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नई दिल्ली, 16 जुलाई। । तृणमूल कांग्रेस से सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कर्मचारियों को बिना वेतन के पांच साल के लिए अवकाश पर भेजने की एअर इंडिया की योजना के लिए उसकी आलोचना की और कहा कि यह कदम श्रम कानूनों का उल्लंघन करता है तथा यह शीर्ष प्रबंधन को बचाने तथा अन्य कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाने की ‘‘स्पष्ट चाल’’ है। ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘नया नाम छंटनी है।’’ ‘
एअर इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने दक्षता, स्वास्थ्य और अतिरेक जैसे मानकों पर कर्मचारियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की है और उन्हें पांच वर्ष के लिए बिना वेतन के अवकाश (एलडब्ल्यूपी) पर भेजा जाएगा। इसको लेकर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘बिना वेतन के अवकाश पर भेजने की एअर इंडिया की योजना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के इतिहास में अप्रत्याशित है कि एक पीएसयू महामारी के वक्त में कर्मचारियों का इस्तेमाल करके उन्हें फेंक देगा, वह भी तब, जब वंदे भारत मिशन में लगे एअर इंडिया के 150से ज्यादा कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।’’(navodayatimes)