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उपेंद्र कुशवाहा को तेजस्वी से पंगा लेना पड़ा महंगा,
27-Sep-2020 11:13 AM
उपेंद्र कुशवाहा को तेजस्वी से पंगा लेना पड़ा महंगा,

नीतीश की 'नो एंट्री' से RLSP की हुई धोबी के गदहे वाली हालत!

पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) का ऐलान हो चुका है। महागठबंधन (Mahagathbandhan) और एनडीए अपने-अपने खेमे को मजबूत करने में जुट गए हैं। गठबंधन की राजनीति के दौर में राजनीतिक दल नफा-नुकसान का हिसाब लगाकर विभिन्न खेमे में शामिल हो चुके हैं। खेमेबंदी के इस खेल में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा/RLSP) कहीं पिछडती हुई दिख रही है। आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है उससे तो लगभग साफ लग रहा है कि वह महागठबंधन से अलग होंगे। उसके बाद राज्य में चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार (Nitish kumar) की ओर से उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बात कई बातें इशारा कर रही हैं।

नीतीश ने कुशवाहा को इस अंदाज में कहा 'नो एंट्री'

पिछले दो दिनों से अटकलें चल रही थीं कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में वापसी कर सकते हैं। बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से कुशवाहा के लिए स्वागत जैसे शब्द प्रयोग किए जा रहे थे, जिसके बाद इन अटकलों को बल मिल रहा था, लेकिन एनडीए के सेनापति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ताजा बयान को देखकर लगता है कि उपेंद्र कुशवाहा के लिए एनडीए के दरवाजे बंद हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में आ रहे हैं? इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। हां, जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का हिस्सा बने हैं।

कुशवाहा के प्रति आरजेडी के सुर बदले

आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया था, उसके बाद शुक्रवार को दिनभर आरजेडी के प्रवक्ता उन्हें कोसते देखे गए। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने यहां तक कह दिया कि जिन लोगों को एनडीए में दुत्कारा गया, उन्हें आरजेडी ने सम्मान दिया। लेकिन आज वही लोग तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि जिस पार्टी के पास ना संगठन है, ना पर्याप्त प्रत्याशी है वह भी अगर अलग जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लोकतंत्र में कोई भी कहीं भी जा सकता है। आरजेडी प्रवक्ता के इस बयान के बाद साफ है कि उपेंद्र कुशवाहा को लेकर उनका स्टैंउ क्या है। हालांकि तेजस्वी यादव या तेजप्रताप यादव ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, जिससे उनके महागठबंधन में बने रहने की गुंजाइश मानी जा सकती है।

तेजस्वी को लेकर क्या कहा उपेंद्र कुशवाहा ने

गुरुवार को आरएलएसपी के नेताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि सभी लोग अगर मजबूती के साथ होते तो आरजेडी जिस नेता को खड़ा करती उसके पीछे रहकर बिहार में परिवर्तन करना संभव था। आज भी सीट शेयरिंग का मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, एक-दो साथी हमारे छूटेंगे, हमारे मन में था हम उन्हें समझा लेंगे। क्योंकि एक-दो साथी का सवाल नहीं है बिहार का सवाल है। बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने ठीक से खड़ा हो सके। तब बिहार के लोग साथ देंगे। इतनी आकांक्षा, अपेक्षा जरूरी थी। लोग चाहे जो भी सोचें, लेकिन आज भी हमारे मन में है कि राष्ट्रीय जनता दल अगर तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा आज भी अपने लोगों को समझा लेगा।

उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद साफ लग रहा था कि वह महागठबंधन से अलग होने का मन बना चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदा हालत 'धोबी का गदहा ना घर का ना घाट का' वाली कहावत जैसी हालत हो गई है। कुशवाहा कार्यकर्ताओं के सामने तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकारने से पहले ही इनकार कर चुके हैं और एनडीए के अगुवा नीतीश कुमार इस मसले पर अनभिज्ञता जता रहे हैं।(navbharattimes)

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