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कपिला वात्स्यायन का निधन
16-Sep-2020 1:31 PM
कपिला वात्स्यायन का निधन

नयी दिल्ली 16 सितम्बर (वार्ता)। पद्मविभूषण से सम्मानित  देश की प्रख्यात कलाविद्  एवं राज्यसभा की  पूर्व  मनोनीत सदस्य कपिला वात्स्यायन का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 91 वर्ष की थीं।

श्रीमती वात्स्यायन के निधन से कला जगत में शोक की लहर है। वह हिंदी के यशस्वी  दिवंगत साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद  वात्स्यायन  अज्ञेय की पत्नी थीं और साठ के दशक में अपने पति से तलाक के बाद  वह एकाकी जीवन व्यतीत कर रही थीं। 

प्रख्यात संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि श्रीमती वात्स्यायन एक महान विदुषी थी और विलक्षण प्रतिभा की थीं। उन्होंने सहित्य कला और संस्कृति के संवर्धन तथा विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किया। वह अपने आप मे एक संस्था थीं और कला से जुड़ी संस्थाओं का निर्माण किया तथा कलाकारों के बीच संवाद कायम करने में एक सेतु का काम किया। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

पच्चीस दिसंबर 1928 को जन्मी  कपिला वात्स्यायन  राष्ट्रीय आंदोलन की प्रसिद्ध लेखिका सत्यवती मलिक की पुत्री थीं। वह संगीत नृत्य और कला की महान विदुषी थीं। उनकी  शिक्षा दीक्षा दिल्ली बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में हुई थी।

 संगीत नाटक अकादमी फेलो रह चुकी कपिला जी प्रख्यात नर्तक शम्भू महाराज और प्रख्यात इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल की शिष्या भी थीं।
 वह राज्यसभा के लिए 2006 में मनोनीत  सदस्य नियुक्त की गई थीं और लाभ के पद के विवाद के कारण उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता त्याग दी थी। इसके बाद वह दोबारा फिर राज्यसभा की सदस्य मनोनीत की गई थीं।

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