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दिल्ली में किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत जारी
05-Dec-2020 4:21 PM
दिल्ली में किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत जारी

नई दिल्ली, 5 दिसंबर| किसानों की मांगों और शिकायतों के समाधान के संकेत के साथ केंद्र सरकार और 32 से अधिक किसान यूनियनों के 40 से अधिक किसान नेताओं के बीच यहां शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत चल रही है। दोनों पक्षों ने यहां दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में बैठक की, जिसमें किसानों के विरोध प्रदर्शन का हल निकालने के लिए विचार-विमर्श किया गया, ताकि दिल्ली की सीमाओं पर बाधित ट्रैफिक सुचारु हो सके।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश और कृषि सचिव संजय अग्रवाल सरकार की ओर से बातचीत में शामिल हुए हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान संयुक्त मोर्चा और क्रांतिकारी किसान यूनियन सहित 32 किसान संगठनों के प्रतिधिनि बैठक में शामिल हुए।

ऐसा बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने का फैसला किया है और सितंबर में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए भी सरकार सहमत है।

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। इसके लिए सरकार किसानों की मांग को एक कार्यकारी आदेश के तहत आश्वासन देने को तैयार है, मगर सरकार इसका रास्ता कानून के जरिए नहीं निकालना चाहती।

इससे पहले, शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाग लिया।

सूत्रों का कहना है कि मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद कहा है कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन को स्वीकार कर सकती है, जिसे किसान 'काले कानून' और 'किसान विरोधी' बता रहे हैं।

इससे पहले, राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र और किसान प्रतिनिधियों के बीच हुई चार बार की वार्ता अनिर्णायक रही है।

किसानों ने पांच-सूत्री मांगें रखीं हैं, जिनमें एमएसपी पर एक विशिष्ट कानून का निर्धारण, पराली जलाने पर कोई सजा न हो, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना, प्रस्तावित विद्युत (संशोधन) अधिनियम, 2020 के बारे में आपत्तियों का निपटारा और एमएसपी पर लिखित आश्वासन शामिल हैं।

पहले की वार्ता में किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। किसानों ने कहा कि ये कानून केवल बड़े व्यवसायी और कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाएंगे।

चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले पांच स्थानों पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरुद्ध कर दिया है। (आईएएनएस)

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