राजनीति

मोदी और शाह के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में बहाल हुआ लोकतंत्र
24-Dec-2020 9:56 PM
मोदी और शाह के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में बहाल हुआ लोकतंत्र

जम्मू, 24 दिसम्बर | जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हाल ही में पहला लोकतांत्रिक चुनाव संपन्न हुआ है। जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के सफल समापन के बारे में आईएएनएस से बात की। जम्मू के मेयर गुप्ता से बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :

प्रश्न : जम्मू-कश्मीर का डीडीसी चुनाव, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विशेष रूप से पहला लोकतांत्रिक अभ्यास होने के नाते आपको कितना महत्वपूर्ण लगता है?

उत्तर : वैसे तो हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है। देश में पिछले 72 वर्षो में 14 आम चुनाव हुए हैं। हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर एक ऐसा राज्य रहा है, जहां इस दौरान केवल चार स्थानीय निकाय चुनाव हुए। पिछली राज्य सरकारें स्थानीय निकाय चुनाव और स्थानीय नेतृत्व का संचालन नहीं चाहती थीं। हालांकि यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण ही है कि ये चुनाव आयोजित किए गए।

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के लाल किले में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय परिषदों के लिए चुनाव होंगे। उन्होंने जो कहा था, वह किया। अगर ये चुनाव अतीत में आयोजित किए गए होते तो जम्मू-कश्मीर कम बेरोजगारी के साथ उग्रवाद-मुक्त होता। महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी 370 के बहाल होने तक चुनाव नहीं लड़ेगी, फिर उनकी पार्टी ने चुनाव क्यों लड़ा? उन्हें कम से कम इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए था। अगर आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल हुआ है तो इसकी वजह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह हैं।

प्रश्न : आपने महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बारे में बात की, जो केवल 27 सीटों तक सीमित रही। जबकि 50 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए। क्या आपको लगता है कि यह पीडीपी के लिए एक संदेश है कि आम जनता पुराने र्ढे पर चलने के बजाय निर्दलीय नेताओं को मौका दे रही है?

उत्तर : आज के समय में लोग अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करना पसंद करते हैं। अगर लोगों को पता चलता है कि नए नेता योग्य हैं, तो वे निश्चित रूप से उन्हें वह मौका देंगे, जिसके वे हकदार हैं। पीडीपी जैसी पार्टियां पाकिस्तान का एजेंडा चला रही हैं और यही वजह है कि लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया, खासकर कश्मीर डिवीजन (संभाग) में।

प्रश्न : भाजपा चुनावों में एकल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, हालांकि इसे चेनाब घाटी और जम्मू संभाग में सीटें गंवानी भी पड़ी हैं। क्या आपको लगता है कि जम्मू संभाग में भाजपा ने अपनी पकड़ खो दी है?

उत्तर : मेरे पास आंकड़े हैं और हमारे पास पूरे राज्य में 75 सीटें हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीडीपी जैसी पार्टियां, जो दशकों से सत्ताधारी दल रहीं हैं, उनके पास भाजपा से कम सीटें हैं। इसके अलावा हमारा मतदान प्रतिशत फारूक अब्दुल्ला की नेकां से अधिक है। हमने कुछ क्षेत्रों में थोड़ा वोट शेयर जरूर खोया है, लेकिन कुल मिलाकर हम नेकां जैसी पार्टियों की तुलना में वोट शेयर के मामले में आगे हैं।

प्रश्न : गुपकार गठबंधन, जिसने अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक जनमत संग्रह पर विचार करते हुए यह चुनाव लड़े, यह गठबंधन भी 140 के आधे अंक तक भी नहीं पहुंच सका। इसलिए एक गठबंधन के रूप में क्या आपको लगता है कि गुपकार घोषणा विफल रही है?

उत्तर : मैंने अपने राजनीतिक जीवन के 20 वर्षो में कई गठबंधन देखे हैं, लगभग हर गठबंधन, जो मैंने देखे हैं, मैंने उन्हें समय के साथ घटते देखा है। जैसे ही डीडीसी की अध्यक्षता की वार्ता शुरू होगी, आप देखेंगे कि पीएजीडी में एक-दूसरे से लड़ाई शुरू हो जाएगी। इसके बाद मुझे यकीन है कि भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ अधिक चेयरमैनशिप बनाएगी या इसके लिए अन्य उम्मीदवार भी हो सकते हैं।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि भारत सरकार और राज्यपाल मनोज सिन्हा के वर्तमान प्रशासन को कश्मीर में जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए?

उत्तर : मुझे यकीन है कि सरकार न केवल कश्मीर में, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी जहां उम्मीदवारों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, उन सभी विजेता उम्मीदवारों को उचित सुरक्षा और सम्मान देगी।

प्रश्न : क्या भारतीय जनता पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से श्रीनगर डीडीसी के लिए सफल हो पाएगी?

उत्तर : कुछ उम्मीदवारों ने कई कारणों से भाजपा के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ा। यह हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कश्मीर में अपने जीवन को खतरे में डालने के प्रयासों और मेहनत का ही परिणाम है कि कश्मीर घाटी में कमल खिल गया है। निकट भविष्य में आप निर्दलीय उम्मीदवारों को भाजपा में आते देख सकते हैं।  (आईएएनएस)

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