राष्ट्रीय
पटना, 4 सितंबर। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि "आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे सबसे अधिक प्रासंगिक और ज्वलंत मुद्दे पर ईमानदारी से बोलिए।"
तेजस्वी ने एक बयान जारी कर कहा, "बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। बेरोजगारी का अर्थ है कि बिहार का हर दूसरा युवा बेरोजगार है। 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है।"
राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि जिन मुट्ठीभर लोगों के पास संविदा के नाम पर रोजगार है, वह भी उसे नियमित किए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जिन्होंने परीक्षा दी वो नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए वो बहाली के लिए सड़कों पर आवाज उठा रहे हैं।"(IANS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हैदराबाद में देश के युवा आईपीएस अधिकारियों को संबोधित किया। सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी के 'दीक्षांत परेड' में पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से उनके करियर को लेकर महत्वूपूर्ण बातें कीं। इसी दौरान एक पल ऐसा भी आया, जब पीएम को अजय देवगन की फिल्म 'सिंघम' की याद आ गई।
पीएम बोले- जो सिंघम देखकर बड़े बनते हैं...
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 'सिंघम' का जिक्र करते हुए कहा, 'कुछ पुलिस के लोग जब पहले ड्यूटी पर जाते हैं तो उनको लगता है कि पहले मैं अपना रौब दिखा दूं, लोगों को मैं डरा दूं। मैं लोगों में अपना एक हुकुम छोड़ दूं और जो ऐंटी सोशल एलिमेंट हैं वो तो मेरे नाम से ही कांपने चाहिए। ये जो सिंघम वाली फिल्में देखकर बड़े बनते हैं, उनके दिमाग में ये भर जाता है और उसके कारण करने वाले काम छूट जाते हैं।'
In Delhi, I regularly interact with young IPS officers who have passed out from here. But this year due to Corona, I'm unable to meet you all. But I'm sure that during my tenure, I will surely meet you all at some point: PM Modi during his address to young IPS officers https://t.co/RFPptNe198 pic.twitter.com/cRbISeUgpl
— ANI (@ANI) September 4, 2020
'व्यवहार से लोगों के दिलों को जीतना जरूरी'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'सामान्य मानवीय पर प्रभाव पैदा करना है या सामान्य मानवीय में प्रेम का सेतु जोड़ना है, ये तय कर लीजिए। अगर आप प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है, लेकिन प्रेम का सेतु जोड़ेंगे तो आप रिटायर हो जाएंगे तब भी जहां आपकी पहली ड्यूटी रही होगी वहां के लोग आपको याद करेंगे कि 20 साल पहले ऐसा एक नौजवान अफसर आया था जो हमारी भाषा तो नहीं जानता था। लेकिन अपने व्यवहार से लोगों के दिलों को जीत लिया था। आप एक बार जनसामान्य के दिलों को जीत लेंगे तो उनका नजरिया अपने आप बदल जाएगा।'
'मैं युवा अधिकारियों से अक्सर मिलता हूं'
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वह दिल्ली में नियमित तौर पर आईपीएस अधिकारियों से मिलते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली में नियमित रूप से उन युवा IPS अधिकारियों के साथ बातचीत करता हूं जो यहां से बाहर निकल चुके हैं। लेकिन इस साल कोरोना के कारण, मैं आप सभी से मिलने में असमर्थ हूं। लेकिन मुझे यकीन है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैं किसी न किसी बिंदु पर आप सभी से अवश्य मिलूंगा।'
It is very important that you should be proud of your uniform instead of flexing power of your uniform. Never lose the respect for your Khaki uniform PM Modi during his virtual address to young IPS officers at Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy, Hyderabad pic.twitter.com/QYIZ7eJNkb
— ANI (@ANI) September 4, 2020
'खाकी वर्दी का सम्मान कभी ना खोएं'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में खाकी वर्दी का मानवीय पहलू जनमानस के सार्वजनिक स्मृति में बस गया है, क्योंकि पुलिस द्वारा विशेष रूप से इस COVID19 महामारी के दौरान बहुत अच्छे काम किए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपको अपनी वर्दी गर्व हो, अपनी खाकी वर्दी का सम्मान कभी न खोएं।(NBTNEWS)
लेह, 4 सितम्बर। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवड़े ने शुक्रवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास स्थिति तनावपूर्ण है और सुरक्षा बल सभी प्रकार की आकस्मिक घटनाओं के लिए तैयार हैं। सैन्य प्रमुख ने कहा, "देश हम पर भरोसा कर सकता है।" जनरल नरवड़े दो दिवसीय लद्दाख के दौरे पर थे, जहां उन्होंने एलएसी के साथ आगे के स्थानों पर तैनात सैनिकों से भी मुलाकात की।
सेना प्रमुख ने कहा, "एलएसी पर स्थिति तनावपूर्ण है। हमने कुछ क्षेत्रों में एहतियातन तैनाती की है। सेना उन सभी आकस्मिकताओं के लिए तैयार है, जो उत्पन्न हो सकती हैं। इन सभी कार्रवाइयों को केवल एलएसी पर किया गया है।"
जनरल नरवड़े ने कहा कि वह गुरुवार सुबह लेह पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने कमांडरों और सैनिकों के साथ समय बिताया और सीमा स्थिति का आकलन किया। भारतीय सेना प्रमुख शुक्रवार दोपहर दिल्ली लौट आए।
जनरल नरवने ने कहा, "हमारे सैनिकों और स्थानीय कमांडरों को उच्च मनोबल और अच्छे स्वास्थ्य में देखना बहुत संतोषजनक है। इससे मुझे विश्वास होता है कि वे हमारे राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं।"
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा, "सैन्य और राजनयिक चैनल काम कर रहे हैं। भारतीय पक्ष बातचीत के माध्यम से एलएसी के साथ वर्तमान स्थिति को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।"
