप्टर की सेवाएं लेती है। यह विश्व का सबसे अधिक विश्वसनीय और क्षमतापूर्ण हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर है। 50 साल से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादा ऊंचाई या फिर गर्म जगहों पर भी यह सफलतापूर्व उड़ान भर सकता है।
350 किमी/ प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार से उड़ान भरने वाला अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर है। पिछले साल ही इसे वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। पूरी दुनिया में अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर है अपाचे हेलिकॉप्टर। इसमें आधुनिक टारगेट एक्विजिशन डेसिग्नेशन सिस्टम है जो मौसम की जानकारी भी देता रहता है। इसमें अंधेर में देखने की क्षमता भी है।
भारत ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने से यह सोचते हुए रोक दिया था कि पेइचिंग इसे क्वॉड के सैन्य विस्तार के तौर पर देख सकता है लेकिन सीमा पर बढ़ी तनातनी और चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए आखिरकार भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। (navbharat times)