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ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव: बीजेपी, टीआरएस और एमआईएम के बीच टक्कर
28-Nov-2020 1:30 PM
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव: बीजेपी, टीआरएस और एमआईएम के बीच टक्कर

-दीप्ति बथिनी

लोकसभा चुनाव 2019 में तेलंगाना में चार सीटें जीतने का जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता

हैदराबाद में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव काफी दिलचस्प हो गए हैं. ये निकाय चुनाव इसलिए भी ख़ास बन गए हैं क्योंकि एक के बाद एक बीजेपी के कई बड़े नेता हैदराबाद में चुनावी रैलियां कर रहे हैं.

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 150 पार्षद चुने जाने हैं जिन पर शहर में प्रशासन और आधारभूत ढांचे के निर्माण की ज़िम्मेदारी होती है.

इमारत व सड़क निर्माण, कूड़े का निपटारा, सरकारी स्कूल, स्ट्रीट लाइट, सड़कों का रखरखाव, शहर योजना, साफ-सफाई और स्वास्थ्य ऐसे मसले हैं जो नगर निगम संभालता है.

इस समय 1,122 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. एक दिसंबर को मतदान किया जाएगा और चार दिसंबर को नतीजों की घोषणा होगी.

दुब्बका उपचुनाव में टीआरएस के ख़िलाफ़ बड़ी जीत के बाद बीजेपी निकाय चुनाव में पूरी ताक़त के साथ उतर आई है.

बीजेपी ने स्मृति ईरानी, जेपी नड्डा, अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर, योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडनवीस, तेजस्वी सूर्या जैसे नेताओं को निकाय चुनावों के लिए मैदान में उतारा है.

नेताओं के बीच बयानबाज़ी शुरू हो गई है. इसी बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आपात बैठक की है. उन्होंने खुफ़िया सूचना के आधार पर राज्य में अराजक तत्वों के सांप्रदायिक हिंसा फैलाने को लेकर चेतावनी है.

राष्ट्रवाद, अवैध प्रवासी, जिन्ना, वंशवाद की राजनीति और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कुछ मसले चुनाव अभियान का एजेंडा बन गए हैं.

लेकिन, बीजेपी के स्टार प्रचारक अपने भाषणों में शायद ही किसी स्थानीय मुद्दे का ज़िक्र कर रहे हैं.

टीआरएस और एमआईएम पर हमला
स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस हैदराबाद में प्रचार कर चुके हैं.

प्रकाश जावड़ेकर ने टीआरसी सरकार के ख़िलाफ़ चार्जशीट जारी की. इस चार्जशीट में सरकार पर 60 आरोप लगाए गए जिनमें एक लाख नौकरियों का वादा पूरा ना करना और ग़रीबों को दो बेडरूम का घर देने में विफल होना शामिल हैं.

तेजस्वी सूर्या ने 'चेंज हैदाराबाद' अभियान की शुरुआत की है. उन्होंने जय श्रीराम के नारे के साथ अपना भाषण शुरु किया.

हैदराबाद में भाषण के दौरान तेजस्वी सूर्या ने कहा कि सत्ताधारी टीआरसी पार्टी राज्य के नहीं बल्कि सिर्फ़ चंद्रशेखर राव के परिवार के विकास के लिए काम कर रही है.

देवेंद्र फडणवीस ने हैदराबाद में पार्टी का घोषणापत्र जारी किया.

प्रचार के दौरान तेजस्वी सूर्या सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं.

'चेंज हैदराबाद' अभियान की शुरुआत करते हुए तेजस्वी सूर्या ने मीडिया से कहा, ''ओवेसी को दिया गया हर वोट भारत के और उस सबके ख़िलाफ़ होगा जिसके लिए भारत खड़ा है.''

उन्होंने अपने सभी भाषणों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के बीच 'अपवित्र गठबंधन' होने की बात कही. इनमें से एक भाषण ओसमानिया यूनिवर्सिटी के आर्ट्स कॉलेज में दिया गया था.

उन्होंने ये भी कहा कि ''ओवैसी मोहम्मद अली जिन्ना के अवतार हैं. हमें उन्हें हराना होगा.''

उन्होंने कहा, ''ओवैसी हैदराबाद में रहते हैं लेकिन ये शहर हमारा है. ये शहर जय श्री राम के नारे से गूंज उठा है. टीआरएस और एमआईएम जय श्री राम के नारे से डरते हैं. हमें इस ताक़त को बढ़ाने की ज़रूरत है.''

''ओवैसी बंधुओं ने हैदराबाद के विकास को 'पुराने शहर' में प्रवेश नहीं करने दिया. उन्होंने वहां सिर्फ़ एक चीज़ आने दी और वो हैं रोहिंग्या मुसलमानों.''

रोहिंग्या बने मुद्दा
तेजस्वी सूर्या अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जो टीआरएस और एमआईएम पर हमला बोल रहे हैं.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी संजय कहते हैं, ''टीआरएस ने राज्य में रोहिंग्याओं के ख़िलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि उन्हें वोटर आईडी दे दिया गया है. एमआईएम ने पिछला चुनाव रोहिंग्याओं के कारण जीता है. हैदराबाद में कई बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अवैध रूप से रह रहे हैं और एमआईएम को उनका वोट मिल रहा है.''

बी संजय ने कहा कि अगर बीजेपी को निकाय चुनाव में जीत मिलती है तो पार्टी पुराने शहर से सभी अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करेगी.