जनरल नरवड़े ने कहा कि भारत तनाव को कम करने के लिए सभी मौजूदा तंत्रों का उपयोग करना जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि यथास्थिति एकतरफा नहीं बदली जाए।
चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए हाल में किए गए प्रयासों के बाद नरवड़े ने लद्दाख का दौरा किया है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने 29 अगस्त को फिर से पैंगॉन्ग त्सो (झील) के दक्षिण में और 31 अगस्त को भारतीय क्षेत्रों में नए सिरे से घुसपैठ के प्रयास किए थे।
31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई की थी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने सप्ताहांत में पीएलए की भूमि हड़पने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया था।
29 अगस्त और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पहले बनी सहमति का उल्लंघन किया। दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि अब तनाव को कम करने के लिए बातचीत करने में लगे हुए हैं।(IANS)
नयी दिल्ली 04 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपनी वर्दी के प्रति सम्मान को हमेशा बनाये रखना चाहिए और कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम से पुलिस का मानवीय चेहरा लोगों के सामने आया है जो लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
श्री मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं की दीक्षांत परेड में वीडियो कांफ्रेन्स से हिस्सा लिया और भविष्य के पुलिस अधिकारियों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को हमेशा अपनी वर्दी पर गर्व होना चाहिए और इसका दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी वर्दी का सम्मान कम न होने दें। लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान खाकी वर्दी का मानवीय चेहरा देखा है जो कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम के कारण लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
उन्होंने कहा कि अकादमी से बाहर निकलते ही आपकी जिम्मेदारी बढ जायेगी और लोगों का दृष्टिकोण भी आपके प्रति बदल जायेगा। व्यक्ति की आरंभिक छवि जीवन भर उसके साथ रहती है इसलिए अत्यधिक सावधानी के साथ काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बारीकी से काम करने पर ध्यान देना होगा इसके लिए काम की बातों पर ध्यान दें और अर्थहीन बातों को नजरंदाज कर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध की जांच के समय प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो लेकिन इसके साथ ही जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्र करना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को मिशन कर्मयोगी के बारे में भी बताया और कहा कि यह सिविल सेवा में बहुत बड़ा सुधार है।(UNIVARTA)
मुंबई, 4 सितम्बर। महाराष्ट्र में शिवसेना फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के बाद से हमलावर हो गई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, 'मुंबई मराठी मानुष के बाप की ही है, जिन्हें यह मंजूर नहीं वह अपना बाप दिखाएं। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों का श्राद्ध किए बगैर नहीं रहेगी, प्रॉमिस जय हिंद जय महाराष्ट्र'। शिवसेना ने कंगना को लेकर अपने तेवर और भी तीखे कर लिए हैं शिवसेना के ही विधायक प्रताप सरनाईक ने कंगना को धमकाते हुए कहा कि कंगना ने शहर की बुराई की है। जिसने उन्हें बड़ा किया मुंबई शहर का नाम मुंबा देवी माता के नाम पर रखा गया है कंगना ने मुंबई की बदनामी की है। कंगना जब भी मुंबई वापस लौटेंगी तब अगर शिवसेना की महिला अघाड़ी ने उनके साथ कुछ किया तो शिवसेना इसकी जिम्मेदारी लेने में पीछे नहीं हटेगी।
कंगना पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमेय खोपकर ने कंगना रनौत के बयान पर नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि कंगना के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार देशद्रोह का मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार करे। कंगना को शर्म आनी चाहिए कि जिस शहर ने उनको सब कुछ दिया उस शहर को और उस शहर की पुलिस को कंगना बदनाम कर रही है। अगर कंगना रनौत इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगती हैं और इसी तरह के बयान देना जारी रखेंगी तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की महिला विंग उन्हें सबक जरूर सिखाएगी। कंगना मानसिक रोग की शिकार हैं इसलिए सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट लिखती रहती हैं।
कंगना को मुंबई में रहने का अधिकार नहीं
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कंगना के ऊपर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि जिस प्रकार से कंगना रनौत ने मुंबई पुलिस के ऊपर अविश्वास जताया है और उसकी बदनामी की है। उसके अनुसार कंगना को अब मुंबई में रहने का कोई अधिकार नहीं है(NBT NEWS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही विभिन्न राज्यों में 64 विधानसभाओं और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव भी कराए जाएंगे। चुनाव की तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा की भी 27 सीटें रिक्त है। इसका मतलब है कि राज्य के उपचुनाव भी बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही होंगे।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि विभिन्न राज्यों में उपचुनाव कराने के संबंध में शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की गई थी। आयोग ने कहा कि विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 65 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 64 विधानसभा की जबकि एक सीट लोकसभा की खाली है, जहां उपचुनाव कराए जाने हैं।
