राष्ट्रीय
![प्रशासन के प्रतिबंधों के खिलाफ किसान करेंगे पूरे देश में चक्का जाम प्रशासन के प्रतिबंधों के खिलाफ किसान करेंगे पूरे देश में चक्का जाम](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/16122483656411411_303.jpg)
किसानों के आंदोलन को दबाने के प्रशासन के तरह तरह के प्रयासों के बीच किसानों ने कहा है कि वो 6 फरवरी को पूरे देश में चक्का जाम करेंगे. सरकार और किसानों के बीच गतिरोध और गहराने की संभावनाएं नजर आ रही हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय का लिखा-
किसान संगठनों ने शनिवार 6 फरवरी को पूरे देश के राज्यमार्गों पर यातायात को ठप करने की योजना बनाई है. उनकी घोषणा के अनुसार यह 'चक्का जाम' दिन में 12 बजे से तीन बजे तक आयोजित किया जाएगा. इसे किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर सरकार द्वारा इंटरनेट को बंद करने, बिजली-पानी बंद करने, रास्तों पर तरह तरह के बैरियर लगाने, किसानों पर लाठीचार्ज करने और कई किसानों को गिरफ्तार करने के खिलाफ किसानों के कदम के रूप में देखा जा रहा है.
किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार आंदोलन में शामिल किसानों को तरह तरह से परेशान कर रही है और उनके आंदोलन से नए सिरे से जुड़ने के लिए आने वाले लोगों को भी उनके पास नहीं आने दे रही है. दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल के इर्द गिर्द पुलिस ने बाहरी घेराबंदी कर दी है. पहले लोहे के बैरियर लगाए हैं, फिर सीमेंट के भारी बैरियर, फिर सीमेंट के बैरियरों की दो कतारों के बीच सीमेंट घोल कर डाला गया है.
इतना ही नहीं, उसके बाद फिर से लोहे के बैरियरों की कई कतारें लगाई गई हैं और उसके बाद कंटीली तारों का एक जाल बिछा दिया गया है. किसानों का आरोप है कि पंजाब से ट्रेनों से दिल्ली आ रहे किसानों को भी दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने से रोकने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली की सीमाओं पर पुलिसकर्मी स्टील की लाठीनुमा नए हथियारों से लैस भी नजर आ रहे हैं.
किसानों ने सोमवार को लाए गए आम बजट की भी आलोचना की और कहा कि ना सिर्फ इस बजट में उनकी मांगों को अनदेखा किया गया है, बल्कि कृषि से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर सरकारी खर्च को कम कर दिया गया है. किसानों ने कहा कि शनिवार को चक्का जाम का आयोजन करने के पीछे इसका विरोध जताना भी एक कारण है. देखना होगा कि शनिवार को इस प्रदर्शन का कैसा असर रहता है.