राष्ट्रीय
कम से कम छह राज्यों के प्रशासन ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर लोगों में हिचक के कारण टीके बर्बाद हो सकते हैं. इन राज्यों ने बताया है कि लोगों की झिझक के कारण लाखों वैक्सीन को संभालकर रखने की पूरी व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के अनुसार, भारत का कोविड-19 टीकाकरण दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान कहा जा रहा है जिसमें पहले दिन दुनिया में सबसे अधिक लोगों को एक दिन में वैक्सीन देने का रिकॉर्ड बना था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण में बुधवार को शाम 6 बजे तक 7,86,842 लोगों को 14,119 सत्रों में यह वैक्सीन दी गई. हालांकि, अभी भी रोज़ाना का कवरेज रेट 55 फ़ीसदी ही है.
इसका मतलब है कि टीकाकरण के हर सत्र के लिए जिन 100 लोगों को चुना जा रहा है उनमें से 45 लोग आ ही नहीं रहे हैं.
विशेषज्ञों की राय है कि इस टीकाकरण को स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी शुरू कर देना चाहिए.
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार और असम के अधिकारियों ने बताया है कि एक वायल को खोलने के बाद उसे चार घंटे के भीतर इसका इस्तेमाल करना होता है. अगर इस समयसीमा के भीतर इसका इस्तेमाल न हो तो वो डोज़ ख़राब हो जाती हैं. हर एक वायल में 10 (कोविशील्ड के मामले में) या 20 (कोवैक्सीन के मामले में) डोज़ होती हैं. (bbc)