आयोग ने कहा कि इसने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों या मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट और इनपुट पर चर्चा की, जिसमें कुछ राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश और अन्य बाधाओं सहित कई कारकों के मद्देनजर अपने राज्यों में उप-चुनावों को स्थगित करने की मांग की गई।
आयोग ने कहा कि बिहार में आम विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिसे 29 नवंबर से पहले कराए जाने की आवश्यकता है। इसे देखते हुए आयोग ने सभी 65 उपचुनावों को बिहार विधानसभा चुनावों के आसपास ही कराने का फैसला किया है।
चुनाव आयोग ने एक समय पर बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर एक ठोस वजह बताई है। आयोग के मुताबिक, उन्हें एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारकों में से एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम करना शामिल है।
आयोग की ओर से कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ इन उपचुनावों की घोषणा भी आयोग द्वारा उचित समय पर की जाएगी।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए विधानसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रोजगार के घटते आंकड़े को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि उसकी नीतियों के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और इस संकट को दूर करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
श्री गांधी ने ट्वीट कर कहा मोदी सरकार, रोजगार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो।
इसके साथ ही उन्होंने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमाअईई) का एक आंकड़ा भी दिया है जिसमें कहा गया है कि अगस्त माह में देश में बेरोजगारी 8.4 फीसदी बढ़ी है।
श्रीमती वाड्रा ने बेरोजगारी की वजह गिनाते हुए कहा 2017 के एसएससी-सीजीएल की भर्तियों में अभी तक नियुक्ति नहीं हुई। वर्ष 2018-सीजीएल परीक्षा का रिजल्ट तक नहीं आया। वर्ष 2019 के सीजीएल की परीक्षा ही नहीं हुई। वर्ष 2020-एसएससी सीजीएल की भर्तियां निकाली ही नहीं। भर्ती निकले तो परीक्षा नहीं, परीक्षा हो तो रिजल्ट नहीं,रिजल्ट आ जाये तो नियुक्ति नहीं।
उन्होंने आगे कहा प्राइवेट सेक्टर में छंटनी और सरकारी नौकरियों में भर्तियों पर ताला लगने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार सच पर पर्दा डालने के लिए विज्ञापनों और भाषणों में झूठ परोस रही है।
भुवनेश्वर, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुछ धर्म गुरुओं के खिलाफ नफरत भरे संदेश पोस्ट करने के आरोप में ओडिशा के कटक जिले के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार किया था। जिसकी पहचान सलीपुर के कुसुंभी गांव के निवासी 40 वर्षीय सैयद हसन अहमद के रूप में हुई है। बागपत जिले के अंतर्गत सिंघाबली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने कहा कि आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें देशद्रोह का आरोप भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि अहमद पर प्रतिष्ठित लोगों को धमकी भरे पोस्ट करने का आरोप है।
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1984 सिख दंगे के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोब्डे, ए. एस बोपन्ना और वी. रामसुब्रहमण्यम की खंडपीठ ने कहा कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील तभी सुनी जाएगी जब कोर्ट में फिजिकल हियरिंग यानी आमने-सामने सुनवाई होगी।
ये कोई छोटा मोटा केस नहीं है, खंडपीठ ने जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा।
शीर्ष न्यायालय ने सज्जन कुमार को अस्पताल में रहने की भी इजाजत नहीं दी। कोर्ट के मुताबिक उनका मेडिकल रिपोर्ट ऐसा नहीं है कि अस्पताल में रहने की जरूरत पड़े।
सज्जन की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट में गवाहों के बयान बदले हुए थे।
कोर्ट ने कहा कि जमानत नहीं दी जा सकती। दंगा पीड़ितों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फुल्का ने विकास सिंह की दलील का विरोध किया और कहा कि सज्जन कुमार के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
इससे पहले मई के महीने में भी कोर्ट ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट से उनके स्वास्थ्य की जांच करने को कहा था।
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग पूरी करने वाले युवा आईपीएस अफसरों को सेवाकाल के दौरान काम आने वाली कई सीख दी। प्रधानमंत्री ने नए पुलिस अफसरों को उन सेवादारों से बचने की सलाह दी, जो अफसरों के आते ही उनसे चिपकने के लिए चक्कर काटने लगते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षांत समारोह में हिस्सा ले रहे युवा पुलिस अफसरों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा, हर जगह दो-चार लोग हमसे चिपकने की कोशिश करते हैं। कहते हैं - साहब गाड़ी की जरूरत हो तो बता देना व्यवस्था कर देते हैं। ऐसे कई सेवादार आ जाते हैं। आप जहां जाएंगे जरूर ऐसी टोली होगी। उस चक्कर में फंस गए तो फिर निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। नए इलाके को अपनी आंख, कान और दिमाग से समझने का प्रयास करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईपीएस अफसरों को कानों में फिल्टर लगाने की भी सलाह दी और कहा कि लीडरशिप में सक्सेस होना है तो कान पर ताला नहीं फिल्टर लगा दीजिए। इससे जो जरूरी चीजें हैं, वहीं पहुंचेंगी, कूड़ा-कचरा दिमाग में नहीं जाएगा। मन मंदिर को साफ रखें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एकेडमी से वर्दी में निकलते ही आपके लिए चुनौतियां शुरू हो जाएंगी। आपकी तरफ लोगों के देखने का नजरिया ही बदल जाएगा। आप किस प्रकार अपने आपको कैसे प्रस्तुत करते हैं, इसको बहुत बारीकी से देखना होगा। फस्र्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन। आपकी जो छवि बन जाएगी, वही हमेशा आपके साथ ट्रैवल करती रहेगी। बन गई छवि से बाहर आने में बहुत समय लगेगा।
