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![स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में रुचि दिखा रहे कई देश : राजनाथ स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में रुचि दिखा रहे कई देश : राजनाथ](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/16122812935a0ea2ad80f1cc33242333d97a0f80f.jpg)
बेंगलुरू, 2 फरवरी | कई देशों ने भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में रुचि दिखाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को बेंगलुरू में फाइटर जेट के लिए तीसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। एलसीए इकाई का उद्घाटन मेगा एरो इंडिया शो के एक दिन पहले किया गया है।
सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में तत्पर है। उन्होंने कहा, "भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता।"
राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "तेजस न केवल स्वदेशी है, बल्कि अनेक मानकों पर अपने विदेशी समकक्षों से बेहतर और अपेक्षाकृत सस्ता भी है। अनेक देशों ने तेजस में रुचि दिखाई है। भारत कुछ साल में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करेगा।"
पिछले महीने सुरक्षा संबंध मामलों पर सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने भारतीय वायु सेना के लिए इन्फ्रास्ट्रक्च र सहित 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी दी थी।
सीसीएस ने स्वदेशी एलसीए के साथ वायु सेना के बेड़े को मजबूत करने के लिए सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी थी।
एलसीए-तेजस आने वाले वर्षो में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनने जा रहा है। एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिनमें से कई का भारत में कभी प्रयास नहीं किया गया था। एलसीए-तेजस की स्वदेशी सामग्री एमके 1ए संस्करण में फिलहाल 50 प्रतिशत है, जिसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को स्वदेशी तौर पर एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के तहत डिजाइन किया गया है और इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से निर्मित किया गया है।
एचएएल ने 20 तेजस वितरित किए हैं और शेष 20 को वितरित करने की प्रक्रिया में है। (आईएएनएस)