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सुशांत केस में समानांतर मुक़दमा न चलाए मीडिया: प्रेस काउंसिल
30-Aug-2020 10:15 AM
सुशांत केस में समानांतर मुक़दमा न चलाए मीडिया: प्रेस काउंसिल

नई दिल्लीः प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले और इससे जुड़ी जांच की कई मीडिया संस्थानों द्वारा की जा रही कवरेज को लेकर  कड़ी आपत्ति जताई है.

पीसीआई ने शुक्रवार को जारी एडवाइजरी में कहा कि मीडिया को ऐसे मामलों की कवरेज में पत्रकारिता आचरण के नियमों का पालन करना चाहिए और पीड़ित, गवाहों और संदिग्धों की निजता का सम्मान करना चाहिए.

पीसीआई ने इस मामले में मीडिया संस्थानों को अपना स्वयं का समानांतर मुकदमा न चलाने और फैसले की पहले ही भविष्यवाणी करने से बचने को कहा.

प्रेस काउंसिल ने कहा कि मीडिया को इस तरह से खबरों को नहीं दिखाना चाहिए, जिससे आम जनता आरोपी व्यक्ति की मामले में संलिप्तता पर विश्वास करने लग जाए.

पीसीआई ने कहा कि किसी फिल्म अभिनेता की कथित खुदकुशी के मामले की कवरेज कई मीडिया संस्थानों द्वारा पत्रकारिता आचरण के नियमों का उल्लंघन है और इसलिए मीडिया को पीसीआई द्वारा तय नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है.

पीसीआई ने कहा कि अपराध के बारे में आधिकारिक एजेंसी द्वारा की जा रही जांच की दिशा के बारे में सुनी-सुनाई बातों के आधार पर सूचनाओं को प्रकाशित या प्रसारित करना वांछित नहीं है.

एडवाइजरी में मीडिया को सलाह दी गई है कि वे अपराध से जुड़े मामले में दैनिक आधार पर रिपोर्टिंग करने से बचें और सही तथ्यों का पता लगाए बिना सबूतों पर टिप्पणी नहीं करें क्योंकि इससे निष्पक्ष जांच एवं मुकदमे पर अकारण दबाव पड़ता है.

पीसीआई ने कहा कि मीडिया को सलाह दी जाती है कि वह पीड़ित, गवाहों, संदिग्धों और आरोपियों को अत्यधिक प्रचार देने से बचे क्योंकि ऐसा करना उनकी निजता के अधिकार में अतिक्रमण होगा.

इसके साथ ही मीडिया द्वारा गवाहों की पहचान उजागर करने से भी बचा जाना जरूरी है क्योंकि इससे उन पर आरोपी और जांच एजेंसियों के दबाव में आने का खतरा होता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस काउंसिल ने राजपूत की मौत के मामले में कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा हो रही रिपोर्टिंग को लेकर सलाह देते हुए कहा कि अभिनेता की कथित आत्महत्या को लेकर कुछ समाचार पत्रों द्वारा हो रही रिपोर्टिंग भी आत्महत्या पर रिपोर्टिंग के लिए काउंसिल के निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन है.

एडवाइजरी में कहा गया कि ऐसी उम्मीद की जाती है कि मीडिया उस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगी, जिससे आत्महत्या को सनसनीखेज बनाए या इसे समस्याओं के निर्णायी समाधान के तौर पर पेश करें इसलिए सलाह दी जाती है कि आत्महत्या मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान सनसनीखेज सुर्खियों, तस्वीरों या वीडियो फुटेज का इस्तेमाल नहीं करें.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)(thewire)

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