मुंबई, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने शुक्रवार को रिया चक्रवर्ती और बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मैनेजर सैमुअल मिरांडा के निवास पर छापा मारा। ये छापा एक कथित ड्रग कारोबारी जैद विलात्रा के मुंबई की अदालत द्वारा सात दिन के लिए एनसीबी कस्टडी में भेजने के बाद मारा गया है।
सुबह 6.30 बजे हुई छापेमारी अभी जारी है और इस संबंध में और ज्यादा जानकारी का इंतजार है।
एनसीबी के अधिकारी ने बताया कि छापे एक रूटीन प्रक्रिया के तहत मारे गए हैं। और इस दौरान कानून की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।
एनसीबी ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पत्र लिखकर कार्रवाई करने के आग्रह के बाद पिछले बुधवार को मामला दर्ज किया था।
मामला दर्ज करने के बाद, 27-28 अगस्त की आधी रात को एनसीबी ने मुंबई में तलाशी ली और अब्बास लखानी और करण अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 'बड' (क्यूरेटेड मारिजुआना) बरामद किया गया।
अधिकारी ने कहा कि नेटवर्क के बारे में विस्तार से पता करने और जांच में विलात्रा के साथ लखानी के संबंध सामने आए।
अधिकारी ने आगे कहा कि विलात्रा ने ड्रग पेडलिंग के रूप में राशि का खुलासा किया।
अधिकारी ने कहा कि विलात्रा ने यह भी खुलासा किया कि वह ड्रग पेडलिंग में है, खासकर बड, जिसके जरिए वह अच्छी खासी रकम कमाता था।
अधिकारी ने कहा, "विलात्रा से पूछताछ के आधार पर, अब्दुल बासित परिहार को जांच के दायरे में लाया गया। यह पता चला था कि ईडी द्वारा पेश किए गए विवरण के आधार पर प्रारंभिक जांच में पूर्व आरोपी व्यक्तियों के साथ परिहार के संबंध पाए गए थे।"
एनसीबी सूत्र ने कहा कि परिहार का संबंध सैमुअल मिरांडा से था, जो रिया चक्रवर्ती का करीबी सहयोगी भी था। मिरांडा पर रिया के भाई शोविक के निर्देश पर ड्रग्स खरीदने का आरोप है।
एनसीबी ने रिया, उसके भाई शोविक, टैलेंट मैनेजर जया साहा, सुशांत की को-मैनेजर श्रुति मोदी और गोवा के होटल व्यवसायी गौरव आर्य के खिलाफ 'नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट' की धारा 20 (बी) 28, 29 के तहत मामला दर्ज किया।
रिया और श्रुति मोदी, मिरांडा और सिद्धार्थ पिठानी के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मंगलवार को एनसीबी को लिखे जाने के बाद एनसीबी ने मामला दर्ज किया था।
लखनऊ, 4 सितंबर (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सपा सरकार में जिस तरह ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था, अब वैसे ही भाजपा सरकार में इनके साथ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है। मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा, "सपा सरकार में जैसे ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था तो अब वैसे ही वर्तमान भाजपा सरकार में भी इनके साथ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है। इनको जबरन् गलत मामलों में फं साया जा रहा है, जो अति दु:खद है।
उन्होंने आगे लिखा, "जिस प्रकार से सपा सरकार में दलितों के मसीहा बाबा साहेब डॉ. भाीमराव अम्बेडकर व इनके महान् सन्तों व गुरुओं की मूर्ति तोड़ी गई तथा उनके नाम पर रखे गये जिलों व संस्थानों आदि के नाम भी बदल दिये गए, ठीक उसी प्रकार से अब वर्तमान भाजपा सरकार भी चल रही है। अब तो उनके मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की भी मूर्ति तोड़ी जा रही है, जिसके पहले वाराणसी की व अब जौनपुर की घटना अति-निन्दनीय। सरकार इस मामले में उचित कदम उठाये। बसपा की यह मांग है।"
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली से सटे दो मशहूर ढाबों को यहां के कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सील कर दिया गया है। ये ढाबे दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर स्थित हैं और अपने खानपान के लिए काफी लोकप्रिय भी हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को इन्हें सील कर दिए जाने की सूचना दी।
उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा, अमरिक सुखदेव ढाबे के कम से कम 65 कर्मी और बॉलीवुड अभिनेता धर्मेद्र के मालिकाना हक वाले गरम धरम में 10 कर्मी कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं।
ये दोनों ही प्रसिद्ध ढाबे मुरथल में स्थित हैं, जो दिल्ली से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित हैं और इनकी लोकप्रियता के चलते यहां दूर-दूर से आने वाले लोगों की भीड़ हमेशा जमा रहती है।
स्वास्थ्य कर्मियों ने सुखदेव ढाबे में काम करने वाले 300 कर्मियों के नमूने एकत्रित किए थे।
पूनिया ने कहा कि हाइवे पर स्थित इन ढाबों में एक विशेष अभियान का संचालन किया गया था।
नयी दिल्ली 04 सितंबर (वार्ता) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया भर की सरकारों से विदेशी छात्रों के हितों की रक्षा करते हुए सुरक्षित घर वापसी का आह्वान किया है।
गुरूवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक में श्री जयशंकर ने लोगों की सीमा पार आवाजाही के लिए मानकीकरण का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में परीक्षण प्रक्रिया और परीक्षण परिणामों की सार्वभौमिक स्वीकार्यता, क्वारंटीन प्रक्रिया तथा गतिविधि और संक्रमण प्रोटोकॉल शामिल है।
उन्होंने बैठक में जी 20 के विदेश मंत्रियों को विदेशों में फंसे नागिरकों को निकालने के भारत द्वारा उठाए गए वंदे भारत मिशन सहित कदमों के बारे में अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा जी-20 अध्यक्ष सऊदी अरब ने बैठक का आयोजन किया है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद ने बैठक की अध्यक्षता की।