हालांकि, ये बयान टीआरएस और एमआईएम के लिए भी रास्ता बना रहे हैं.

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने ट्विटर पर बी संजय के बयानों की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, ''भाजपा नेता कुछ वोटों और सीटों के लिए पूरी तरह पागल हो गए हैं.''

केटीआर ने कहा कि बीजेपी धर्म का मुद्दा उठाकर हैदराबाद की शांति और ताने-बाने को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है.

ओवैसी ने भी बेजीपी नेताओं के बयानों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी विकास के मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती. वो जिस पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहती है. वो सभी भारतीय हैं. उन्हें पहले चीनी सेना पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए जिसने भारतीय इलाक़े में अतिक्रमण किया है. वो सरकार में रहने के बावजूद इतने कमज़ोर हैं. अगर यहां पर पाकिस्तानी हैं तो गृह मंत्री अमित शाह को उनकी सूची देनी चाहिए.''

मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी बीजेपी के हमलों पर पलटवार किया है. उन्होंने पुलिस के साथ आपात बैठक में राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा किए जाने की खुफिया रिपोर्ट होने की बात कही.

उन्होंने कहा, ''निकाय चुनाव के दौरान कुछ नेता साजिशों के ज़रिए राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें एहसास हो गया है कि पैसा बहाकर हैदराबाद में चुनाव जीतने का तरीक़ा काम नहीं आया. अब वो हैदराबाद में सांप्रदायिक हिंसा फैलाकर और नीचे गिर गए हैं और इसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.''

चंद्रशेखर राव ने कहा, ''वो करीमनगर, वारंगल, खमाम और अन्य इलाक़ों में सांप्रदायिक टकराव पैदा करना चाहते हैं और इसके लिए हैदराबाद में अभियान चला रहे हैं. वो हैदाराबाद में कोई परेशानी खड़ी करना और फिर उस पर सांप्रदायिक रंग चढ़ाना चाहते हैं और वो पूजा स्थलों पर भी तनाव पैदा करना चाहते हैं. वो ऐसी सांप्रदायिक अशांति फैलाना चाहते हैं जिससे कि निकाय चुनाव हो ही नहीं या टल जाएं. यही उनकी असली योजना है. राज्य सरकार के पास इसे लेकर पक्की जानकारी है.''

TWITTER/@TEJASVI_SURYA

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी सख्ती से इन साज़िशों को नाकाम करेगी.

हालांकि, इस दौरान हैदराबाद की सड़कों पर कार्यकर्ता पूरे जोर-शोर से अपनी-अपनी पार्टियों की जीत के लिए प्रचार करते नज़र आ रहे हैं.

2016 के निकाय चुनावों में टीआरएस ने 99, एमआईएम ने 44, बीजेपी ने चार और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह

हालांकि, इस बार साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी निकाय चुनाव में अपनी पकड़ बनाना चाहती है.

अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण ने बीजेपी को समर्थन करने के लिए अपनी पार्टी जन सेना के उम्मीदवारों की सूची वापस ले ली है.

सत्ताधारी टीआरएस हैदराबाद में किए गए विकास के कार्यों के लिए वोट मांग रही है.

बीबीसी से बात करते हुए केटीआर ने कहा कि हालांकि, हैदराबाद के लिए किए गए वादों को पूरा करने में अब भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है, लेकिन, टीआरएस हैदराबाद में निवेश लेकर आई है और सुनिश्चित किया है कि ये 'सुरक्षित शहर' बने.

हालांकि, टीआरएस पर अक्टूबर में आई बाढ़ के दौरान राहत कार्यों का प्रबंधन ठीक से ना किए जाने के आरोप लगे हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने इसे चुनाव का मुख्य एजेंडा बनाया है. कांग्रेस ने सत्ता में आने पर राहत के तौर पर और ज़्यादा वित्तीय मदद देने की घोषणा की है.

वहीं, बीजेपी टीआरएस और एमआईएम के गठबंधन पर सवाल उठा रही है. बीजेपी नेताओं को भलीभांति पता है कि इन चुनावों में पार्टी को विपक्ष की आवाज़ बनाना कितना ज़रूरी है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी संजय ने एक रैली के दौरान कहा, ''ये चुनाव अभियान सिर्फ़ हैदराबाद निकाय चुनाव के लिए नहीं हैं. ये आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी हैं.''

कुकाटपल्ली प्रभाग से बीजेपी उम्मीदवार पवन एन ने बीबीसी से बात की. उन्होंने कहा कि 'चेंज हैदराबाद' अभियान हैदराबाद को पूरी तरह भाग्यनगरम यानी एक समावेशी शहर (जो सबका है) में बदल देगा.

उन्होंने कहा, ''पिछले छह सालों में टीआरएस हैदराबाद के विकास के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करती रही है लेकिन बाढ़ ने हैदराबाद के विकास और टीआरएस के प्रचार के बुलबुले की हक़ीक़त खोलकर रख दी. सच तो ये है कि अलग राज्य बनने के छह सालों बाद भी मूल मुद्दों पर काम होना बाक़ी है. बीजेपी हैदराबाद को कुशल और प्रभावी स्थानीय शासन वाले वैश्विक शहर के तौर पर विकसित करेगी.''

वहीं, बीजेपी के आरोपों, टीआरएस और एमआईएम के पलटवारों के बीच कांग्रेस का चुनाव अभियान सड़कों पर कुछ खास नज़र नहीं आ रहा है. (bbc.com)

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