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किसान आंदोलन: रिहाना के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उमड़ा बॉलीवुड - सोशल
03-Feb-2021 7:08 PM
किसान आंदोलन: रिहाना के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उमड़ा बॉलीवुड - सोशल

दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो महीने से अधिक वक्त से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसे लेकर जहां कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियां सोशल मीडिया पर ट्वीट कर रही हैं, वहीं बॉलीवुड से जुड़े लोग और राजनेता भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं.

जानी मानी अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया और "किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा है?"

अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग और पूर्व पॉर्न स्टार मिया ख़लीफ़ा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है.

मीना हैरिस ने लिखा है, "हम सभी को भारत में इंटरनेट शटडाउन और किसान प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की हिंसा को लेकर नाराज़गी जतानी चाहिए."

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इन ट्वीट्स को लेकर बयान जारी किया है.

मंत्रालय ने कहा है कि "भारत की संसद ने व्यापक बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी क़ानून पारित किया. ये सुधार किसानों को अधिक लचीलापन और बाज़ार में व्यापक पहुंच देते हैं. ये सुधार आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से सतत खेती का मार्ग प्रशस्त करते हैं."

"भारत के कुछ हिस्सों में किसानों का एक बहुत छोटा वर्ग इन सुधारों से सहमत नहीं है. भारत सरकार ने प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की है. इस कोशिश में अब तक ग्यारह दौर की वार्ता हो चुकी है जिनमें केंद्रीय मंत्री हिस्सा ले रहे हैं सरकार ही नहीं, भारत के प्रधानमंत्री की ओर से इन क़ानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया गया है."

विदेश मंत्रालय ने अपने पोस्ट में #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda का इस्तेमाल किया है और कहा है कि "इन विरोधों को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के संदर्भ में और गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयासों के साथ देखा जाना चाहिए."

फ़िल्मी सितारे और नेता क्या बोले

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लिखा है, "प्रोपगैंडा फैलाने वाले और फर्ज़ी बातें फैलाने वालों की कोशिशों के ख़िलाफ़ हम एक साथ खड़े हैं."

उन्होंने उन्हीं हैशटैग (#IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda) का इस्तेमाल किया है जिसका इस्तेमाल विदेश मंत्रालय ने किया है.

अभिनेता अजय देवगन ने भी इन्हीं दो हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा है, "भारत और भारत की नीतियों के ख़िलाफ़ किसी तरह की ग़लत प्रोपगैंडा में न पड़ें. इस वक्त हमें आपस में न झगड़ कर एक साथ खड़े रहना है."

अभिनता अक्षय कुमार ने भी इन्हीं दो हैशटैग का इस्तेमाल किया है और लिखा है, "किसान हमारे देश का अहम हिस्सा हैं. उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के कोशिशें की जा रही हैं और ये स्पष्ट भी है. हमेशा इस मुश्किल के शांतिपूर्ण हल निकलने का समर्थन करना चाहिए और उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो लोगों को बांटना चाहते हैं."

अभिनेता सुनील शेट्टी ने लिखा, "कोई बात कहने से पहले हमें इस संबंध में पूरी बात जान लेनी चाहिए. आधे सच जितना ख़तरनाक़ कुछ नहीं होता."

पार्श्वगायक कैलाश खेर ने लिखा, "हम सबको पता होना चाहिए कि भारत एक है और इसके ख़िलाफ़ हम कोई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे."

सुनील शेट्टी और कैलाश खेर ने भी #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैशटैग का इस्तेमाल किया है.

वहीं निर्देशक करण जौहर ने #IndiaTogether हैशटैग के साथ लिखा है "हम मुश्किल स्थिति में हैं ज़रूरी है कि हम संयम रखें. चलिए साथ मिलकर ऐसा हल खोजने की कोशिश करते हैं जो सभी के लिए हो. किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं. हम किसी को देश को तोड़ने नहीं दे सकते."

रिहाना के सोशल मीडिया पोस्ट के उत्तर में क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने लिखा, "मेरे देश को हमारे किसानों पर गर्व है और उसे पता है कि किसान कितने ज़रूरी है. मुझे यक़ीन है कि जल्द ही इस मुश्किल का हल निकलेगा. लेकिन हमारे अंदरूनी मामलों में बाहरी लोगों को नाक नहीं डालनी चाहिए"

हालांकि कुछ लोग हैं जो इसी हैशटैग का इस्तेमाल सरकार को संदेश देने के लिए कर रहे हैं.

लेखक और यूट्यूबर मेघनाद ने लिखा, "सरकारी मीडिया का झूठा प्रोपगंडा दिखाइए और लगे हाथ इंडिपेंडेंट मीडिया को सपोर्ट कीजिये."

रोहित शर्मा नाम के एक ट्विटर यूज़र ने गाज़ीपुर बॉर्डर पुर कई स्तरों की बैरिकेडिंग की तस्वीर पोस्ट की और अक्षय कुमार के ट्वीट का जवाब लिखा, "जी हां,सरकार मुश्किलों का हल तलाशने के लिए कुछ कोशिशें कर रही है."

नवंबर से दिल्ली की सीमा पर कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि क़ानून वापिस लिए जाएं, जबकि सरकार 18 महीनों तक इन क़ानूनों को न लागू करने की बात कर रही है.

दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे को लेकर कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

इधर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौक़े पर दिल्ली किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर लिए दिल्ली के भीतर आए. एक समूह ने लाल क़िले पर सिखों का केसरी झंडा भी लहरा दिया.

इस घटना के बाद से ही दिल्ली की सीमाओँ पर (सिंधु, गाज़ीपुर और टिकरी बॉर्डर) पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है. यहां बैरिकेडिंग और कॉन्क्रीट ब्लॉक्स के अलावा कंटीले तार बिछाए गए हैं और सड़कें खोद कर कीलें लगाई गई हैं. इनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं.  (bbc.com)

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