यह वर्चुअल बैठक कोविड-19 महामारी संकट को देखते हुए बुलाई गई।
कोरोना संकट के मद्देनजर सीमाओं पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर बैठक में चर्चा हुई।
बैठक के दौरान मंत्रियों ने कोरोना काल में अपने अपने देशों के सीमा पार प्रबंधन के उपायों के अनुभवों और सबको को साझा किया।
उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जी- 20 देशों को एक साथ लाने सक्रिय दृष्टिकोण के लिए सऊदी अरब की सराहना भी की।
इसके अलावा उन्होंने महामारी के मद्देनजर भारत द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया।
श्रीनगर, 4 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में शुक्रवार को जारी मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी घायल हो गया। यह जानकारी सेना के सूत्रों के हवाले से मिली है।
येदीपोरा में आतंकवादियों के बारे में एक विशेष जानकारी के आधार पर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम द्वारा घेराबंदी के बाद मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, वे बड़ी संख्या में सामने आने के बाद गोलीबारी करने लगे, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, "बारामूला के येदीपोरा पट्टन इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल अपनी मोर्चा संभाले हुए हैं।"
नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत-अमेरिका 2020 शिखर सम्मेलन में कहा कि देश में दूरगामी सुधारों के कारण लालफीताशाही कम होने से अब कारोबार करना आसान हुआ है। यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएस-आईएसपीएफ) नामक एक गैर लाभकारी संगठन की ओर से आयोजित इस शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत विदेशी निवेश के लिए अनुकूल स्थलों में से एक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, चाहे यह अमेरिका हो या खाड़ी देश, चाहे यूरोप हो या आस्ट्रेलिया, दुनिया हम पर विश्वास करती है। इस साल हमें 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्रवाह हासिल हुआ है। गूगल, अमेजन इन्वेस्टमेंट्स ने भारत के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का ऐलान किया है। मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी का हर किसी पर असर पड़ा है और यह हमारी ²ढ़ता, हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था, हमारी अर्थव्यवस्था की परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात एक नई सोच की मांग करते हैं। ऐसी सोच जहां विकास की रणनीति मानव केंद्रित हो। जहां हर किसी के बीच सहयोग की भावना हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए तेज गति से उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि इसके चलते 1.3 अरब जनसंख्या और सीमित संसाधनों वाले देश में प्रति मिलियन आबादी पर मृत्युदर दुनिया में सबसे कम बनी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित करने में नाकाम रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का जीएसटी एकीकृत है और पूरी तरह से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है। भारत को दुनिया के सबसे कम कर देने वाले देशों में से एक बनाकर और नई विनिर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन देकर ऐसा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में एफडीआई 2019 में 20 प्रतिशत बढ़ा है, वो भी तब, जब वैश्विक एफडीआई में 1 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये हमारी एफडीआई व्यवस्था की सफलता को दिखाता है।
ग्वालियर 4 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में होने वाले उपचुनाव से पहले नया सियासी मुद्दा जोर मारने लगा है और वह है रेत खनन। कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह नदी बचाओ सत्याग्रह कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा इसे महज नौटंकी करार देने के साथ अवैध खनन पर लगी रोक से उपजी बौखलाहट बता रही है।
ग्वालियर-चंबल हमेशा से ही रेत खनन को लेकर चर्चा में रहा है। सरकारें किसी भी दल की रही हों, मगर रेत खनन पर रोक नहीं लग पाई। अब विधानसभा के उपचुनाव होने से पहले कांग्रेस अवैध रेत खनन को मुद्दा बना रही है और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह 'नदी बचाओ सत्याग्रह' करने जा रहे हैं। यह सत्याग्रह 5 सितंबर से शुरू होगा और 11 सितंबर तक चलेगा।
गोविंद सिंह का आरोप है कि चंबल और सिंध सहित अनेक नदियों में रेत का अवैध खनन जारी है, यह खनन भाजपा नेताओं के संरक्षण में चल रहा है, साथ ही इन अवैध खनन करने वालों को पुलिस का साथ मिल रहा है। इसी के विरोध में यह सत्याग्रह किया जा रहा है।
डॉ. सिंह के मुताबिक, इस सत्याग्रह में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, मोहन प्रकाश, अजय सिंह, सज्जन वर्मा कंप्यूटर बाबा के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता जलपुरुष राजेंद्र सिंह और गाांधीवादी पी.वी. राजगोपाल हिस्सा लेंगे।
पूर्व मंत्री डॉ.सिंह द्वारा शुरू किए जा रहे नदी बचाओ सत्याग्रह को नगरी आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया महज नौटंकी करार देते हैं। भदौरिया का कहना है कि भिंड का बच्चा-बच्चा जानता है कि अवैध खनन करता कौन है, जो लोग अब तक अवैध खनन करते आए हैं वही नदी बचाओ सत्याग्रह की बात कर रहे हैं। वास्तव में भाजपा की शिवराज सरकार ने अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी है और इसी से पूर्व मंत्री डा सिंह और कांग्रेस बौखलाई हुई है, परिणामस्वरूप वह अपनी बौखलाहट को छुपाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
