राष्ट्रीय

विकास दुबे के नाम पर लोगों में दहशत पैदा कर रहे बदमाश
15-Sep-2020 7:01 PM
विकास दुबे के नाम पर लोगों में दहशत पैदा कर रहे बदमाश

कानपुर, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| गैंग्सटर विकास दुबे मर चुका है, लेकिन उसका नाम आज भी आतंक पैदा करता है। उत्तरप्रदेश में कई छोटे-मोटे अपराधी, यहां तक की अपराध जगत में कदम रखने वाले नए लोग अब 'कानपुरवाला' के कद को भुना रहे हैं। कानपुर में चौबेपुर और बिल्हौर पुलिस स्टेशन में पुलिस को दुबे के गुर्गो द्वारा उगाही और भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर फोन आ रहे हैं।

बिकरू गांव के एक निवासी ने पुलिस को पत्र लिखकर दुबे के सहयोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, जिसने गांव में जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है।

शिकायकर्ता ने कहा, "वह गांववालों को डरा रहा है और जमीन पर कब्जा कर रहा है।"

शिकायतकर्ता ने कथित बदमाश के पते के बारे में भी जानकारी दी थी। पुलिस बदमाश का पता लगाने गांव गई, जहां पता चला कि यह फर्जी टेलीफोन नंबर के साथ गलत एड्रेस है।

बाद में जांच में पता चला कि यह शिकायत व्यक्तिगत विवाद निपटाने लिए की गई थी।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "बिल्हौर में आईजी रेंज, डीआईजी और सर्किल ऑफिसर के कार्यालय में ऐसी 100 से ज्यादा शिकायत दर्ज की गई हैं। इनमें से आधे फर्जी निकले। लोग निजी दुश्मनी के मामलों में विकास दुबे के नाम का प्रयोग कर रहे हैं।"

विकास दुबे कथित रूप से अपने पीछे 60 करोड़ की संपत्ति छोड़ गया है और स्थानीय बदमाश कानपुर में अपना वर्चस्व जमाने के लिए उसके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

हाल ही में, नागालैंड में पोस्टेड सेना के एक जवान को खुद को विकास दुबे का सहयोगी बताने वाले एक व्यक्ति ने धमकाने के लिए फोन किया और जवान को उसकी अलग रह रही पत्नी को घर वापस ले जाने या फिर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी।

इससे पहले, एक कंम्युटर इंस्टिट्यूट के मालिक को उगाही के लिए 'कानपुरवाला' के नाम पर फोन आया।

पुलिस अब शिकायतों की एक सूची बना रही है और इनके बैकग्राउंड को खंगाला जाएगा।

आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा, "इस पहल से पुलिस स्टेशनों में अनावश्यक केसों से निपटने में मदद मिलेगी और इससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।"

उन्होंने कहा, "उगाही के लिए फोन करने वालों के खिलाफ हमने पहले से ही कार्रवाई शुरू कर दी है और एक आरोपी को हाल ही में बार्रा दक्षिण से गिरफ्तार किया गया है। उसने स्वीकार किया कि उसके पास पैसे खत्म हो गए थे और उसने उस संस्थान से पैसे ऐंठने का निर्णय किया, जहां से उसने डिप्लोमा कोर्स किया था।"

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news