राष्ट्रीय

बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकते हैं प्रवासी मजदूर
30-Aug-2020 6:54 PM
बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकते हैं प्रवासी मजदूर

पटना, 30 अगस्त। बिहार में विपक्षी दलों के लिए मजदूरों का पलायन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य में नौकरियां पैदा करने में असमर्थ होने का नारा देते हुए इसका संकेत दे दिया है। तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा, "नतीजतन, हजारों किलोमीटर पैदल चलने वाले मजदूर अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले राज्यों की ओर वापस लौटने लगे हैं।"

जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव द्वारा नीतीश कुमार को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद तेजस्वी का बयान आया है।

तेजस्वी ने कहा, "बिहार का विकास वर्तमान में पटना हवाईअड्डे पर नजर आ रहा है, जहां सैकड़ों मजदूर वापस जाने के लिए उड़ान भरने के लिए एकत्र हो रहे हैं। विकास उन गांवों में भी दिखाई दे रहा है, जहां हमारे कुशल मजदूरों को लेने के लिए दूसरे राज्यों के काम देने वाले नियोक्ता बसें भेज रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ये मजदूर अपने घर तक पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। क्या वापस घर आने पर वे थोड़े सम्मान और नौकरी के लायक नहीं हैं? दूसरे राज्यों के नियोक्ता बिहार के मजदूरों के लिए हवाई टिकट और बसें भेज रहे हैं। यह बिहार सरकार के दृष्टिकोण की स्पष्ट छवि दिखा रहा है।"

तेजस्वी ने दावा किया है कि करीब 40 लाख प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान घर लौटे हैं।

उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार सरकार ने हर मजदूर के खाते में 1,000 रुपये जमा करने की घोषणा की थी। उनमें से 50 प्रतिशत सरकारी सहायता से वंचित थे। बिहार में 'डबल-इंजन' की सरकार है, लेकिन न तो राज्य और न ही केंद्र ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।"

तेजस्वी ने आरोप लगाया, "नीतीश कुमार एक सम्मानित व्यक्ति हैं। मैं उनका व्यक्तिगत तौर पर सम्मान करता हं। लेकिन यह भी सच है कि वे झूठे भी हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाया। बिहार के 16 जिलों में 84 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित थे। मैंने इसका जिक्र कई बार किया और मुख्यमंत्री ने मात्र दो बार हवाई सर्वेक्षण किया है।"(IANS)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news