डॉ. सिंह द्वारा आयोजित किए जाने वाले सत्याग्रह में सामाजिक कार्यकर्ता जल पुरुष राजेंद्र सिंह और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल के शामिल के फैसले को क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता उचित नहीं मान रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सवाल कर रहे हैं कि अवैध खनन तो वर्षो से चल रहा है, मगर जब नदी में बाढ़ आई हुई है और किसान व खेत संकट में है तब सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी राजनीतिक दल के जाल में फंसने से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में रेत की चिंता छोड़कर खेत की चिंता करना जरूरी है। नदी बचाओ सत्याग्रह विशुद्ध रूप से राजनीतिक है, इसलिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी राजनीतिक दल के झंडे के नीचे खड़े होने से अपने को दूर रखना चाहिए, नहीं तो उन पर सवाल भी उठेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के 16 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव है, लिहाजा सभी दलों और उनके नेताओं केा अपना प्रभाव दिखाने के लिए मुद्दों की दरकार है। इसी के चलते रेत के अवैध खनन पर तकरार हो रही है। चुनावों में कभी भी नदी, रेत, जंगल मुद्दा नहीं बन पाते, क्योंकि मतदाता का सीधा वास्ता इनसे नहीं होता। सियासी तौर पर भले ही सत्याग्रह कुछ दिन चर्चाओं में रहे, मगर चुनावों पर असर डाल सकेगा, ऐसा संभव नहीं लगता।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)| चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की हालिया कोशिशों के बाद भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगातार चौथे दिन 'अनिष्कर्षपूर्ण' रही। चार घंटे तक चली लंबी बैठक के दौरान चीनी अड़े रहे और उन्होंने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने से इनकार कर दिया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की।"
इससे पहले, दिन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बीच सुरक्षा बलों की परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे। दो दिवसीय दौरे पर जनरल नरवने सुबह लेह पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।
जनरल नरवने चीनी घुसपैठ प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में ताजा घुसपैठ के प्रयास किए हैं। दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव को कम करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं।
चीन ने पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास में भड़काऊ सैन्य हरकतें कीं। चीनी सैनिकों ने 31 अगस्त को उकसावे वाली कार्रवाई की थी, मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए की भूमि पर कब्जा करने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया। 29 अगस्त और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक सहमति का उल्लंघन किया।
सेना प्रमुख नरवने 12,000 फीट की ऊंचाई पर कठोर जलवायु और शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर भीषण जलवायु चुनौतियों की समीक्षा करेंगे। सुरक्षा बलों को पूर्वी लद्दाख में तैनात 35,000 अतिरिक्त सैनिकों के लिए विशेष कपड़े, आहार और आश्रय की जरूरत है। लद्दाख के अधिकांश तनाव वाले स्थल, जैसे पैंगोंग झील और गलवान घाटी, समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। इन इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है।
दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार महीने से आमने-सामने हैं। बातचीत के कई स्तरों के बावजूद तनाव को खत्म करने को लेकर कोई सफलता नहीं मिली है।
गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं, मगर चीन ने अभी तक इस संबंध में चुप्पी साध रखी है।
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन के मामले की सुनवाई हुई। कट ऑफ डेट से बाहर होने की वजह से स्थायी कमीशन नहीं मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची 17 महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। भारतीय सेना में महिला अफसरों के लिए स्थायी कमीशन के मामले को लेकर कुछ महिला अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है।
दरअसल, सेना में महिला अफसरों के स्थायी कमीशन को कोर्ट ने अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद उन महिला अफसरों ने एक याचिका दाखिल की, जिन्होंने कट ऑफ डेट के बाद विस्तार के लिए 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी। उनकी मांग थी कि उनकी सेवा 20 साल कर दी जाए, ताकि उन्हें 20 साल के हिसाब से पेंशन और अन्य सुविधाएं मिल सकें।
न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, के. एम. जोसेफ और इंदु मल्होत्रा की एक पीठ ने कहा कि अधिकारियों के एक बैच को अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि फिर अन्य बैच भी इसी तरह के आदेश मांग सकते हैं। याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इन मामलों को संबोधित करना मुश्किल है, क्योंकि ये सभी राष्ट्र की सेवा में हैं।
पीठ ने कहा, "हम मदद करना चाहते हैं, लेकिन हमें कहीं तो एक सीमा रेखा खींचनी होगी।"
पीठ ने कहा, "हमारा फैसला था कि जिन्होंने फैसला आने वाले दिन तक 14 सालों तक की सेवा समाप्त कर ली है, उन्हें पेंशन और स्थायी कमीशन लाभ मिलेगा। कट-ऑफ फैसले की तारीख है। अगर हमने इसमें बदलाव किया तो हमें आगे आने वाले बैच के लिए भी बदलाव करना पड़ेगा।"
न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि इन महिला अधिकारियों ने मार्च में 14 साल पूरे कर लिए थे और अदालत ने कट-ऑफ की तारीख दी थी। उन्होंने कहा, "सरकारी आदेश बाद में आया। हम आखिर और कितनी दूर जा सकते हैं?"
