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कांग्रेस ने गिनाये चीनी मोर्चे पर सरकार के विरोधाभास, और पूछे कई सवाल... कहा- सरकार का भ्रमजाल न देश सेवा हो सकता और न ही राष्ट्रभक्ति।
19-Jul-2020 7:16 PM
कांग्रेस ने गिनाये चीनी मोर्चे पर सरकार के विरोधाभास, और पूछे कई सवाल... कहा- सरकार का भ्रमजाल न देश सेवा हो सकता और न ही राष्ट्रभक्ति।

नई दिल्ली, 19 जुलाई. ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। कांग्रेस पार्टी ने आज हिंदुस्तान की जमीन पर चीनी कब्जा जारी रहने का आरोप लगाते हुए सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज मीडिया के सामने पार्टी की बात रखी.

उन्होंने कहा- भारत की सरजमीं पर चीनी कब्ज़े का दुस्साहस लगातार बना है। चीन डेपसाँग प्लेंस तथा पैंगोंग त्सो लेक इलाके में न केवल जबरन कब्ज़ा बनाए है, बल्कि चीन के अतिरिक्त सैन्य निर्माण से साफ तौर पर खतरे का आभास भी है। भारत पर चीनी कब्जा नाकाबिले बर्दाश्त व नामंजूर है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता पर कोई समझौता स्वीकार नहीं हो सकता ।

सुरजेवाला ने कहा- खेद की बात यह है कि मोदी सरकार व प्रधानमंत्री चीनी दुस्साहस और कब्ज़े को लेकर केवल मीडिया के माध्यम से भ्रम का जाल पैदा करने में लगे हैं, न कि निर्णायक तौर से पूर्वतया यथास्थिति बनाए रखने का दृढ़ निर्णय लेने के। मोदी सरकार द्वारा फैलाया जा रहा भ्रमजाल न देश सेवा हो सकता और न ही राष्ट्रभक्ति।

उन्होंने कहा- चीनी घुसपैठ के तथ्य इस प्रकार हैं, जो मोदी सरकार के बयानों का झूठ जाहिर करते हैं:-

1. 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि - ‘‘न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्ज़े में है।’’

2. 26 जून, 2020 की शाम को ही चीन में भारत के राजदूत ने भारत की एक न्यूज़ एजेंसी को बयान देते हुए कहा कि ‘चीन अपनी ज़िम्मेदारी समझ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में चीन की तरफ अपनी सीमा में पीछे हट जाए।'

3. 17 जून, 2020 को विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर ने लिखित तौर से स्वीकार किया कि चीन ने ‘गलवान घाटी’ में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारतीय क्षेत्र में कब्ज़ा कर रखा है।’

4. 20 जून व 25 जून, 2020 को विदेश मंत्रालय ने दो अलग-अलग लिखित बयानों में ये स्वीकार किया कि चीन ने मई-जून, 2020 में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है।

5. 17 और 18 जुलाई, 2020 को रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद 17 जुलाई, 2020 की शाम को उन्होंने एक सनसनीखेज और आश्चर्यचकित ट्वीट किया और कहा कि, ‘‘जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। देखिए फिर आगे कहते हैं – “कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता।...’’

सुरजेवाला ने कहा-  ताजा तथ्य पांच महत्वपूर्ण  बात दर्शाते हैं कि:-

I. सैटेलाइट तस्वीर, जिसकी प्रतिलिपि मैं दे भी रहा हूं, यह साफ है कि चीन ने अब भी डेपसाँग व दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय सीमा में ना केवल कब्जा कर रखा है, परंतु लगातार भारत की कब्जा की हुई सरजमीं पर सैन्य निर्माण कर रहा है।

II. यही नहीं, चीन पैट्रोलिंग प्वाइंट 10 से पैट्रोलिंग प्वाइंट 13 तक भारतीय सेना द्वारा भारतीय पैट्रोलिंग में बाधा पैदा कर रहा है।

III. पैंगोंग त्सो लेक इलाके में अभी भी चीन ने फिंगर 8 से फिंगर 4 के बीच पहाड़ियों पर भारतीय सीमा के 8 किलोमीटर अंदर तक कब्जा कर रखा है, जहां 3,000 के करीब चीनी सैनिक मौजूद हैं। इसके विपरीत भारत ने फिंगर 4 पर स्थिति आईटीबीपी के एडमिनिस्ट्रेटिव बेस से पीछे मोदी सरकार ने भारतीय सेना को पीछे हटा फिंगर 3 व 2 के बीच में ले आई है।

IV. चीन ने डेपसाँग के नज़दीक उनके खुद के क्षेत्र में स्थित नारी-गुंसा (Ngari-Gunsa Air Strip), जो एक नागरिक हवाई पट्टी थी, उसे अब एक सैन्य हवाई पट्टी में बदल कर निर्माण कर लिया है, जो भारतीय सीमा के ठीक बिल्कुल ऊपर मौजूद है, जिससे हमें सामरिक खतरा है।

V. चीन ने सैनिकों के दो डिविज़न ( यानी 20,000 सैनिक से ज्यादा) को लद्दाख में भारतीय इलाके के नज़दीक तैनात कर रखा है व बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री जमा कर ली है। अगर ये सब खतरे का एहसास नहीं तो क्या है?

सुरजेवाला ने कहा-  इसलिए प्रधानमंत्री और सरकार से हमारे 5 सवाल:-

1. देश के लगभग हर समाचार पत्र, आर्मी जनरल व सैटेलाइट तस्वीरों व अब रक्षा मंत्री के खुद के बयान द्वारा प्रधानमंत्री जी के हमारी सीमा में चीनी घुसपैठ न होने के बयान को साफ तौर से झुठलाया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री जी ने सर्वदलीय बैठक को चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य नहीं बताए?

2. देश के रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए ट्वीटर पर बयान का मतलब है कि चीन से बातचीत के द्वारा हल निकलने की कोई गारंटी नहीं है? क्या चीनी कब्जे को स्वीकार करते हुए मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि वो अब इसका कोई हल नहीं निकाल सकते?

3. क्या चीन अब भी डेपसाँग प्लेन्स व दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में सैन्य निर्माण कर रहा है, जैसा सैटेलाइट तस्वीरें दिखा रही हैं? भारत की सीमा में हो रहे, भारत की सरजमीं पर हो रहे इस चीनी निर्माण के बारे, हमारी सरजमीं की रक्षा हेतु मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है?

4. क्या चीन ने अब भी फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच पैंगोंग त्सो लेक इलाके में कब्ज़ा बना रखा है? चीनी सेना से यह कब्ज़ा छुड़वाने बारे मोदी सरकार की रणनीति क्या है?

5. मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बनाने बारे व चीन को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने बारे कितना समय और लगेगा व मोदी सरकार की इस बारे में नीति, रास्ता और दृष्टि

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