राष्ट्रीय

श्रम कानूनों को लेकर उठते सवालों को श्रम मंत्रालय ने किया खारिज
29-Sep-2020 8:51 AM
श्रम कानूनों को लेकर उठते सवालों को श्रम मंत्रालय ने किया खारिज

नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)| संसद से पारित हुए नए श्रम कानूनों को लेकर उठते सवालों को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने खारिज किया है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि जितनी भी आलोचना की जा रही हैं, वह सब निराधार है। उन्होंने बताया कि कामगारों के अधिकार, नोटिस अवधि के बदले में वेतन देने के बारे में कोई समझौता नहीं किया गया है। इसके अलावा, औद्योगिक संबंध संहिता में नवसृजित पुर्नकौशल निधि के तहत 15 दिनों के वेतन के समान अतिरिक्त आर्थिक लाभ की संकल्पना की गई है। ऐसा कोई व्यावहारिक ²ष्टांत नहीं है, जो यह दर्शाए कि नए कानून हायर एवं फायर को बढ़ावा देते हैं।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि आर्थिक सर्वेक्षण, 2019 में भारतीय कंपनियों की मौजूदा लघु संरचना की पीड़ा का विश्लेषण किया गया है। लघु संरचना से आशय उन कंपनियों से है जो 10 वर्षों से अधिक से चल रही हैं, लेकिन रोजगार में वृद्धि के रूप में उनमें कोई प्रगति नहीं हुई है। औद्योगिक विवाद अधिनियम के अंतर्गत 100 कामगारों की सीमा को रोजगार सृजन के अवरोधकों में से एक पाया गया है।

यह भी देखा गया है कि श्रम विधानों के अंतर्गत सीमा नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, जिससे कि कंपनियां आकार में छोटी रह जाती हैं। राजस्थान में वर्ष 2014 के दौरान उन कंपनियों के मामले में जिनमें 300 से कम कामगार नियोजित हैं, उनमें सीमा को 100 से बढ़ाकर 300 किया गया था तथा छंटनी इत्यादि से पहले पूवार्नुमति की अपेक्षा को समाप्त कर दिया गया था।

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने यह भी कहा कि नियत कालिक कर्मचारी को नियमित कर्मचारी के समतुल्य सभी लाभों और सेवा शर्तों का कानूनन पात्र बनाया गया है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news