मोहम्मद शोएब
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| पापा हमें भूल गए हो क्या ? ये सवाल सुन एक पिता के आंखों में आंसू आ गए। पिछले 6 महीने से इस सवाल के जवाब में पिता कहते आ रहे हैं कि जल्दी आऊंगा, हमारे देश इस वक्त संकट में है। दरअसल दिल्ली के एक एनजीओ में शव वाहन चलाने वाले बलदेव को हर दिन अपनो बेटी को यही जवाब देना पड़ता है। लेकिन मजबूरी है कि वो अपने घर नहीं जा सकते। दरअसल बलदेव दिल्ली की शहीद भगत सिंह सेवा दल एनजीओ में शव वाहन चलाते हैं और पिछले 6 महीनों से कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मौत हो रही है। उनके शवों को अस्पताल से शामशाम घाट पहुंचाने और उनके अंतिम संस्कार करने में भी मदद करते हैं।
दिल्ली के विवेक विहार निवासी बलदेव मार्च महीने से ही अपने परिवार से नहीं मिले हैं, उनके घर में एक 5 साल की बच्ची और उनकी बीवी है। जो की हर दिन इंतजार में रहते हैं कि कब बलदेव घर आएंगे और हमसे मुलाकात करेंगे।
हालांकि बलदेव उन कोरोना योद्धाओं में से एक हैं, जो हर दिन 4 से 5 कोरोना संक्रमित शवों को अस्पताल से शमशान घाट पहुंचाते हैं।
दिल्ली की शहीद भगत सिंह सेवा दल एनजीओ में बलदेव पिछले करीब 18 सालों से शव उठाने का काम कर रहे हैं। बलदेव ने आईएएनएस को बताया, "मार्च में आखिरी बार मैंने अपने परिवार से मुलाकात की थी। अब बस सुबह शाम फोन पर ही बीवी और बच्ची से बात होती है।"
उन्होंने बताया, "मेरी बिटिया हर दिन मुझसे पूछती है कि 'पापा हमें भूल गए हो क्या? मैं कहता हूं भुला नहीं हूं। मैं घर नहीं आ सकता क्योंकि मुझे डर है कि कहीं मेरी वजह से मेरे परिवार को कोरोना संक्रमण न हो जाये।"
एनजीओ की गाड़ियां जिस पार्किं ग में खड़ी होती हैं, वहीं बलदेव के साथ अन्य काम करने वाले लोगों के लिए भी रहने की व्यवस्था कर दी गई है।
एनजीओ शहीद भगत सिंह सेवा दल के आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट के हेड ज्योत जीत ने आईएएनएस को बताया, "बलदेव करीब 18 सालों से हमारे संस्थान में काम कर रहे हैं। हमारी 48 लोगों की टीम है। हम शवों को उठाने, दाह संस्कार कराने का काम करते हैं, बलदेव उसी टीम का हिस्सा हैं।"
नयी दिल्ली 03 सितंबर (वार्ता) । कांग्रेस ने देश की आर्थिक बदहाली के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि आजादी के बाद अर्थव्यवस्था पहली बार सबसे निचले स्तर पर है और इसे पटरी पर लाने की सरकार के पास कोई योजना नहीं है इसलिए इस मुद्दे पर उसने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है ।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार अर्थव्यवस्था को उबरने के उपाय नहीं कर पा रहे है। वह खामोश बैठ गए हैं और देश की लगातार डूब रही अर्थव्यवस्था को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 73 साल में पहली बार जीडीपी शून्य से नीचे 23 प्रतिशत तक गिर गयी है। इसका मतलब है कि देशवासियों की औसत आय अब धड़ाम से गिर जाएगी। लगातार टूट रही इस अर्थव्यवस्था का सीधा असर आम आदमी पर पड़ना तय है और सरकार देश के जनसामान्य को बचाने का कोई ठोस उपाय करने की बजाय चुप्पी साध गयी है और उसकी यह खामोशी बहुत खतरनाक है।
प्रवक्ता ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार इसकी वजह से 2019-20 में प्रति व्यक्ति सालाना आय 1,35,050 आंकी गई जबकि चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून में जीडीपी शून्य से 24 प्रतिशत पर आ गयी है। दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर में हाल इससे भी बुरा है यानि पूरे साल में अगर जीडीपी शून्य से 11 प्रतिशत नीचे तक भी गिरी, तो आम देशवासी की आय सालाना 14,900 रुपये कम हो जाएगी। एक तरफ महंगाई की मार, दूसरी ओर सरकारी टैक्सों की भरमार और तीसरी ओर मंदी की मार और ये तीनों मिलकर आम आदमी की कमर तोड़ डालेंगे।
नयी दिल्ली 03 सितम्बर (वार्ता)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पूर्वी लद्दाख में ताजा घटनाक्रम की जानकारी देने के एक दिन बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज खुद सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ करीब चार महीने से जारी गतिरोध के दौरान पिछले सप्ताह एक बार फिर तनाव बढ गया क्योंकि चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के निकट एक बार फिर दोनों पक्षों की सहमति का उल्लंघन करते हुए यथा स्थिति बदलने की कोशिश की। भारतीय सेना ने इस कोशिश को विफल कर दिया और इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए सामरिक महत्व के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर डेरा डाल लिया। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव बढ गया है।
सेना के सूत्रों के अनुसार सेना प्रमुख आज सुबह लद्दाख पहुंचे जहां वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सैन्य संचालन तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
जनरल नरवणे ने एक दिन पहले ही एक उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा हालातों से अवगत कराया था। उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारियों और भविष्य की योजना पर भी चर्चा की थी।
भारत का कहना है कि चीनी सैनिकों ने मंगलवार को एक बार फिर आक्रामक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की थी। चीन मुद्दों के समाधान के लिए कमांडर स्तर की वार्ता जारी रहने के बावजूद इस तरह की हरकतें कर स्थिति को बिगाड़ना चाहता है।
इस बीच तनाव कम करने और स्थिति सामान्य बनाने के लिए दोनों और के सैन्य अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
मुंबई, 3 सितंबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री कंगना रनौत ने शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा उन्हें मुंबई वापस न आने के लिए कहने को लेकर निंदा की है और कहा कि सांसद का बयान उनके लिए खुली धमकी की तरह है। कंगना ने अपने सत्यापित अकाउंट से ट्वीट में लिखा, "शिवसेना के नेता संजय राउत ने मुझे खुली धमकी दी और मुझे वापस मुंबई न आने के लिए कहा, पहले मुंबई की गलियों में अजादी वाले पोस्टर और अब खुली धमकियां, मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जैसा क्यों लग रहा है?"
अभिनेत्री ने एक समाचार रिपोर्ट के लिंक को भी साझा किया, जिसमें कहा गया था कि राउत ने कंगना को वापस मुंबई आने से परहेज करने के लिए कहा है, क्योंकि उन्होंने (कंगना ने) बयान दिया था कि उन्हें 'फिल्म माफिया' से अधिक शहर के पुलिस बल से डर लगता है।
वहीं कंगना ने हाल ही में आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अपराध और गुंडागर्दी को प्रोत्साहित किया।
इससे एक दिन पहले अभिनेत्री ने साझा किया था, "मैं रचनात्मक आलोचना के लिए तैयार हूं, मैं दूसरों के दृष्टिकोण से सहानुभूति रखने के लिए बहुत उत्सुक हूं, यह मेरे नजरिए को और उभारेगा और मुझे अधिक उद्देश्य देगा, यदि आप सिर्फ एक बुली/ट्रोल हैं, तो कहने के लिए तर्कसंगत कुछ भी नहीं है। आपको बस ब्लॉक कर दिया जाएगा, दुनिया में कहीं भी आपकी यूएसई क्या है?"
मुंबई, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सबूतों को व्यवस्थित तरीके से मिटाया गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद ने गुरुवार को अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सबूतों को व्यवस्थित तरीके से मिटाया गया। इसके लिए मेहनत से सबूतों के पुननिर्माण की जरूरत है। एसएसआर का अगले दिन ही दाह-संस्कार कर दिया गया था, सबसे मुश्किल कूपर अस्पताल की ऑटोप्सी रिपोर्ट का दोबारा मूल्यांकन करना है। इसलिए सीबीआई द्वारा एकत्रित परिस्थितिजन्य सबूत और कबूलनामे के बीच इस अंतर को भरना होगा।"
उन्होंने इससे पहले बुधवार को ट्वीट कर कहा था, "कुछ पुलिस अधिकारी मीडिया में यह बता रहे हैं कि एम्स के पोस्टमार्टम से यह पता चलेगा कि यह हत्या थी या आत्महत्या। वे ऐसा कैसा कर सकते हैं, जब सुनंदा केस की तरह ही उनके पास एसएसआर का शव नहीं है? ज्यादा से ज्यादा, एम्स की रिपोर्ट यही बता सकती है कि डॉ. कूपर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा क्या किया गया और क्या नहीं किया गया। "
हाल ही में स्वामी ने सुशांत की ओटॉप्सी करने वाले पांच डॉक्टरों पर भी निशाना साधा था।
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर दिल्ली में रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी बस्तियों (स्लम) को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। दिल्ली में रेलवे पटरियों के किनारे पड़े कचरे, प्लास्टिक की थैलियों और कचरे के ढेर के मामले से निपटने के दौरान शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने कहा, सुरक्षा क्षेत्रों में जो अतिक्रमण हैं, उन्हें तीन महीने की अवधि के भीतर हटा दिया जाना चाहिए और इस मामले में कोई हस्तक्षेप, राजनीतिक या अन्यथा नहीं होना चाहिए। कोई भी अदालत विचाराधीन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के संबंध में कोई स्टे नहीं देगी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में यदि कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ईपीसीए की रिपोर्ट में सामने आई तस्वीर के साथ ही रेलवे द्वारा दायर जवाब दिखाता है कि अब तक कुछ नहीं किया गया है और कूड़े का ढेर लग गया है और उसी वक्त, उस इलाके में मानव आबादी अनधिकृत ढंग से बस गई, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
पीठ ने तीन माह के भीतर प्लास्टिक के थैले, कूड़े आदि को हटाने के संबंध में योजना के क्रियान्वयन का और सभी हितधारकों यानि रेलवे, दिल्ली सरकार और संबंधित नगर पालिकाओं के साथ ही दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूआईएसबी) की अगली हफ्ते बैठक बुलाने और उसके बाद काम शुरू किए जाने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा, अपेक्षित राशि का 70 प्रतिशत रेलवे और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को जारी आदेश में कहा था कि हितधारकों को इन झुग्गियों को हटाने के लिए एक व्यापक योजना विकसित करनी चाहिए और इसे चरणबद्ध तरीके से निष्पादित किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने फरवरी में पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए), दिल्ली सरकार और विभिन्न नगर निगमों से रेलवे लाइनों के पास अपशिष्ट पदार्थों के निपाटन के लिए एक मजबूत संयंत्र विकसित करने के लिए कहा था, जिसमें प्लास्टिक की थैलियों को हटाना शामिल है।
पीठ ने उत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय में अतिरिक्त संभागीय रेलवे प्रबंधक अश्विनी कुमार यादव द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इलाके में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे झुग्गियां बहुत अधिक संख्या में मौजूद हैं।
हलफनामें कहा गया है कि कुल 140 किलोमीटर में से 70 किलोमीटर लाइन के साथ बहुत ज्यादा झुग्गियां है और रेलवे लाइनों से सटी इन झुग्गियों की संख्या करीब 48,000 है।